बैंक-वाइड समेकित आर -विवरणी का समेकन
आरबीआइ/2008-08/246
ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.30
फरवरी 25, 2008
सेवा में
सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक
महोदया/महोदय,
बैंक-वाइड समेकित आर -विवरणी का समेकन
प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान मार्च 23, 2006 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.10 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों को शाखावार आर -विवरणी की प्रस्तुति की वर्तमान प्रणाली के अलावा, बैंक-वाइड आर-विवरणी प्रस्तुत करने का विकल्प है ।तदनुसार , विदेशी मुद्रा लेनदेन संबंधी आंकड़ों की केंद्रीकृत प्रोसेसिंग की सुविधावाले प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक , बैंक-वाइड आर-विवरणी की प्रस्तुति के विकल्प का उपयोग कर सकते हैं ।इसके अलावा , बैंक-वाइड आर-विवरणी की प्रस्तुति के विकल्प का उपयोग न करनेवाले प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों को सूचित किया गया कि वे आर-विवरणी के शाखावार से बैंक-वाइड प्रस्तुति के निर्विध्न परिवर्तन के लिए आवश्यक कार्रवाई और आवश्यक संरचना का निर्माण करें ,क्योंकि शाखावार आर -विवरणी की प्रस्तुति की वर्तमान प्रणाली को आखिरकार चरणबद्ध रूप में समाप्त कर दिया जाएगा और सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों को बैंक-वाइड आर-विवरणी की प्रस्तुति की नई प्रणाली को अपनाना आवश्यक होगा ।
2. आर-विवरणी के शाखावार से बैंक-वाइड प्रस्तुति में परिवर्तन के लिए समयसीमा निर्धारित करने का निर्णय लिया गया है ।तदनुसार , सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों को जनवरी 2009 के प्रथम पखवाड़े से बैंक-वाइड आर-विवरणी प्रस्तुत करना आवश्यक होगा ।
3. इस परिपत्र में दिए गए निदेश फेमा 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के तहत जारी किए गए हैं।
भवदीय
(सलीम गंगाधरन)
मुख्य महाप्रबंधक
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