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बैंकों द्वारा प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्रों को ऋण देने में हुई कमी को पूरा करने के लिए नाबार्ड/सिडबी/राष्ट्रीय आवास बैंक में रखी गई जमाराशियाँ- तुलनपत्र में रिपोर्ट करना

भारिबैं/2015-16/127
बैंविवि‍. बीपी.बीसी. सं.31/21.04.018/2015-2016

16 जुलाई 2015

सभी अनुसूचित वाणिज्‍य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)

महोदय,

बैंकों द्वारा प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्रों को ऋण देने में हुई कमी को पूरा करने के लिए नाबार्ड/सिडबी/राष्ट्रीय आवास बैंक में रखी गई जमाराशियाँ- तुलनपत्र में रिपोर्ट करना

कृपया “मास्टर परिपत्र : बैंकों द्वारा निवेश पोर्टफोलियो के वर्गीकरण, मूल्यांकन तथा परिचालन के लिए विवेकपूर्ण मानदंड” पर जारी 01 जुलाई, 2015 के हमारे परिपत्र बैंविवि‍. सं.बीपी.बीसी. 6/21.04.141/2015-2016 का पैरा 2.1 (v) देखें, जिसके अनुसार बैंकों को, अन्य बातों के साथ-साथ, परिपक्वता तक धारित (एचटीएम) श्रेणी के अंतर्गत आरआईडीएफ़/सिडबी/आरएचडीएफ़ जमाओं को धारित करने की अनुमति दी गई है। 9 जून 2005 का हमारा मेलबॉक्स स्पष्टीकरण भी देखें जिसके अनुसार प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को ऋण देने में कमी के बदले में सिडबी /नाबार्ड में रखी गई जमाराशियों को तुलनपत्र की मद I (vi)-अन्य की अनुसूची 8 ‘निवेश’ के अंतर्गत दर्शाया जाना चाहिए।

2. अब यह निर्णय लिया गया है कि 01 अप्रैल 2015 से या उसके बाद आरंभ होने वाली लेखांकन अवधियों के लिए, प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्रों को ऋण देने के लक्ष्य को प्राप्त करने में रह गई कमी को पूरा करने के लिए नाबार्ड/सिडबी/राष्ट्रीय आवास बैंक में रखी गई जमाराशियों को तुलनपत्र के उप शीर्ष ‘अन्य’ के अंतर्गत अनुसूची 11- ‘अन्य आस्तियां’ के अंतर्गत शामिल किया जाना चाहिए। बैंक वर्तमान तथा विगत, दोनों वर्षों के लिए ऐसी जमाराशियों के ब्योरे भी तुलनपत्र की अनुसूची 11 में फुटनोट के रूप में प्रकट कर सकते हैं। इसके अलावा, 31 मार्च 2016 को समाप्त होने वाले वर्ष के लिए तुलनपत्र प्रस्तुत करते समय, पिछले वर्ष की राशियों को पुनः उचित समूहों में बाँट दिया जाए।

3. यह नोट किया जाए कि जोखिम भारित आस्ति की तुलना में पूंजी का अनुपात (सीआरएआर) और समायोजित निवल बैंक ऋण (एएनबीसी) इत्यादि की गणना के उद्देश्य से इस प्रकार की राशियों के ट्रीटमेंट के संबंध में मौजूदा अनुदेश अपरिवर्तित रहेंगे।

भवदीय,

(सुदर्शन सेन)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

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