मौद्रिक नीति 2012-13 की दूसरी तिमाही समीक्षा –‘इन्फ्रास्ट्रक्चर ऋण’ की परिभाषा - आरबीआई - Reserve Bank of India
मौद्रिक नीति 2012-13 की दूसरी तिमाही समीक्षा –‘इन्फ्रास्ट्रक्चर ऋण’ की परिभाषा
आरबीआई/2012-13/297 20 नवंबर 2012 सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदय मौद्रिक नीति 2012-13 की दूसरी तिमाही समीक्षा –‘इन्फ्रास्ट्रक्चर ऋण’ की परिभाषा कृपया ‘बैंकों तथा वित्तीय संस्थाओं द्वारा इन्फ्रास्ट्रक्चर का वित्तपोषण – इन्फ्रास्ट्रक्चर ऋण की परिभाषा’ पर दिनांक 30 नवंबर 2007 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 52/ 21.04.048/2007-08 देखें। इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र के अंतर्गत शामिल किए गए मदों की नवीनतम सूची 'एक्सपोजर मानदंड' पर दिनांक 02 जुलाई 2012 के हमारे मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआईआर. बीसी. 3/13.03.00/2012-13 के अनुबंध 1 में प्रस्तुत है। 2. दिनांक 30 अक्तूबर 2012 को घोषित मौद्रिक नीति 2012-13 की दूसरी तिमाही समीक्षा के अंतर्गत 'इन्फ्रास्ट्रक्चर ऋण की परिभाषा' पर पैरा 110 और 111 (उद्धरण संलग्न) में किए गए संकेत के अनुसार यह निर्णय लिया गया है कि 'बैंकों तथा वित्तीय संस्थाओं द्वारा इन्फ्रास्ट्रक्चर के वित्तपोषण के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर ऋण' की परिभाषा को 27 मार्च 2012 को भारत सरकार द्वारा अधिसूचित इन्फ्रास्ट्रक्चर उप-क्षेत्रों की मास्टर सूची में दी गयी परिभाषा के अनुरूप किया जाए। तदनुसार, 'इन्फ्रास्ट्रक्चर ऋण' की संशोधित परिभाषा इस परिपत्र के अनुबंध में दी गई है। 3. 'इन्फ्रास्ट्रक्चर ऋण' की संशोधित परिभाषा इस परिपत्र की तिथि से प्रभावी होगी। उप-क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाली उन परियोजनाओं में बैंकों के एक्सपोजर, जो इन्फ्रास्ट्रक्चर की हमारी पूर्व परिभाषा में शामिल थे, किंतु संशोधित परिभाषा में शामिल नहीं किए गए हैं, परियोजनाओं के पूरे होने तक ऐसे एक्सपोजरों के लिए 'इन्फ्रास्ट्रक्चर ऋण' के अंतर्गत मिलने वाले लाभ प्राप्त करते रहेंगे। तथापि इस परिपत्र की तिथि से उन उप-क्षेत्रों को दिया गया कोई भी नया ऋण 'इन्फ्रास्ट्रक्चर ऋण' के रूप में मान्य नहीं होगा। भवदीय (दीपक सिंघल) ‘इन्फ्रास्ट्रक्चर ऋण’ के लिए उप-क्षेत्रों की सूची ऋणदाताओं (अर्थात् बैंकों और चुनिंदा अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाओं) द्वारा किसी उधारकर्ता को इन्फ्रास्ट्रक्चर के निम्नलिखित उप-क्षेत्रों में एक्सपोजर के लिए प्रदान की जाने वाली ऋण सुविधा ‘इन्फ्रास्ट्रक्चर ऋण’ के रूप में मान्य होगीः
1. सहयोगी टर्मिनल इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे लदान/उतराई टर्मिनल, स्टेशन तथा भवन सम्मिलित हैं। 2. कच्चे तेल का सामरिक भंडारण सम्मिलित है। 3. नगर गैस वितरण नेटवर्क सम्मिलित है। 4. ब्राडबैंड/इंटरनेट उपलब्ध कराने वाले आप्टिक फाइबर/केबिल नेटवर्क सम्मिलित हैं। 5. आयुर्विज्ञान महाविद्यालय, पराचिकित्सा प्रशिक्षण संस्थान एवं चिकित्सा केंद्र सम्मिलित हैं। 6. कृषि तथा संबंधित उत्पादों, समुद्री उत्पादों एवं मांस के संरक्षण तथा भंडारण के लिए फार्म के स्तर पर प्री-कूलिंग के लिए शीत गृह सुविधा सम्मिलित है। 30 अक्तूबर 2012 को घोषित मौद्रिक नीति 2012-13 की दूसरी तिमाही समीक्षा से उद्धरण V विनियामक और पर्यवेक्षकीय उपाय बुनियादी ढांचा क्षेत्र को उधार की परिभाषा 110. बुनियादी ढांचा क्षेत्र को बैंकों द्वारा दिए जाने वाले उधार में महत्वपूर्ण रूप से वृद्धि हुई है । विभिन्न विनियामकों के बीच बुनियादी ढांचा क्षेत्र की तरह–तरह की परिभाषाओं से उत्पन्न भ्रम और कठिनाइयों को देखते हुए भारत सरकार ने मार्च 2012 में बुनियादी ढांचा क्षेत्र/ सब सेक्टर की एक मास्टर लिस्ट अधिसूचित की है। तदनुसार, प्रस्ताव है कि:
111. विस्तृत दिशा-निर्देश अलग से जारी किए जा रहे हैं । |