राज्य और केंद्रीय सहकारी बैंकों द्वारा मीयादी जमा में पुनर्निवेश के लिए मीयादी जमा, दैनिक या आवर्ती जमा का परिवर्तन - आरबीआई - Reserve Bank of India
राज्य और केंद्रीय सहकारी बैंकों द्वारा मीयादी जमा में पुनर्निवेश के लिए मीयादी जमा, दैनिक या आवर्ती जमा का परिवर्तन
आरबीआइ/2011-12/577 28 मई 2012 सभी राज्य और केंद्रीय सहकारी बैंक महोदय, राज्य और केंद्रीय सहकारी बैंकों द्वारा मीयादी जमा में पुनर्निवेश कृपया वर्ष 2010-11 के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक के वार्षिक नीति वक्तव्य का पैरा 104 देखें (उध्दरण सलंग्न)। 2. जमाराशियों पर ब्याज दर पर 2 नवंबर 1987 के परिपत्र आरपीसीडी.सं.आरएफ. डीआइआर.बीसी.53/डी.87/88 के अनुसार राज्य सहकारी बैंकों/ जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों द्वारा जमाकर्ता से अनुरोध प्राप्त होने पर मीयादी जमा, दैनिक जमा, आवर्ती जमा खाते बंद करने की अनुमति दी जानी चाहिए ताकि जमाकर्ता उपर्युक्त जमा खातों की राशि का उसी बैंक के अन्य मीयादी जमा खाते में तत्काल पुनर्निवेश कर सके। बैंक इस प्रकार के मीयादी जमाराशियों पर जुर्माने के रूप में ब्याज घटाए बिना ब्याज का भुगतान करेंगे बशर्ते पुनर्निवेश के बाद मूल संविदा से अधिक अवधि के लिए उक्त जमा बैंक के पास रखी रहे। 3. वर्तमान विनियामक मानदडों की समीक्षा करने पर तथा बेहतर आस्ति देयता प्रबंधन (एएलएम) को सुविधाजनक बनाने की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है कि बैंकों को तत्काल प्रभाव से जमाराशियों के परिवर्तन की अपनी नीतियां तैयार करने की अनुमति दी जाए। भवदीय (सी.डी. श्रीनिवासन) वर्ष 2010-11 के लिए वार्षिक नीति वक्तव्य के पैरा 104 का उध्दरण मीयादी जमाराशियों में पुनर्निवेश के लिए मीयादी जमाराशियों 104. वर्तमान दिशानिर्देशों के अनुसार, बैंक मीयादी जमाराशियों दैनिक जमाराशियों या आवर्ती जमाराशियों के परिवर्तन की अनुमति दें ताकि निवेशक को उपर्युक्त जमाराशियों में पड़ी रकम का तत्काल उसी बैंक की अन्य मीयादी जमाराशियों में पुनर्निवेश करने की सुविधा मिल सके। बैंकों से अपेक्षित है कि वे ऐसी मीयादी जमाराशियों पर दण्डस्वरूप ब्याज घटाये बिना ब्याज का भुगतान करें बशर्ते जमाराशि पुनर्निवेश के बाद मूल करार की शेष अवधि से अधिक लंबी अवधि के लिए बैंक के पास रखी रहती है। वर्तमान विनियामक मानदंडों की समीक्षा करने के बाद और बेहतर आस्ति-देयता प्रबंधन (एएलएम) के प्रयोजन से यह प्रस्ताव है किः
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