साख सूचना कम्पनियों को साख सूचना प्रस्तुत करने के लिए डाटा फॉर्मेट तथा अन्य विनियामक उपाय - आरबीआई - Reserve Bank of India
साख सूचना कम्पनियों को साख सूचना प्रस्तुत करने के लिए डाटा फॉर्मेट तथा अन्य विनियामक उपाय
भा.रि.बैं/2015-16/120 9 जुलाई 2015 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) महोदय / महोदया, साख सूचना कम्पनियों को साख सूचना प्रस्तुत करने के लिए कृपया 27 जून 2014 का हमारा परिपत्र बैंविवि.सं.सीआईडी.बीसी.127/20.16.056/2013-14 देखें जिसमें, अन्य बातों के साथ-साथ, साख सूचना कम्पनियों को साख सूचना प्रस्तुत करने के प्रयोजन से एक समान क्रेडिट रिपोर्टिंग फॉर्मेट शुरू करने के लिए सूचित किया गया था। 2. फॉर्मेट के अनुबंध I में दो भाग हैं, कंज्यूमर ब्यूरो तथा कामर्शियल ब्यूरो I यह तय किया गया है कि कंज्यूमर ब्यूरो में “written off and settled status” फील्ड्स के लिए “Restructured due to Natural Calamity” के नाम से तथा कामर्शियल ब्यूरो में “Major Reasons for Restructuring” के नाम से नया स्टेटस वैल्यू बनाया जाए। इस संशोधन का उद्देश्य किसी घोषित प्राकृतिक आपदा के कारण पुनर्रचित/पुनर्निधारित कृषि ऋणों के बारे में सीआईसी को रिपोर्ट करने में बैंकों/ वित्तीय संस्थाओं को सक्षम बनाना है । “प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों में बैंकों द्वारा राहत के उपायों पर दिशानिर्देश” भारतीय रिजर्व बैंक के दिनांक 25 मार्च 2015 के परिपत्र एफआईडीडी.सं.एफएसडी.बीसी.52/05.10.001/2014-15 में दिए गए हैं। ऐसी रिपोर्टिंग से बैंकों को यह जानने में मदद मिलेगी कि किसानों द्वारा पहले लिए गए कोई ऋण प्राकृतिक आपदाओं के कारण पुनर्रचित किए गए थे या नहीं। 3. बैंकों / वित्तीय संस्थाओं / साख सूचना कम्पनियों को चाहिए कि वे अपनी प्रणालियों में आवश्यक संशोधन करें और 30 सितम्बर 2015 से उक्त सूचना रिपोर्ट करना प्रारंभ कर दें। भवदीय (राजिन्दर कुमार) |