विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (फेमा) विदेशी मुद्रा (कंपाउंडिंग कार्यवाही (प्रोसिडिंग्ज)) नियमावली, 2000 (नियम) - फेमा,1999 के अधीन हुए उल्लंघनों की कंपाउंडिंग - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (फेमा) विदेशी मुद्रा (कंपाउंडिंग कार्यवाही (प्रोसिडिंग्ज)) नियमावली, 2000 (नियम) - फेमा,1999 के अधीन हुए उल्लंघनों की कंपाउंडिंग
आरबीआइ 2009-10/508 28 जून 2010 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक महोदया/महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (फेमा) फेमा, 1999 के खंड 15 के प्रावधान उल्लंघनों की कंपाउंडिंग अनुमत करते हैं और ऐसे उल्लंघन करनेवाले व्यक्ति द्वारा किये गये आवेदन पर, फेमा के खंड 3(क) के अधीन के उल्लंघनों को छोड़कर, फेमा के खंड 13 के अधीन यथापरिभाषित किसी उल्लंघन के कंपाउंडिंग (मौद्रिक दंड लगाने) के लिए रिज़र्व बैंक को अधिकार देते हैं। प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-।(ए.डी. श्रेणी-।) बैंक तथा उनके घटकों का ध्यान इस संबंध में समय समय पर यथा संशोधित 3 मई 2000 की जी.एस.आर. सं.383 ( संलग्नक-I में दी गयी तारीख तक की प्रति) के जरिये भारत सरकार द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा (कंपाउंडिंग प्रोसिडिंग्ज) नियमावली, 2000 तथा 1 फरवरी 2005 के ए.पी.( डीआईआर सिरीज ) परिपत्र सं.31 की ओर आकर्षित किया जाता है। 2. जान बूझकर, कपट और धोखेबाज़ी से किए गए लेनदेनों के संबंध में कड़ा रूख अपनाते हुए लेन-देनों की लागत को कम करके नागरिकों और कंपनी समुदायों को सुविधा प्रदान करने की दृष्टि से 1 फरवरी 2005 से कंपाउंडिंग के लिए सुगम क्रियाविधि बनाते हुए रिज़र्व बैंक द्वारा फेमा, 1999 के अधीन उल्लंघन का कंपाउंडिंग प्रक्रिया का प्रारंभ किया गया । यह निर्णय लिया गया है कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान लगातार आधार पर कंपाउंडिंग प्रक्रिया पर किये गये अवलोकन तथा कंपाउंडिंग आवेदनों पर कार्रवाई करते समय प्राप्त अनुभवों के आधार पर फेमा, 1999 के अधीन उल्लंघन/ उल्लंघनों के कंपाउंडिंग के लिए एक अद्यतन प्रक्रिया बनायी जाए । इसका उद्देश्य कंपाउंडिंग के लिए प्रक्रिया तथा क्रियाविधि का युक्तिकरण तथा सरलीकरण करना और कंपाउंडिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाना और सुचारू रूप से कार्यान्वयन करना है। 1 फरवरी 2005 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.31 के जरिये जारी उल्लंघन/ उल्लंघनों के कंपाउंडिंग में निहित अनुदेश इस परिपत्र द्वारा हटा दिये गये हैं। 3. कंपाउंडिंग के लिए आवेदन पत्र 3.1 समय समय पर यथासंशोधित विदेशी मुद्रा (कंपाउंडिंग प्रोसिडिंग्ज) नियमावली, 2000, यह कंपाउंडिंग प्रक्रिया के लिए मूलभूत रूपरेखा होगी । नियमावली के नियम 4 के उप-नियम (3) के अनुसार कंपाउंडिंग प्रक्रिया रिज़र्व बैंक के गवर्नर के निदेश, नियंत्रण तथा पर्यवेक्षण के अधीन होगी । 3.2 फेमा, 1999 के अधीन ज्ञापन पत्र के जरिये उल्लंघन सूचित किये जाने पर अथवा उल्लंघन किा गया है अथवा ज्ञात हुआ, यह अपने आप मालूम होने पर फेमा, 1999 के अधीन उल्लंघन के कंपाउंडिंग के लिए आवेदन पत्र रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत किया जाए। आवेदन पत्र का फॉर्मेट विदेशी मुद्रा (कंपाउंडिंग प्रोसिडिंग्ज) नियमावली में संलग्न किया है। 3.3 कंपाउंडिंग के लिए आवेदन पत्र प्राप्त होने पर, विदेशी मुद्रा (कंपाउंडिंग प्रोसिडिंग्ज) नियमावली, 2000 के अनुसार कार्यवाही शुरू की जाएगी और कंपाउंडिंग प्राधिकारी द्वारा कंपाउंडिंग के लिए आवेदन पत्र की प्राप्त की तारीख से 180 दिनों के भीतर कंपाउंडिंग आदेश जारी किये जाएंगे। इस प्रयोजन के लिए समय सीमा रिज़र्व बैंक द्वारा कंपाउंडिंग के लिए पूर्ण किये गये आवेदन पत्र की प्राप्त की तारीख से गिनी जाएगी। 3.4 कंपाउंडिंग के लिए आवेदन पत्र प्राप्त होने पर, रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा (कंपाउंडिंग प्रोसिडिंग्ज) नियमावली, 2000 के नियम 4 के उप नियम (1) के अनुसार दस्तावेजों तथा आवेदन पत्र में किये गये प्रस्तुतीकरण के आधार पर आवेदन पत्र की जाँच करेगा और यह निर्धारित करेगा कि उल्लंघन परिमाणनीय है अथवा नहीं, और यदि है तो उल्लंघन की राशि निर्धारित की जाएगी। 3.5 रिज़र्व बैंक, निम्नलिखित निदर्शी मदों के साथ-साथ अन्य बाते ध्यान में रखते हुए उल्लंघन के स्वरूप की जाँच करेगा: 3.6 रिज़र्व बैंक में कंपाउंडिंग प्राधिकारी कंपाउंडिंग प्रोसिडिंग्ज के संबंध में कोई अतिरिक्त जानकारी, अभिलेख अथवा कोई अन्य दस्तावेज की मांग कर सकते हैं। जहाँ अतिरिक्त जानकारी/दस्तावेज की मांग की जाती है तब इस प्रकार की अतिरिक्त जानकारी/दस्तावेज कंपाउंडिंग प्राधिकारी द्वारा विनिर्दिष्ट अवधि के भीतर प्रस्तुत किये जाएंगे। यदि उल्लंघनकर्ता अतिरिक्त जानकारी/दस्तावेज विनिर्दिष्ट की गयी अवधि के भीतर प्रस्तुत करने में चूक जाता है, तो कंपाउंडिंग के लिए आवेदन पत्र अस्वीकृत किया जाएगा। 3.7 रिज़र्व बैंक में कंपाउंडिंग प्राधिकारी आवेदन पत्र पर विचार करेगा और पूर्ण किये गये आवेदन पत्र की प्राप्ति की तारीख से 180 दिनों के भीतर यथासंभव यथाशीघ्र उल्लंघनकर्ता को सुनवाई का अवसर प्रदान करने के बाद कंपाउंडिंग का आदेश पारित करेगा। 3.8 कंपाउंडिंग आदेश में आरोपित उल्लंघन के ब्योरों के साथ जिस संबंध में उल्लंघन किया गया है उस संबंध में फेमा, 1999 के प्रावधान अथवा फेमा, 1999 के अधीन शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किये गये कोई नियम, विनियम, अधिसूचना, निदेश अथवा आदेश विनिर्दिष्ट किये जाएंगे। 3.9 कंपाउंडिंग आवेदन पत्र के प्रस्तुतीकरण के लिए परिचालनगत जाँच बिंदु तथा संबंधित संदर्भ संलग्नक-II में दिये गये हैं। 4. कंपाउंडिंग की व्याप्ति और पद्धति 4.1 विदेशी मुद्रा (कंपाउंडिंग प्रोसिडिंग्ज) विनियमावली, 2000 के अधीन यथापरिभाषित कंपाउंडिंग प्राधिकारी (सीए) फेमा, 1999 के प्रावधानों अथवा फेमा, 1999 के अधीन शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किये गये किसी नियम, विनियम, अधिसूचना, निदेश अथवा आदेश के संबंध में किये गये आरोपित उल्लंघनों के बारे में क्षेत्राधिकार का प्रयोग करेगा। 4.2 प्रस्तुत किये गये दस्तावेजों के साथ आवेदन पत्र तथा वैयक्तिक सुनवाई के दौरान किये गये प्रस्तुतीकरणों के आधार पर कंपाउंडिंग प्राधिकारी (सीए) उल्लंघन के स्वरूप पर अभिमत तैयार करेंगा। 4.3 बाद में कंपाउंडिंग के लिए आवेदन पत्र पर कार्यवाही की जाएगी और अभिलेखों और प्रस्तुतीकरणों की गुणवत्ता तथा कंपाउंडिंग प्राधिकारी (सीए) के दृढ़ विवेक पर उसका निपटान किया जाएगा। कंपाउंडिंग आदेश पारित करने के प्रयोजन के लिए निम्नलिखित घटक, जो केवल निदर्शी हैं, विचारार्थ लिये जाएंगे और उल्लंघन के भुगतान पर राशि की मात्रा का निर्णय करते हुए कंपाउंडिंग किया जाएगा: (i) अनुचित लाभ के प्राप्ति की राशि, उल्लंघन के परिणामस्वरूप जहां भी परिमाणनीय; 5. कंपाउंडिंग आदेश जारी करना 5.1 आवेदक/ उल्लंघनकर्ता को किसी विनिर्दिष्ट अवधि के भीतर आवेदन पत्र के समर्थन में वैयक्तिक रूप से आगे और अधिक दस्तावेजों के प्रस्तुतीकरण के लिए वैयक्तिक सुनवाई हेतु एक अवसर प्रदान किया जाएगा। यदि उल्लंघनकर्ता अथवा उसका प्राधिकृत प्रतिनिधि वैयक्तिक सुनवाई हेतु कंपाउंडिंग प्राधिकारी (सीए) के समक्ष वैयक्तिक रूप से उपस्थित रहने तथा किसी प्रस्तुतीकरण करने में चूक जाता है तो कंपाउंडिंग प्राधिकारी (सीए) कंपाउंडिंग के लिए आवेदन पत्र के साथ उपलब्ध जानकारी तथा प्रस्तुत किये गये दस्तावेजों के आधार पर कंपाउंडिंग आवेदन पत्र पर कार्यवाही प्रारंभ करेगा। 5.2 कंपाउंडिंग प्राधिकारी (सीए) आवेदन पत्र में किये गये प्रकथन तथा वैयक्तिक सुनवाई के दौरान उल्लंघनकर्ता द्वारा इस संबंध में किये गये प्रस्तुतीकरण के आधार पर कंपाउंडिंग आदेश पारित करेगा। 5.3 विदेशी मुद्रा (कंपाउंडिंग प्रोसिडिंग्ज) नियमावली, 2000 के नियम 8 के उप नियम (2) के अधीन जारी किये गये कंपाउंडिंग आदेश की एक प्रति आवेदक (उल्लंघनकर्ता) को दी जाए तथा फेमा के खंड 16 के उप-खंड (3) के अधीन शिकायत किये जाने के बाद उल्लंघन का कंपाउंडिंग होता है तो न्यायनिर्णय प्राधिकारी, जैसी भी स्थिति हो, को भी दी जाएगी। 6. कंपाउंडिंग की गयी उल्लंघन की राशि का भुगतान 6.1 विदेशी मुद्रा (कंपाउंडिंग प्रोसिडिंग्ज) नियमावली, 2000 के नियम 8 के उप नियम (2) के अधीन कंपाउंडिंग के आदेश में यथाविनिर्दिष्ट कंपाउंडिंग की गयी उल्लंघन की राशि का भुगतान, इस प्रकार के उल्लंघन के कंपाउंडिंग के आदेश की तारीख से 15 दिनों के भीतर ''भारतीय रिज़र्व बैंक'' के पक्ष में मांग ड्राफ्ट के रूप में किया जाएगा। कंपाउंडिंग आदेश में निदेशित किये गये अनुसार मांग ड्राफ्ट जमा करना होगा। 6.2 कंपाउंडिंग आदेश पारित किये जाने के बाद आदेश हटाने के लिए अथवा कंपाउंडिंग आदेश अवैध है यह धारित करने के लिए अथवा कंपाउंडिंग प्राधिकारी द्वारा पारित आदेश की समीक्षा का अनुरोध करने के लिए नियमावली के प्रावधान उल्लंघनकर्ता को कोई अधिकार प्रदान नहीं करते हैं। 6.3 कंपाउंडिंग आदेश और विदेशी मुद्रा (कंपाउंडिंग प्रोसिडिंग्ज) नियमावली, 2000 में विनिर्दिष्ट सीमा के भीतर कंपाउंडेड राशि का भुगतान करने में चूक जाने पर विनियमावली के नियम 10 के अनुसार यह समझा जाएगा कि उल्लंघनकर्ता ने इन नियमावली के अधीन किसी उल्लंघन के कंपाउंडिंग के लिए कभी भी आवेदन नहीं किया था। 6.4 फेमा, 1999 के उल्लंघन के संबंध में (फेमा, 1999 के खंड 13 में यथापरिभाषित), जो कंपाउंडिंग प्राधिकारी द्वारा कंपाउंडेड नहीं है, उल्लंघनों के संबंध में फेमा, 1999 के संबंधित प्रावधान तदनुसार लागू होंगे। 6.5 कंपाउंडेड उल्लंघन की राशि की वसूली पर रिज़र्व बैंक द्वारा आदेश में विनिर्दिष्ट शर्तों, यदि कोई हो, के अधीन इस संबंध में एक प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा । 7. कंपाउंडिंग प्रक्रिया के लिए पूर्वापेक्षा 7.1 विदेशी मुद्रा (कंपाउंडिंग प्रोसिडिंग्ज) नियमावली, 2000 के नियम 4 के उप नियम (2) के अनुसार, किसी व्यक्ति द्वारा किये गये उल्लंघन जो कंपाउंडिंग नियमावली के अधीन कंपाउंडेड थे, उसी प्रकार के उल्लंघन की तारीख से तीन वर्षों की अवधि के भीतर किये गये उल्लंघन के संबंध में, ऐसे उल्लंघन कंपाउंडेड नहीं किये जाएंगे और फेमा, 1999 के संबंधित प्रावधान लागू किये जाएंगे। किसी दूसरे अथवा पूर्व में कंपाउंडेड उल्लंघन की तारीख से तीन वर्षों की अवधि की समाप्ति के बाद किये गये अनुवर्ती उल्लंघन को पहला उल्लंघन समझा जाएगा। 7.2 किसी लेन देन से संबंधित उल्लंघन, जिसमें सरकार अथवा संबंधित कोई सांविधिक प्राधिकारी, जैसी भी स्थिति हो, से उचित अनुमोदन अथवा अनुमति प्राप्त नहीं की गयी है, ऐसे उल्लंघन संबंधित प्राधिकारियों से आवश्यक अनुमोदन प्राप्त किये बिना कंपाउंडेड नहीं किये जाएंगे। 7.3 धन शोधन के दृष्टिकोण, राष्ट्रीय सुरक्षा महत्व और / अथवा विनियामक ढ़ांचे के गंभीर अतिक्रमण जैसे उल्लंघन के मामले अथवा ऐसे मामले जहां उल्लंघनकर्ता जिस उल्लंघन के लिए कंपाउंडिंग आदेश के अनुसार विनिर्दिष्ट अवधि के भीतर कंपाउंडेड राशि अदा करने में चूक गया है, फेमा, 1999 के अधीन आगे की जाँच और आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रवर्तन निदेशालय अथवा धन शोधन निवारण अधनियम, 2002 के कार्यान्वयन के लिए स्थापित प्राधिकारी को अथवा किसी अन्य एजेंसी, जो भी उचित हो, को आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रेषित किये जाएंगे। 7.4 जब कभी उल्लंघन चिन्हित होते हैं तब रिज़र्व बैंक सामान्यत: कंपाउंडिंग के लिए आवेदन करने के लिए संबंधित व्यक्तियों को उनकी पसंद तथा विकल्प के बारे में सूचित करता है । यदि रिज़र्व बैंक द्वारा दर्शायी गयी समय सीमा के भीतर कंपाउंडिंग के लिए आवेदन नहीं किया जाता है तो ऐसे उल्लंघन के तथ्य आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रवर्तन निदेशालय के ध्यान में लाये जाएंगे। 8. सभी प्राधिकृत व्यापारी (एडी श्रेणी-I) बैंक , इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने सभी व्यक्तियों तथा ग्राहकों को अवगत करा दें। 9. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अधीन जारी किए गए हैं । भवदीया (डॉ. सुजाता एलिज़ाबेथ प्रसाद) |