भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना
आरबीआई/2008-09/203 6 अक्तूबर 2008 सभी अनुसूचित वाणिज्य़ बैंक महोदय भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 (1) - सीआरआर बनाए रखना कृपया उपर्युक्त विषय पर 30 ज़ुलाई 2008 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 25 / 12.01.001/2008-2009 देखें। वैश्व्ाक तथा देशी गतिविधियों के परिप्रेक्ष्य में चलनिधि की वर्तमान स्थिति की समीक्षा करने पर, तथा ज्ौंसा कि उक्त दिनांक की भारतीय रिज़र्व बैंक की प्रेस प्रकाशनी 2008-09/447 में उल्लेख किया गया है, यह निर्णय लिया गया है कि अनुसूचित वाणिज्य़ बैंकों के आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) को 50 आधार अंक घटाकर 11 अक्तूबर 2008 से आरंभ होनेवाले पखवाड़े से उनकी निवल मांग तथा मीयादी देयताओं के 9.00 प्रतिशत से 8.50 प्रतिशत किया ज़ाए ।यह तदर्थ तथा अस्थायी स्वरूप का उपाय है और चलनिधि की परिवर्तनशील स्थिति को ध्यान में रखते हुए इसकी निरंतर आधार पर समीक्षा की ज़ाएगी। 2. इससे संबंधित 6 अक्तूबर 2008 की अधिसूचना बैंपविवि. सं. आरईटी. बीसी. 51 /12.01.001/ 2008-2009 की प्रतिलिपि संलग्न है। 3. कृपया प्राप्ति-सूचना दें । भवदीय अधिसूचना भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 42 की उप-धारा (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा 30 ज़ुलाई 2008 की अपनी अधिसूचना बैंपविवि.सं.आरईटी बीसी. 24/ 12.01.001/2008-2009 में आंशिक संशोधन करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक एतदद्वारा यह अधिसूfचत करता है कि प्रत्येक अनुसूचित वाणिज्य़ बैंक द्वारा रखा ज़ाने वाला अपेक्षित औसत आरक्षित नकदी निधि अनुपात (सीआरआर) 11 अक्तूबर 2008 से आरंभ होने वाले पखवाड़े से 50 आधार अंक घटाकर उसकी निवल मांग तथा मीयादी देयताओं का 8.50 प्रतिशत होगा। (एच.आर.खान) |