RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S2

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79211177

मुख्य अनुपालन अधिकारी (सीसीओ) की भूमिका और अनुपालन कार्य

भारिबैं/2022-23/24
संदर्भ संख्या प.वि.कें.का.पीपीजी/एसईसी.01/11.01.005/2022-23

11 अप्रैल 2022

अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यकारी अधिकारी
सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां

महोदया/महोदया

मुख्य अनुपालन अधिकारी (सीसीओ) की भूमिका और अनुपालन कार्य

कृपया दिनांक 22 अक्टूबर, 2021 के परिपत्र संदर्भ.डीओआर. सीआरई. आरईसी. सं.60/03.10.001/2021-221 के माध्यम से जारी 'स्केल आधारित विनियमन (एसबीआर): एनबीएफसी के लिए एक संशोधित विनियामकीय ढांचा' पर रिज़र्व बैंक के दिशानिर्देशों का संदर्भ लें। जैसा कि उसमें बताया गया है, उच्‍च स्‍तर (एनबीएफसी-यूएल) और मध्‍य स्‍तर (एनबीएफसी-एमएल) की गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को, अन्य बातों के साथ-साथ, एक स्वतंत्र अनुपालन कार्य और एक मुख्य अनुपालन अधिकारी (सीसीओ) की आवश्यकता होगी। तदनुसार, यह परिपत्र सभी एनबीएफसी-यूएल और एनबीएफसी-एमएल पर लागू होगा। बेस लेयर (एनबीएफसी-बीएल) में एनबीएफसी मौजूदा दिशानिर्देशों2 के तहत शासित होती रहेंगी।

2. कॉरपोरेट गवर्नेंस के लिए समग्र संरचना के भाग के रूप में, अनुपालन कार्य एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। तदनुसार, आनुपातिकता के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए एनबीएफसी-यूएल और एनबीएफसी-एमएल में अनुपालन कार्य के लिए कतिपय सिद्धांतों, मानकों और प्रक्रियाओं को शामिल करने का निर्णय लिया गया है।

3. एनबीएफसी-यूएल और एनबीएफसी-एमएल को अनुबंध में दिए गए ढांचे के आधार पर एक मुख्य अनुपालन अधिकारी (सीसीओ) की नियुक्ति सहित बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति और अनुपालन कार्य को क्रमशः 1 अप्रैल, 2023 और 1 अक्टूबर, 2023 तक करना होगा।

4. इस परिपत्र को समयबद्ध तरीके से बोर्ड के पर्यवेक्षण में सूचना और कार्यान्वयन रणनीति तैयार करने के लिए निदेशक मंडल की अगली बैठक में प्रस्तुत किया जाए।

भवदीय,

(अर्णब कुमार चौधरी)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

अनुलग्नकः अनुबंध


अनुबंध

अपर लेयर और मिडिल लेयर (एनबीएफसी-यूएल और एनबीएफसी-एमएल) गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में अनुपालन कार्य के लिए ढांचा और मुख्य अनुपालन अधिकारी की भूमिका

1. परिचय

अनुपालन कार्य आंतरिक नियंत्रण और जोखिम प्रबंधन प्रक्रियाओं के साथ-साथ प्रभावी गवर्नेंस का एक अभिन्न अंग है। उच्च स्तर और मध्य स्तर में एनबीएफसी केवल न्यूनतम दिशानिर्देशों के एक सेट के रूप में परिपत्र में दिए गए सुझावों को मानेंगे और तदनुसार अपने कॉर्पोरेट शासन ढांचे, परिचालन के पैमाने, जोखिम प्रोफाइल और संगठनात्मक संरचना आदि को ध्यान में रखते हुए अपने दिशानिर्देश तैयार करेंगे।

2. अनुपालन जोखिम

अनुपालन जोखिम 'कानूनी या नियामक प्रतिबंधों, भौतिक वित्तीय हानि या प्रतिष्ठा की हानि का जोखिम है, जो एनबीएफसी को अपनी गतिविधियों पर लागू कानूनों, विनियमों, नियमों और आचार संहिता आदि का पालन करने में विफलता के परिणामस्वरूप भुगतना पड़ सकता है।

3. अनुपालन कार्य का दायरा और व्याप्ति (कवरेज)

अनुपालन कार्य एनबीएफसी के लिए सभी सांविधिक और विनियामकीय अपेक्षाओं का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करेगा, जिसमें बाजार आचरण के मानक, हितों के टकराव का प्रबंधन, ग्राहकों के साथ उचित व्यवहार करना और ग्राहक सेवा की उपयुक्तता सुनिश्चित करना शामिल है।

4. बोर्ड और वरिष्ठ प्रबंधन के दायित्व

4.1 बोर्ड/बोर्ड समिति3 यह सुनिश्चित करेगी कि एक उपयुक्त अनुपालन नीति बनाई जाए और उसे लागू किया जाए। इसके अलावा, बोर्ड/बोर्ड समिति अनुपालन जोखिम की समीक्षा के लिए आवधिकता निर्धारित करेगी।

4.2 वरिष्ठ प्रबंधन:

i) एनबीएफसी के समक्ष आने वाले प्रमुख अनुपालन जोखिम की पहचान करने और उसका आकलन करने के लिए वर्ष में कम से कम एक बार अभ्यास करें और इसे प्रबंधित करने के लिए योजना तैयार करें;

ii) बोर्ड/बोर्ड समिति को निर्धारित अवधि पर समीक्षा प्रस्तुत करे और अनुपालन की विस्तृत वार्षिक समीक्षा करें; और

iii) किसी भी महत्वपूर्ण अनुपालन विफलता पर बोर्ड/बोर्ड समिति को तुरंत रिपोर्ट करें, जबकि यह सुनिश्चित किया जाए कि उचित उपचारात्मक या अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाती है।

5. अनुपालन कार्य के दायित्व

5.1 अनुपालन कार्य कम से कम निम्नलिखित गतिविधियों को शुरू करने के लिए उत्तरदायी होगा:

i) अनुपालन नीति के कार्यान्वयन की निगरानी करने में बोर्ड और वरिष्ठ प्रबंधन की सहायता करना, जिसमें नीतियों और प्रक्रियाओं, अनुपालन मैनुअल में नुस्खे, आंतरिक आचार संहिताएं आदि शामिल हैं।

ii) संगठन में अनुपालन जोखिम के स्तर की पहचान करने में प्रमुख भूमिका निभाएं। मौजूदा/नए उत्पादों और प्रक्रियाओं में अनुपालन जोखिमों का विश्लेषण किया जाएगा और जोखिम को कम करने के लिए उचित उपाय किए जाएंगे। मुख्य अनुपालन अधिकारी (सीसीओ) 'नए उत्पाद' समिति/समितियों के सदस्य होंगे। सभी नए उत्पाद शुरूआत में कम से कम प्रथम छह महीनों के लिए गहन निगरानी के अधीन होने चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अनुपालन जोखिम के संकेतक मानकों की पर्याप्त निगरानी की जाती है।

iii) अनुपालन संबंधी कार्य का पर्याप्त और प्रतिनिधिक अनुपालन परीक्षण करते हुए अनुपालन की निगरानी और परीक्षण करेगा, और ऐसे अनुपालन परीक्षण के परिणामों की सूचना वरिष्ठ प्रबंधन को दी जाएगी। यह समय-समय पर आवश्यक निवारक अनुदेशों के साथ कर्मचारियों के बीच अनुपालन विफलताओं के उदाहरणों को परिचालित करेगा। अनुपालन की प्रमुख विफलताओं के लिए कर्मचारियों की जवाबदेही की जांच की जाएगी।

iv) आरबीआई द्वारा दिए गए विनियामकीय/पर्यवेक्षी निदेशों का समयबद्ध और स्‍थायी रूप से अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित करना। आरबीआई एक प्रभावी अनुपालन कार्यक्रम की अपेक्षा करना जारी रखेगा जहां सभी जोखिम शमन योजना (आरएमपी)/निगरानी योग्य कार्य योजना(एमएपी) संबंधी बिंदुओं का अनुपालन निर्धारित समय सीमा के भीतर किया जाता है। आरएमपी/एमएपी के असंतोषजनक अनुपालन के लिए आरबीआई दंडात्मक कार्रवाई कर सकता है।

v) उन मामलों में अन्य विनियामकों के निदेशों के अनुपालन पर ध्‍यान दें जहां संस्था की गतिविधियां भारतीय रिज़र्व बैंक के विनियमन/पर्यवेक्षण तक सीमित नहीं हैं। इसके अलावा, अन्य विनियामकों द्वारा किसी भी मुद्दे पर एनबीएफसी को हुई असुविधा और किसी अन्य प्राधिकरणों/कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा की गई कार्रवाई को भारतीय रिज़र्व बैंक के ध्यान में लाया जाएगा।

vi) अनुपालन विभाग, विभिन्न विनियामकीय और सांविधिक दिशानिर्देशों के स्पष्टीकरण/व्याख्या हेतु परिचालन विभागों के कर्मचारियों के लिए एक संदर्भ बिंदु के रूप में भी कार्य कर सकता है।

5.2 सीसीओ, एनबीएफसी और विनियामकों/पर्यवेक्षकों के बीच संपर्क का नोडल बिंदु होगा और आरबीआई के साथ आयोजित संरचनात्‍मक अथवा अन्य नियमित चर्चाओं में अनिवार्य रूप से भाग लेगा। इसके अलावा, आरबीआई की निरीक्षण रिपोर्टों के अनुपालन को अनुपालन कार्य कार्यालय के माध्यम से आरबीआई को अनिवार्य रूप से सूचित किया जाएगा।

5.3 कुछ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में, विभिन्न सांविधिक और अन्य आवश्यकताओं के अनुपालन पर ध्‍यान देने वाले अलग-अलग विभाग / प्रभाग हो सकते हैं। ऐसे मामलों में, संबंधित विभाग अपने-अपने क्षेत्रों के लिए प्रमुख जिम्मेदारी वहन करेंगे, जिसे स्पष्ट रूप से रेखांकित किया जाएगा। लागू सांविधिक प्रावधानों और विनियमों का पालन करना प्रत्येक स्टाफ सदस्य की जिम्मेदारी है। हालांकि, अनुपालन कार्य को समग्र निरीक्षण सुनिश्चित करने की आवश्यकता होगी।

6. एनबीएफसी में अनुपालन ढांचे की व्यापक रूपरेखा

क. अनुपालन नीति

ए. एनबीएफसी, अपने अनुपालन सिद्धांत, अनुपालन संस्कृति संबंधी अपेक्षाएं, अनुपालन कार्य की संरचना और भूमिका, सीसीओ की भूमिका, अनुपालन जोखिम की पहचान, मूल्यांकन, निगरानी, प्रबंधन और अनुपालन जोखिम की रिपोर्टिंग के लिए प्रक्रियाओं को स्पष्ट करते हुए एक बोर्ड-अनुमोदित अनुपालन नीति निर्धारित करेगा। इस नीति की वर्ष में कम से कम एक बार समीक्षा की जाएगी।

बी. मोटे तौर पर, पॉलिसी निम्नलिखित पहलुओं की व्याप्ति (कवरेज) सुनिश्चित करेगी:

i) अनुपालन कार्य की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के उपाय और वरिष्ठ प्रबंधन, बोर्ड/बोर्ड समिति को निष्कर्षों और दृष्टिकोण को स्वतंत्र रूप से प्रकट करने का अधिकार;

ii) विभिन्न विनियामकीय और सांविधिक अनुपालन अपेक्षाओं पर ध्यान केंद्रित करना;

iii) अनुपालन परीक्षण प्रक्रिया के लिए निगरानी तंत्र;

iv) वरिष्ठ प्रबंधन और बोर्ड/बोर्ड समिति को अनुपालन जोखिम मूल्यांकन और जोखिम प्रोफाइल में परिवर्तन आदि सहित रिपोर्टिंग आवश्यकताएं;

v) नीचे भाग घ में निर्दिष्ट जानकारी तक पहुंच प्राप्त करने के लिए अनुपालन कार्य का अधिकार;

vi) कर्मचारियों के बीच विनियामकीय निर्धारणों और दिशा-निर्देशों की जानकारी को प्रसारित करने और परिचालनगत मैनुअल के आवधिक अद्यतन के लिए तंत्र; और

vii) अनुपालन विभाग द्वारा सभी नई प्रक्रियाओं और उत्पादों के लिए उनकी शरूआत से पहले अनुमोदन प्रक्रिया।

ख. अनुपालन संरचना

इस परिपत्र में निर्धारित अपेक्षाओं को पूरा करने वाले मुख्य अनुपालन अधिकारी(सीसीओ) के नेतृत्व में अनुपालन विभाग का नेतृत्व किया जाएगा। एनबीएफसी अनुपालन कार्य के लिए अपने स्वयं के संगठनात्मक ढांचे को अपनाने के लिए स्वतंत्र हैं। हालांकि, कार्य स्वतंत्र और पर्याप्त रूप से संसाधन संपन्न होगा, इसकी जिम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से निर्दिष्ट किया जाएगा और इसकी गतिविधियां आवधिक और स्वतंत्र समीक्षा के अधीन होंगी।

ग. अनुपालन कार्यक्रम

एनबीएफसी उनके द्वारा सामना किए जाने वाले प्रमुख अनुपालन जोखिमों की पहचान करने और उनका आकलन करने के लिए वार्षिक अनुपालन जोखिम मूल्यांकन करेगा और जोखिम प्रबंधन के लिए एक योजना बनाएगा। वरिष्ठ प्रबंधन द्वारा की जाने वाली वार्षिक समीक्षा, कम से कम निम्नलिखित पहलुओं की व्याप्ति (कवरेज) सुनिश्चित करेगी:

  1. पूर्ववर्ती वर्ष की अनुपालन विफलताएं, यदि कोई हों, तो और परिणामी हानि और विनियामकीय कार्रवाई, साथ ही इसकी पुनरावृत्ति से बचने के लिए उठाए गए कदम।

  2. पिछले वर्ष के दौरान जारी किए गए सभी प्रमुख विनियामकीय दिशानिर्देशों की सूची और अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदम;

  3. उचित व्यवहार संहिताओं का अनुपालन तथा स्व-विनियामकीय निकायों और लेखा मानकों द्वारा निर्धारित मानकों का पालन; और

  4. विभिन्न लेखापरीक्षाओं और भारतीय रिज़र्व बैंक की निरीक्षण रिपोर्टों में दर्शाई गई महत्वपूर्ण कमियों को सुधारने और संस्तुतियों के कार्यान्वयन में प्रगति।

घ. प्राधिकार

अनुपालन कार्य और सीसीओ के पास किसी भी स्टाफ सदस्य के साथ संवाद करने का प्राधिकार होगा और अनुपालन विषयों के संबंध में सौंपी गई जिम्मेदारियों को पूरा करने में जरूरी सभी रिकॉर्ड या फ़ाइलों तक उनकी पहुंच होगी। यह प्राधिकार एनबीएफ़सी की अनुपालन नीति का पालन करेगा।

ङ. दोहरी हैटिंग

i. कोई भी 'दोहरी हैटिंग' नहीं होगी, अर्थात्, सीसीओ को कोई जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी जो हितों के टकराव की स्थिति उत्पन्न करती है, विशेष रूप से वह जो कारोबार से संबंधित किसी भी भूमिका को लाती है। सीसीओ आमतौर पर किसी भी समिति का सदस्य नहीं होगा जो समिति के सदस्य के रूप में जिम्मेदारी के साथ सीसीओ के रूप में उसकी भूमिका में बाधा डालता हो, इसमें वह समिति भी शामिल है जो खरीद/प्रतिबंध संबंधी कार्यों को देखती है। यदि सीसीओ ऐसी किसी समिति का सदस्य है, तो यह केवल एक सलाहकार की भूमिका होगी।

ii. अनुपालन विभाग के कर्मचारी मुख्य रूप से अनुपालन कार्यों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। हालांकि, अनुपालन कर्मचारियों को कुछ अन्य कर्तव्य भी सौंपे जा सकते हैं लेकिन यह सुनिश्चित किया जाए कि हितों का कोई टकराव न हो।

च. अनुपालन कार्य की स्टाफिंग और अर्हताएँ

कारोबार/लेखा परीक्षा और निरीक्षण कार्यों में बुनियादी योग्यता और व्यावहारिक अनुभव वाले कर्मचारियों के अलावा, अनुपालन कार्य में सांविधिक/विनियामकीय निर्धारण, कानून, लेखा, जोखिम प्रबंधन, सूचना प्रौद्योगिकी, आदि के जानकार पर्याप्त स्टाफ सदस्य शामिल होंगे। भविष्य में, किसी भी कौशल अंतर से बचने के लिए उपयुक्त उत्तराधिकार योजना सुनिश्चित की जाएगी।

छ. आंतरिक लेखा परीक्षा एवं अनुपालन कार्य की स्वतंत्र समीक्षा

अनुपालन जोखिम को आंतरिक लेखा परीक्षा कार्य के जोखिम मूल्यांकन ढांचे में शामिल किया जाएगा और अनुपालन कार्य नियमित आंतरिक लेखा परीक्षा के अधीन होगा। सीसीओ को अनुपालन से संबंधित लेखा परीक्षा निष्कर्षों के बारे में सूचित किया जाएगा, जो अनुपालन विफलताओं के क्षेत्रों का आकलन करने के लिए एक प्रतिक्रिया तंत्र के रूप में कार्य करेगा।

ज. पर्यवेक्षी फोकस

एनबीएफसी में प्रचलित अनुपालन कठोरता की जांच रिज़र्व बैंक की पर्यवेक्षी जोखिम मूल्यांकन प्रक्रिया का एक हिस्सा होगी।

7. सीसीओ की नियुक्ति और कार्यकाल

  1. कार्यकाल: सीसीओ को कम से कम 3 साल के स्थायी कार्यकाल के लिए नियुक्त किया जाएगा। हालांकि, असाधारण मामलों में, बोर्ड/बोर्ड समिति न्यूनतम कार्यकाल में एक वर्ष की छूट दे सकती है, बशर्ते उसके लिए उपयुक्त उत्तराधिकार योजना बनाई जाए।

  2. निष्कासन: सीसीओ को केवल असाधारण परिस्थितियों में बोर्ड/बोर्ड समिति के स्पष्ट पूर्व अनुमोदन से, एक सुपरिभाषित और पारदर्शी आंतरिक प्रशासनिक प्रक्रिया का पालन करने के बाद ही कार्यकाल पूरा होने से पहले स्थानांतरित किया/हटाया जाएगा।

  3. पद: सीसीओ एनबीएफसी का एक वरिष्ठ कार्यकारी होगा, जिसका स्तर सीईओ से दो स्तरों से नीचे नहीं होगा। हालांकि एनबीफ़सी-एमएल के मामले में इस अपेक्षा में एक और स्तर की छूट दी जा सकती है। यदि एनबीएफसी आवश्यक समझती है, तो सीसीओ की खुली भर्ती की जा सकती है।

  4. कौशल: सीसीओ को उद्योग और जोखिम प्रबंधन व्यवहारों, विनियमों का ज्ञान, कानूनी अपेक्षाओं की अच्छी समझ होनी चाहिए और पर्यवेक्षी अपेक्षाओं के प्रति संवेदनशीलता होनी चाहिए

  5. कद: सीसीओ के पास स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने की क्षमता होगी। उसे सीधे विनियामकों/पर्यवेक्षकों के साथ बातचीत करने और अनुपालन सुनिश्चित करने की स्वतंत्रता और अधिकार होगा;

  6. आचरण: सीसीओ एक साफ ट्रैक रिकॉर्ड और निर्विवाद सत्यनिष्ठा रखेगा।

  7. चयन प्रक्रिया: सीसीओ के पद के लिए उम्मीदवार का चयन एक सुपरिभाषित चयन प्रक्रिया और इस उद्देश्य के लिए बोर्ड/बोर्ड समिति द्वारा गठित समिति द्वारा की गई संस्तुतियों के आधार पर किया जाएगा। बोर्ड/बोर्ड समिति सीसीओ की नियुक्ति के संबंध में अंतिम निर्णय लेगी।

  8. रिपोर्टिंग अपेक्षाएँ: वरिष्ठ पर्यवेक्षी प्रबंधक, पर्यवेक्षण विभाग, भारतीय रिजर्व बैंक को पूर्व नियुक्ति, समय से पहले स्थानांतरण, इस्तीफा, समय से पहले सेवानिवृत्ति या सीसीओ को हटाने से संबंधित पूर्व सूचना प्रदान की जाएगी। इस तरह की सूचना को एनबीएफसी के एमडी और सीईओ द्वारा 'फिट एंड प्रोपर' प्रमाणन के साथ उम्मीदवार की एक विस्तृत प्रोफ़ाइल द्वारा यह पुष्टि की जाएगी कि व्यक्ति निर्धारित पर्यवेक्षी अपेक्षाओं और परिवर्तनों, यदि कोई हो, के औचित्य को पूरा करता है। इस परिपत्र में उल्लिखित अपेक्षाओं के आधार पर 'फिट एंड प्रोपर' मानदंड की जांच की जा सकती है।

  9. रिपोर्टिंग व्यवस्था: सीसीओ के पास एमडी और सीईओ और / या बोर्ड / बोर्ड समिति को सीधे रिपोर्टिंग की व्यवस्था होगी। यदि सीसीओ एमडी और सीईओ को रिपोर्ट करता है, तो एमडी और सीईओ सहित वरिष्ठ प्रबंधन की उपस्थिति के बिना बोर्ड / बोर्ड समिति प्रत्यक्ष आधार पर तिमाही अंतरालो पर सीसीओ से मिलेगा। सीसीओ का कारोबार के साथ कोई सीधा रिपोर्टिंग संबंध नहीं होगा। इसके अलावा, सीसीओ के कार्यनिष्पादन मूल्यांकन की बोर्ड /बोर्ड समिति द्वारा समीक्षा की जाएगी।


1 परिपत्र के अनुबंध के खंड II का पैरा 3.2.3 (जी) 'गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए स्केल आधारित विनियमन के लिए ढांचा' ,के लिए एक मुख्य अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति की आवश्यकता का वर्णन करता है।

2 संदर्भ: मास्टर निदेश - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी - प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण जमाराशि नहीं स्वीकार करने वाली कंपनी और जमाराशि स्वीकार करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016; और मास्टर निदेश - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी-गैर-प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2016, जो भी लागू हो।

3 बोर्ड समिति' का अर्थ है 'बोर्ड की लेखापरीक्षा समिति', मौजूदा विनियमों के तहत जहां भी लागू हो।

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?