माइक्रो और लघु उद्यमों (एमएसई) के लिए विभेदक ब्याज दर - आरबीआई - Reserve Bank of India
माइक्रो और लघु उद्यमों (एमएसई) के लिए विभेदक ब्याज दर
आरबीआई/2013-14/564 15 अप्रैल 2014 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक महोदय /महोदया माइक्रो और लघु उद्यमों (एमएसई) के लिए विभेदक ब्याज दर दिनांक 01 अप्रैल 2014 को घोषित प्रथम द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2014-15 के भाग 'ख' की ओर आपका ध्यान आकृष्ट किया जाता है जिसमें माइक्रो और लघु उद्यम (एमएसई) उधारकर्ताओं के लिए ऋण प्रवाह को गति देने के लिए बैंकों द्वारा अपनाये जाने वाले कतिपय उपायों का प्रस्ताव किया गया है। 2. इस संबंध में हम सूचित करते हैं कि एमएसई उधारकर्ताओं को दिए जाने वाले ऋणों की कीमत निर्धारित करते समय बैंकों को चाहिए कि वे एमएसई के लिए ऋण गारंटी निधि न्यास (सीजीटीएमएसई) की क्रेडिट गारंटी कवर तथा ऋण के सीजीटीएमएसई द्वारा गारंटीकृत अंश के लिए पूंजी पर्याप्तता के उद्देश्य के लिए शून्य जोखिम भार के रूप में उपलब्ध प्रोत्साहन को ध्यान में रखें तथा ऐसे एमएसई उधारकर्ताओं को अन्य उधारकर्ताओं की तुलना में विभेदक ब्याज दर प्रदान करें। तथापि, बैंक यह नोट करें कि ऐसी विभेदक ब्याज दर बैंक की आधार दर से कम नहीं होनी चाहिए। 3. साथ ही, बैंकों को सूचित किया जाता है कि एमएसई उधारकर्ताओं के ऋण प्रस्तावों का मूल्यांकन करते समय बोर्ड द्वारा अनुमोदित क्रेडिट स्कोरिंग मॉडलों का प्रयोग करने के लिए वे एमएसई सेक्टर को दी जाने वाली ऋण सुविधाओं से संबंधित अपनी ऋण नीति की समीक्षा करें। भवदीय (प्रकाश चंद्र साहू) |