वर्ष 2006-07 के दौरान स्वर्णजयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना (स्वग्रास्वयो) के अन्तर्गत ऋण संग्रहण लक्ष्य - आरबीआई - Reserve Bank of India
वर्ष 2006-07 के दौरान स्वर्णजयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना (स्वग्रास्वयो) के अन्तर्गत ऋण संग्रहण लक्ष्य
भारिबैं/ 2006 /381
ग्राआऋवि.एसपी.बीसी.सं. 80 /09.01.01/2005-06
अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक
सभी भारतीय अनुसूचित वाणिज्य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छॉेडकर)
महोदय,
वर्ष 2006-07 के दौरान स्वर्णजयन्ती ग्राम स्वरोजगार योजना (स्वग्रास्वयो) के अन्तर्गत ऋण संग्रहण लक्ष्य
भारत सरकार के स्वग्रास्वयो के अन्तर्गत वर्ष 2006-07 के लिए प्रायोगिक ऋण संग्रहण लक्ष्य को अंतिम रुप दे दिया है । वर्ष 2006-07 के लिए राज्य /संघ शासित क्षेत्र वार ऋण संग्रहण लक्ष्य संलग्न किए गए हैं । निर्धारित किया गया ऋण संग्रहण सांकेतिक स्वरुप का है । तथापि , आवश्यक होने पर राज्य /संघ शासित क्षेत्र अपनी राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति / डीसीसी के परामर्श से अपने लक्ष्य, आवश्यकतानुसार बढ़ा सकते हैं ।
2. हम सूचित करते हैं कि निर्दिष्ट राज्य वार लक्ष्य राज्य स्तरीय बैंकर्स समितियॉ द्वारा वाणिज्य बैंकों, सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के बीच आबंटित कर दिए जाएँ । राज्य स्तरीय बैंकर्स समितियॉ संसाधनों, ग्रामीण /अर्ध शहरी शाखाओं की संख्या जैसे स्वीकार्य मानदण्डों के आधार पर प्रत्येक बैंक के लक्ष्य निर्धारित कर दें ताकि प्रत्येक बैंक अपने लक्ष्य प्राप्त करने की स्थिति में हों । हम बैंकों द्वारा ऋण लक्ष्य प्राप्त करने की निगरानी करते रहेंगे ।
3. आप ऋण लक्ष्य प्राप्त करने, न्यूनतम सब्सिडी ऋण अनुपात निर्धारित करने तथा 25,000/-रु. के प्रति परिवार निवेश बनाए रखने के प्रयास करते रहें ।
4. अग्रणी बैंक संबंधित एसएलबीसी /डीसीसी के माध्यम से प्रत्येक राज्य /संघ शासित क्षेत्र में नियमित अंतराल पर ऋण संग्रहण के निष्पादन की समीक्षा करें ।
5. तिमाही (संचयी) प्रगति रिपोर्टें तथा वसूली विवरण प्रत्येक संबंधित तिमाही /छमाही की समाप्ति से 45 दिन के भीतर प्रस्तुत करना अपेक्षित है ।
6. कृपया अपने नियंत्रक कार्यालयों और शाखाओं को उचित अनुदेश जारी करें जिसकी सूचना हमें भी दें ।
भवदीय,
( सुजाता ई. प्रसाद )
महा प्रबंधक
2006-07 के दौरान स्वग्रास्वयो के अन्तर्गत प्रायोगिक ऋण संग्रहण लक्ष्य
(रु. लाख में )
क्रम संख्या |
राज्य /संघ शासित क्षेत्र |
2006-07 के लिए ऋण |
1. |
आंध्र प्रदेश |
14905.21 |
2. |
अरुणाचल प्रदेश |
797.49 |
3. |
असम |
20722.10 |
4. |
बिहार |
35461.96 |
5. |
छत्तीसगढ़ |
7872.46 |
6. |
गोवा |
120.01 |
7. |
गुजरात |
5610.60 |
8. |
हरियाणा |
3300.82 |
9. |
हिमाचल प्रदेश |
1390.10 |
10. |
जम्मू और कश्मीर |
1720.44 |
11. |
झारखण्ड |
13365.79 |
12. |
कर्नाटक |
11255.54 |
13. |
केरल |
5050.31 |
14. |
मध्य प्रदेश |
16877.07 |
15. |
महाराष्ट्र |
22249.46 |
16. |
मणिपुर |
1389.19 |
17. |
मेघालय |
1556.41 |
18. |
मिज़ोरम |
360.16 |
19. |
नागालैंड |
1067.62 |
20. |
उड़ीसा |
17048.50 |
21. |
पंज़ाब |
1604.16 |
22. |
राजस्थान |
8546.71 |
23. |
सिक्किम |
398.75 |
24. |
तमिल नाडु |
13179.47 |
25. |
त्रिपुरा |
2508.26 |
26. |
उत्तर प्रदेश |
51052.43 |
27. |
उत्तरांचल |
2682.95 |
28. |
प. बंगाल |
18946.01 |
29. |
अंडमान और निकोबार द्वीप |
45.00 |
30. |
दादरा और नगर हवेली |
45.00 |
31. |
दमण और दीव |
45.00 |
32. |
लक्षद्वीप |
45.00 |
33. |
पाँडिचेरी |
180.00 |
कुल |
281399.99 |
आँकडे स्त्रोत : ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार