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प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा मीयादी जमा मे पुनर्निवेश के लिए मीयादी जमा, दैनिक या आवधिक जमा का परिवर्तन

आरबीआइ/2009-10/447
संदर्भ स.शबैंवि.पीसीबी.परि.सं.65/13.01.000/2009-10

मई 05, 2010

मुख्य कार्यपालक निदेशक
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक

महोदय / महोदया,

प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों द्वारा मीयादी जमा मे पुनर्निवेश के लिए
मीयादी जमा, दैनिक या आवधिक जमा का परिवर्तन

कृपया वर्ष 2010-11 के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक का वार्षिक नीति वक्तव्य का पैरा 104 देखे (उध्दरण सलंग्न)।

2. जमाराशियो पर ब्याज दर पर 25 जून 1989 के परिपत्र शबैंवि.डीसी.102/V-1-86/87 का पैरा 12 तथा रुपया जमाराशि पर ब्याज दर, शहरी सहकारी बैंकपर 1 जुलाई 2009 का मास्टर परिपत्र शबैवि.सं.बीपीडी.एमसी.सं.11/13.01.000/2009-10 का पैरा 9.1 तथा 9.2 में निहित अनुदेशों के अनुसार जमाकर्ता से अनुरोध प्राप्त होने पर मीयादी जमा, दैनिक जमा, आवधिक जमा खाते बंद करने की अनुमति दी जानी चाहिए ताकि जमाकर्ता उपर्युक्त जमा खातों की राशि उसी बैंक के अन्य मीयादी जमा खाते मे पुनर्निवेश कर सके। शहरी सहकारी बैंके को इस प्रकार के मीयादी जमाराशियों का जुर्माना ब्याज घटाए बिना ब्याज का भुगतान करना चाहिए बशर्ते मूल योजना से अधिक अवधि के लिए जमाराशि बैंक के पास रहे ।

3. वर्तमान नियामक मानदंडों की समीक्षा करने पर तथा बेहतर आस्ति देयता प्रबंधन (ए एल एम) के लिए यह निर्णय लिया गया है कि बैंको को तत्काल प्रभाव से जमाराशियों के परिवर्तन की अपनी नीतियां तैयार करने के लिए अनुमति दी जाए।

भवदीय

(ए. उद्गाता)
मुख्य महाप्रबंधक


वर्ष 2010-11 के लिए वार्षिक नीति वक्तव्य के पैरा 104 का उध्दरण

मीयादी जमाराशियों में पुनर्निवेश के लिए मीयादी जमाराशियों
दैनिक जमाराशियों और आवधिक जमाराशियों का परिवर्तन (कन्वर्जन)

104. वर्तमान दिशानिर्देशों के अनुसार, बैंक मीयादी जमाराशियों दैनिक जमाराशियों या आवधिक जमाराशियों के परिवर्तन की अनुमति दें ताकि निवेशक उपर्युक्त जमाराशियों में पड़ी रकम को तत्काल उसी बैंक के अन्य मीयादी जमाराशियों में पुनर्निवेश करने की सुविधा मिल सके । बैंकों से अपेक्षित है कि वे ऐसी मीयादी जमाराशियों पर दण्डस्वरुप ब्याज घटाये बिना ब्याज का भुगतान करें बशर्ते जमाराशि पुनर्निवेश के बाद मूल करार की शेष अवधि से अधिक लंबी अवधि के लिए बैंक के पास रखी रहती है। वर्तमान विनियामक मानदंडों की समीक्षा करने के बाद और बेहतर आस्ति-देयता प्रबंधन (ए एल एम) के प्रयेजन से यह प्रस्ताव है कि :

  • बैंक जमाराशि परिवर्तन करने के संबंध में अपनी स्वय की नीति तैयार करें।

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