रुमानिया के साथ प्रति व्यापार (काउन्टर ट्रेड) व्यवस्थाएं - आरबीआई - Reserve Bank of India
रुमानिया के साथ प्रति व्यापार (काउन्टर ट्रेड) व्यवस्थाएं
भारतीय रिज़र्व बैंक ए.पी. (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 4 27 अगस्त 2001 प्रति विदेशी मुद्रा के समस्त प्रिय माहोदय, रुमानिया के साथ प्रति व्यापार (काउन्टर ट्रेड) व्यवस्थाएं प्राधिकृत व्यापारियों का घ्यान दिनांक 3 मई 2000 की रिज़र्व बैंक की अधिसूचना सं. फेमा 23/2000 - आरबी के विनियम 4 के मद (ग) की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसमें यह शर्त अी गई है कि रिज़र्व बैंक का पूर्वानुमोदन भारत से निर्यातित मालों के मूल्य के बदले भारत में अयातित मालों के मूल्य के समायोजन को यामिल किसी भी व्यवस्था हेतु अपेक्षित है । 2. अब यह निर्णय लिया गया है कि भारतीय और रुमानियम पार्टियों के बीच प्रति - व्यापार (काऊन्टर ट्रेड) व्यवस्थाओं की अनुमति दि जाएं जिसमें भारत से रुमानिया को निर्यात भारत में आयातों को आगे बढायेगा और रुमानिया में बैंकों के पास भारतीय पार्टियों द्वारा अमेरिकी डालर इॉााटं खाते खोले जायेगे और बनाये रखेंगे, अन्यों के बीच, शर्त यह हैं कि भारतीय निर्यातक को रुमानिया से मालों का आयात भारत में करने के लिए निधियों का उपयोग ऐसे इॉााट खातों में जमा किये जाने की तिथि से छ: माह के भीतर करना चाहिए । प्राधिकृत व्यापारी ऐसे प्रस्तावों को रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय, जिसके क्षेत्राधिकार में स्थित है, को प्रस्तुत करें । संबंधीत प्राधिकृत व्यापारी प्रतिरुप लेखा के जरिए रुमानिया में बैंकों के पास रखे गये अमेरीकी डालर इॉााटं खाते में होनेवाले लेनदेन पर निगरानी करेंगं । 3. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय वस्तु से अपने संबंधित ग्राहाकें को अवगत कराये । 4. इस परिपत्र में अन्नर्विष्ट निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किये गये है । इसका किसी भी तरह से उल्लंघन करना या अनुपालन न किया जाना उक्त अधिनियम के अधीन निर्धारित जुर्मानें से दंडनीय है । भवदीय, के. रासुब्रमणियन |