विनियामक प्रयोजनों के लिए शहरी सहकारी बैंकें का वर्गीकरण-संशोधित मानदंड - आरबीआई - Reserve Bank of India
विनियामक प्रयोजनों के लिए शहरी सहकारी बैंकें का वर्गीकरण-संशोधित मानदंड
भारिबैं/208/259
संदर्भ स.शबैंवि.(पीसीबी)परि.सं.35 /09.20.001/2007-08
मार्च 07 , 2008
मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक
महोदय / महोदया
विनियामक प्रयोजनों के लिए शहरी सहकारी बैंकें का वर्गीकरण - संशोधित मानदंड
जैसा कि आपको विदित है, बैंकों को विनियामक प्रयोजन से निम्नानुसार वर्गीकृत किया गया है ;
(क) टियर I बैंक : यूनिट बैंक अर्थात बैंक जिसकी एक ही शाखा / प्रधान कार्यालय है जिनकी जमाराशि रु 100 करोड़ तक है तथा एक ही जिले में अनेक शाखाओं वाले बैंक जिनकी जमाराशि रु.100 करोड़ तक है
(ख) टियर II बैंक : अन्य सभी बैंक
2. शहरी सहकारी बैंकों से प्राप्त अभ्यावेदनों के आधार पर टियर I बैंकें की परिभाषा में संशोधन करने का निर्णय लिया गया है तथा तदनुसार विनियामक प्रयोजन से टियर I बैंकों को निम्नानुसार वर्गीकृत किया जाए ;
(क) टियर I बैंक :
(i)यूनिट बैंक अर्थात एक शाखा / प्रधान कार्यालय वाले बैंक तथा रु.100 करोड़ से कम जमाराशि वाले बैंक जिनकी शाखाएं एक ही जिले मे स्थित हैं ।
(ii) 100 करोड रुपये से कम जमाराशि वाले बैंक जिनकी शाखाएं एक से अधिक जिलों मे स्थित हों बशर्ते शाखाएं सटे हुए जिलों में हें और प्रत्येक जिले में शाखाओं की जमाराशि और अग्रिम बैंक की क्रमश: कुल जमाराशि और अग्रिम का कमसे कम 95% हों ।
(iii) रु.100 करोड़ से कम जमाराशि वाले बैंक जिनकी शाखाएं मूल रूप में एक ही जिले में थीं परंतु जिले के पुनर्गठन के कारण बाद में वे बहु-जनपदीय बन गए ।
(ख) टियर II बैंक : अन्य सभी बैंक
इसके आगे 100 करोड़ के जमाराशि आधार का निर्धारण संबंधित वित्तीय वर्ष में पखवाड़े की निवल मांग और मीयादी देयताओं के औसत के आधार पर किया जाएगा ।
3. संशोधित अनुदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे ।
भवदीय
(ए.के.खौंड)
मुख्य महाप्रबंधक