पुराने बकाया बिलों का निपटान (के मामले बंद करना) (closing): निर्यात - अनुवर्ती कार्रवाई – एक्सओएस विवरण
भारिबैंक/2013-14/325 14 अक्तूबर 2013 सभी श्रेणी-। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महेदया/महोदय, पुराने बकाया बिलों का निपटान (के मामले बंद करना) प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान, 9 सितंबर 2000 के ए. पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.12 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों को, निर्यात की तारीख से छ: महीनों से अधिक अवधि के लिए बकाया रहे सभी निर्यात बिलों के ब्योरे देते हुए फार्म एक्सओएस में एक समेकित विवरण रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को प्रत्येक वर्ष जून और दिसंबर के अंत में छ:माही आधार पर प्रस्तुत करना आवश्यक है। 2. समीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि प्राधिकृत व्यापारी बैंकों द्वारा एक-बारगी उपाय के रूप में पुराने निर्यात बिलों का निपटान किया जाए (के मामले बंद किए जाएं), बशर्ते ऐसा मामला कोई लंबित दीवानी मुकदमा/ फौज़दारी मुकदमा न हो; निर्यातक प्रवर्तन निदेशालय (DoE)/ केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI)/ राजस्व आसूचना निदेशालय (DRI)/ किसी ऐसी अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसी की प्रतिकूल नोटिस में न आता हो; निर्यात-प्राप्तकर्ता देशों के साथ कोई बाह्य स्वरूप की समस्या (externalization problems) न हो तथा निर्यात बिल निम्नलिखित श्रेणियों में आता हो:
3. प्राधिकृत व्यापारी बैंक निपटान (बंद) किए गए मामलों की रिपोर्ट भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को संलग्नक में दिए गए फार्मेट में एक्सेल शीट में प्रस्तुत करें। 4. मामलों के निपटान (बंद होने) के बाद प्राधिकृत व्यापारी कोई अनुवर्ती कार्रवाई नहीं करेंगे तथा इन बकाया बिलों के संबंध में भविष्य में निर्यात बकाया विवरणों (XOS) में उन्हें रिपोर्ट नहीं करेंगे। 5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अधीन और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं । (सी. डी. श्रीनिवासन) निर्यात संबंधी बकाया डाटा प्रस्तुत करने के लिए फार्मेट
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