वर्ष 2011-12 के लिए स्वर्णजयंती ग्राम स्वरोजगार योजना (एसजीएसवाय) के अंतर्गत ऋण संग्रहण लक्ष्य - आरबीआई - Reserve Bank of India
वर्ष 2011-12 के लिए स्वर्णजयंती ग्राम स्वरोजगार योजना (एसजीएसवाय) के अंतर्गत ऋण संग्रहण लक्ष्य
आरबीआइ/2010-11/582 14 जून 2011 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक महोदय, वर्ष 2011-12 के लिए स्वर्णजयंती ग्राम स्वरोजगार भारत सरकार ने स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना (एसजीएसवाय) के अंतर्गत वर्ष 2011-12 के लिए ऋण संग्रहण लक्ष्यों को अंतिम रूप दिया। वर्ष 2011-12 के लिए राज्य / संघ शासित क्षेत्रावार ऋण संग्रहण लक्ष्य संलग्न हैं। 2. हम सूचित करते हैं कि दर्शाए गए राज्य-वार लक्ष्य राज्य के एसएलबीसी संयोजक बैंक के क्षेत्राधिकार में कार्य करनेवाले बैंकों के बीच आबंटित किए जाएं और इसकी सूचना हमें दी जाए। एसएलबीसी को स्वीकार्य मानदंडों जैसे संसाधन, ग्रामीण / अर्ध - शहरी शाखाओं आदि के आधार पर प्रत्येक बैंकों के लक्ष्यों को अंतिम रूप देना चाहिए ताकि प्रत्येक बैंक अपने कार्पोरेट लक्ष्य प्राप्त कर सकें। हम अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की ऋण लक्ष्य प्राप्ति की निगरानी प्राप्त विवरणियों के माध्यम से करेंगे। 3. अग्रणी बैंक प्रत्येक राज्य / संघशासित क्षेत्र में संबंधित एसएलबीसी / यूटीएलबीसी के माध्यम से नियमित अंतराल पर ऋण संग्रहण निष्पादन की समीक्षा करें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऋण लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु बैंकों द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। 4. प्राथमिकता क्षेत्र को उधार - विशेष कार्यक्रम - स्वर्णजयंती ग्राम स्वरोजगार योजना (एसजीएसवाय) पर दिनांक 1 जुलाई 2010 के हमारे मास्टर परिपत्र भारिबैं/2010-11/56-ग्राआऋवि.एसपी.बीसी.सं. 7/ 09.01.01/ 2010-11 के पैरा 22 के अनुसार मासिक / त्रैमासिक / छमाही रिपोर्टें हमें प्रस्तुत की जाएं। 5. साथ ही, जैसाकि आपको ज्ञात है, हमने एसजीएसवाई के संबंध में बैंकों द्वारा ऑन-लाइन ब्योरे प्रस्तुतीकरण की एक अपग्रेडेड प्रणाली (पीसीआरपीसीडी) शुरू की है। वर्ष 2011-12 के लिए अनुसूचित वाणिज्य बैंकों को आबंटित राज्य-वार लक्ष्य, आपके बैंक से प्राप्त होने पर केंद्रीय कार्यालय में हमारी प्रणाली में अद्यतन किए जाएंगे। इसके बाद, आपको वर्ष 2011-12 के लिए राज्य-वार / बैंक-वार वित्तीय लक्ष्य अपनी प्रणाली में अद्यतन करना है। इससे सदस्य बैंक हमें ऑन-लाइन विवरणियां प्रस्तुत कर सकेंगे। 6. कृपया आप यह सुनिश्चित करें कि उक्त प्रगति रिपोर्टें हार्ड-कॉपी और पीसीआरपीसीडी के अंतर्गत ऑन-लाइन में साथ-साथ प्रस्तुत की जा रही हैं तथा हमारी ओर से अगले अनुदेश प्राप्त होने तक यह जारी रखें। 7. कृपया अपने नियंत्रक कार्यालयों और शाखाओं को उचित अनुदेश जारी करें तथा इसकी सूचना हमें भी दें। भवदीया श्रीमती (अलका एस.तेलंग ) अनुलग्नक : यथोक्त
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