स्वच्छ नोट नीति -नोट पैकेट बाँधना - स्टिकर्स इत्यादि का इश्तेमाल - आरबीआई - Reserve Bank of India
स्वच्छ नोट नीति -नोट पैकेट बाँधना - स्टिकर्स इत्यादि का इश्तेमाल
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स्वच्छ नोट नीति -नोट पैकेट बाँधना - स्टिकर्स इत्यादि का इश्तेमाल
संदर्भ: मुप्रवि(एनपीडी)सं.317/09.39.00/2003-04
11 अक्तूबर 2003
अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक
सभी सरकारी/निजी क्षेत्र के बैंक/विदेशी बैंक/
सहकारी बैंव /क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
महोदय/महोदया,
स्वच्छ नोट नीति -नोट पैकेट बाँधना - स्टिकर्स इत्यादि का इश्तेमाल
कृपया 13 सितंबर 2002 के हमारे परिपत्र मुप्रवि(पीएलजी)सं.474/10.36.00/2002-03 का संदर्भ लें , जिसमें बैंकों को नोट पैकेट बांधने के लिए पेपर/पॉलिमर पट्टियां प्रयोग करने हेतु सूचित किया गया था।
2. हम स्वच्छ नोट नीति लागू करने में किये गये आपके प्रयासों की सराहना करते हैं कि अब करेंसी चेस्ट अपने गंदे नोटों का प्रेषण बिना स्टैपल्स लगे स्थिति मे भेज रहे हैं लेकिन यह भी देखने में आया है कि कुछ बैंक नोट पैकेट बांधने के लिए चिपकने वाले स्टिकर्स/गोंद लगे हुए लेबल लगाते हैं जो कि नोट पैकेटों के सबसे ऊपर वाले और सबसे नीचे वाले नोटों पर चिपक जाते हैं। इस प्रकार के नोट पैकेट तोड़ते समय भारतीय रिज़र्व बैंक के कार्यालयों, बैंकों और बैंक-ग्राहकों को उन पर से स्टिकर्स /गोंद लगे हुए लेबल छुड़ाने में कठिनाई होती है और ऐसे स्टिकर्स / लेबल छुड़ाते समय कुछ नोट क्षतिग्रस्त हो जाते हैं । नोट पैकेटों के सबसे ऊपर वाले और नीचे वाले नोटों पर स्टिकर्स या गोंद युक्त लेबल चिपके होने से नोटों के मुद्रा सत्यापन और प्रसंसाधन प्रणाली (सीवीपीएस)द्वारा प्रसंसाधन में भी कठिनाई होती है। अत: हमारा अनुरोध है कि आप करेंसी चेस्ट वाली शाखाओं सहित अपनी समस्त बैंक शाखाओं को निर्देश दें कि वे नोट पैकेटों को बांधने के लिए केवल पेपर / पॉलिमर या धागे का इश्तेमाल करें । अगर गन्दे नोट प्रेषण में एैसे स्टिकर्स चिपकाए हुए नोट पैकेट मिल जाते हैं तो वे स्थानीय करेंसी चेस्ट को लौटा दिये जायेंगे और उनकी राशि बैंक के खाते से वसूल की जायेगी
3. एैसा भी देखने में आया है कि कुछ करेंसी चेस्ट भारतीय रिज़र्व बैंक के निर्गम कार्यालयों को गंदे नोटों का प्रेषण भेजते समय स्टैपल विेए हुए नोट पैकेट बिना स्टैपल लगे हुए नोट पैकेटों में इरादतन जानबूझ कर मिला देते हैं । कृपया यह ध्यान रहे कि इस प्रकार की घटनाओं को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35-ए के अधीन 7 नवंबर , 2001 को जारी निदेश पत्र का उल्लंघन माना जायेगा और इस प्रकार के उल्लंघन वाले मामलो में अर्थदंड लगाया जायेगा । अत: आप कृपया अपनी करेंसी चेस्ट वाली शाखाओं को एक बार पुन: सचेत कर दें कि वे भारतीय रिज़र्व बैंक को गंदे नोट का प्रेषण भेजते समय वेवल बिना स्टैपल लगे हुए नोट भेजें ।
कृपया इस पत्र की प्राप्ति सूचना दें।
भवदीय,
(वी. आर. गायकवाड़)
मुख्य महा प्रबंधक