कोर निवेश कंपनियां – बीमा में निवेश पर दिशानिदेश - आरबीआई - Reserve Bank of India
कोर निवेश कंपनियां – बीमा में निवेश पर दिशानिदेश
भारिबैं/2012-13/466 1 अप्रैल 2013 सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां महोदय/महोदया, कोर निवेश कंपनियां – बीमा में निवेश पर दिशानिदेश वर्तमान में गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा बीमा कारोबार करना, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी विनियमन में संशोधन पर जारी 30 जून 2000 के परिपत्र सं: गैबैंपवि(नीप्र) कंपरि.सं: 13/02.01/99-2000 द्वारा निदेशित होता है जिसमें “गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का बीमा कारोबार में प्रवेश हेतु दिशानिदेश” निहित है। कोर निवेश कंपनियों (सीआईसी) का विशिष्ट कारोबार मॉडल के आलोक में, यह निर्णय लिया गया कि बीमा कारोबार में उनके प्रवेश के लिए पृथक दिशानिदेश बनाया जाए। 2. जबकि पात्रता मानदण्ड, सामान्य रूप में, अन्य गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों हेतु निर्धारित मापदंड के अनुरूप होगी तथा संयुक्त बीमा उपक्रम में सीआईसी का निवेश हेतु उनके लिए उच्चतम सीमा का निर्धारण नहीं किया गया है। इसके अतिरिक्त यह स्पष्ट किया जाता है कि सीआईसी बीमा ऐजेंसी का कारोबार नहीं कर सकती है। दिशानिदेश गहन अनुपालन हेतु संलग्न है। 3. भारतीय रिज़र्व बैंक से छूट प्राप्त सीआईसी को पूर्वानुमति लेने की आवश्यकता नहीं हैं बशर्ते कि वे 05 जनवरी 2011 के सीसी सं:206 के तहत निर्धारित छूट हेतु निर्धारित शर्तों को पूरा करती हो। संयुक्त बीमा उपक्रम में उनका निवेश बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण के नियम द्वारा निदेशित होगें। भवदीया, (उमा सुब्रमणियम) बीमा कारोबार में सीआईसी के प्रवेश हेतु दिशानिदेश 1. भारतीय रिज़र्व बैंक से पंजीकृत कोई कोर निवेश कंपनी जो निम्नलिखित मापदंड को पूरा करती है उन्हें सुरक्षा उपायों के अधीन जोखिम सहभागिता के साथ बीमा कारोबार करने के लिए संयुक्त उपक्रम कंपनी स्थापित करने की अनुमति दी जा सकती है। इस प्रकार की सीआईसी द्वारा धारित संयुक्त उपक्रम में अधिकतम इक्विटी अंशदान आईआरडीए के अनुमोदन के अनुसार होगा। 2. संयुक्त उपक्रम में भागीदारी हेतु पात्रता मानदंड निम्न के तहत, उपलब्ध नवीनतम लेखापरीक्षित तुलन पत्र के अनुसार होगा।
3. सीआईसी को विभागीय रूप से यह कारोबार करने की अनुमति नहीं है। इसके अतिरिक्त, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (इसके समूह में/ वाह्य समूह में) को सामान्यत जोखिम भागीदारी आधार पर बीमा कंपनी ज्वांइन करने की अनुमति नहीं है अत: वे बीमा उपक्रम में प्रत्येक्ष या परोक्ष रूप से वित्तीय सहायता उपलब्ध नहीं करा सकती। 4. समूह के अंतर्गत, सीआईसी को अन्य गैर - वित्तीय संस्थाओं के साथ एकल आधार पर या संयुक्त उद्यम में बीमा कंपनी की इक्विटी में 100% तक निवेश करने की अनुमति दी जा सकती है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि सीआईसी या तो एक एकल आधार पर अथवा समूह कंपनी के साथ संयुक्त उद्यम में बीमा जोखिम अनावृत करेगी तथा समूह में गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी ऐसी जोखिम के घेरे से बाहर होगी। 6. सीआईसी ऐजेंट के रूप में बीमा कारोबार में प्रवेश नहीं कर सकती। बीमा कारोबार में निवेशक अथवा जोखिम भागीदार के आधार पर भाग लेने की इच्छा रखने वाली सीआईसी को भारतीय रिज़र्व बैंक से पूर्व अनुमति प्राप्त करनी होगी। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा सभी संबंधित घटको को ध्यान में रख कर मामले के अनुसार अनुमति प्रदान की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाए कि बीमा कारोबार में शामिल जोखिमों का स्थानांतरण सीआईसी को नहीं किया जाएगा। नोट: (1) बीमा कंपनी में प्रवर्तक सीआईसी द्वारा धारित इक्विटी अथवा बीमा कारोबार में निवेश बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण/केन्द्र सरकार द्वारा बनाये गए नियम और विनियमन के अनुपालन के अधीन होगा। इसमें निर्धारित समयावधि के अंदर चुकता पूंजी का 26 प्रतिशत से अधिक इक्विटी में विनिवेश के लिए आईआरडी अधिनियम 1999 में यथा संशोधित धारा 6एए का अनुपालन शामिल होगा। (2) कोर निवेश कंपनी (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2011 के नियम के अनुसार पंजीकरण से छूट प्राप्त सीआईसी को पूर्वानुमति प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है बशर्ते वे छूट के लिए निर्धारित सभी शर्तों को पूरा करती हो। |