भारिबैंक/2011-12/477 ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 98 30 मार्च 2012 सभी श्रेणी-। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, रिज़र्व बैंक द्वारा मुद्रित जीआर फॉर्मों की आपूर्ति बंद करना प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । बैंकों का ध्यान 26 मार्च 2009 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 60 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार जीआर फॉर्म रिज़र्व बैंक की वेबसाइट www.rbi.org.in पर ऑन-लाइन उपलब्ध कराए गए थे । रिज़र्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालयों से मुद्रित जीआर फॉर्म खरीदने की सुविधा एक वर्ष के लिए जारी रखने की भी अनुमति दी गयी थी । 2. सूचना प्रौद्योगिकी के आगमन और इंटरनेट एक्सेस करने की सुविधा के मद्देनज़र रिज़र्व बैंक दवारा जीआर फॉर्मों की छपाई तथा आपूर्ति करने की कोई आवश्यकता महसूस नहीं होती है। अत: यह निर्णय लिया गया है कि रिज़र्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा मुद्रित जीआर फॉर्मों की आपूर्ति / काउंटर से बिक्री समाप्त कर दी जाए । अत: 1 जुलाई 2012 से, जीआर फॉर्म रिज़र्व बैंक की वेबसाइट www.rbi.org.in पर निम्नलिखित लिंक पर केवल ऑन-लाइन ही उपलब्ध होंगे : "अधिसूचना->फेमा->फॉर्म->जीआर फॉर्म की छपाई के लिए" 3. जीआर फॉर्मों को डाउनलोड करते समय, निर्यातक 'लीगल' साइज पेपर अर्थात 8.5 × 14 इंच पेपर का उपयोग सुनिश्चित करें । इसके अलावा, छपाई से पहले, पेज सेटअप ऑप्शन में प्रिंटर और पेपर साइज दोनों लीगल साइज पर सेट करने होंगे । जब दस्तावेज मुद्रण कतार में जाएगा, तो जीआर नंबर स्वत: (अपने आप) आबंटित हो जाएगा । 4. प्राधिकृत व्यापारी बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों और घटकों को अवगत करायें । 5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और 11 (1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/अनुमोदन पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं । भवदीया, (डॉ. सुजाता एलिज़ाबेथ प्रसाद) मुख्य महाप्रबंधक |