चालू खाता लेनदेन विदेश के दूरदर्शन पर विज्ञापन के लिए विप्रेषण - आरबीआई - Reserve Bank of India
चालू खाता लेनदेन विदेश के दूरदर्शन पर विज्ञापन के लिए विप्रेषण
भारतीय रिज़र्व बैंक ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 44 14 मई 2002 प्रति विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी प्रिय महोदय, /महोदया चालू खाता लेनदेन विदेश के दूरदर्शन पर विज्ञापन के लिए विप्रेषण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान 16 मई 2002 के ए पी (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.11 के साथ संलग्न 3 मई 2000 की भारत सरकार की अधिसूचना सं.जीएसआर सं.381 (ई) की प्रतिलिपि की ओर आकृष्ट किया जाता है। अधिसूचना की अनुसूची III की मद सं. 13 के अनुसार किसी व्यक्ति द्वारा जिनका निर्यात अर्जन प्रत्येक गत दो वर्षो के दौरान 10 लाख रुपयों से कम है विदेशी दूरदर्शन पर विज्ञापन के लिए विदेशी मुद्रा के विप्रेषण के लिए रिज़र्व बैंक का पुर्वानुमोदन आवश्यक है अन्यथा भुगतान उनके ईईएफसी खाते से किया गया हो। 2. यह स्पष्ट किया जाता है कि विदेश दूरदर्शन पर पिज्ञापन हेतु निवासियो, जिन्हें रिज़र्व बैंक से किसी पूर्व अनुमति आवश्यकता नही है, की और से कोई विप्रेषण करने से पहले प्राधिकृत व्यापारियों को किसी सनदी लेखाकार से प्रमाणित किया गया इस आशय का एक प्रमाणपत्र प्राप्त करना चाहिए। क) आवेदक निर्यातक इस मानदझ्ड का समाधान करता है कि गत दो वर्षों के प्रत्येक के दौरान 10 लाख रुपयों से अधिक निर्यात अर्जन किया है। ख) विज्ञापन जिसके लिए विदेशी मुद्रा का विप्रेषण किया जा रहा है, उसका प्रसारण विदेश दूरदर्शन कंपनी ने न केवल भारत में नही बल्कि विदेश देशों में भी किया है। 3. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत कराये। 4. इस परिपत्र में अन्तर्विष्ट निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अधीन जारी किए गए है। भवदीय ग्रेस कोशी |