RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S3

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79174529

चेकों का नकारा जाना – क्रियाविधि में संशोधन

आरबीआई/2016-17/33
बैंविवि.सं.एलईजी.बीसी.3/09.07.005/2016-17

04 अगस्त 2016

सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित)

महोदय/ महोदया,

चेकों का नकारा जाना – क्रियाविधि में संशोधन

कृपया 26 जून 2003 का हमारा परिपत्र बैंपविवि.बीसी.एलईजी.सं.113/09.12.001/2002-03 और 12 मई 2014 का परिपत्र आरपीसीडी.केका.आरआरबी.बीसी.सं.100/03.05.33/2013-14 का पैरा 11.4 (i) देखें जिनमें बैंकों को सूचित किया गया है कि वे चेक की सुविधा वाले खातों के परिचालन के लिए यह शर्त रखें कि खाते में पर्याप्त राशि न रहने पर भी वित्तीय वर्ष के दौरान चार बार चेक काटने वाले व्यक्ति के विशेष खाते पर एक करोड़ और उससे अधिक राशि के चेक के नकारे जाने की स्थिति में, नई चेक बुक जारी नहीं की जाएगी। साथ ही, बैंक अपने विवेक के अनुसार ऐसे चालू खाते को बंद करने पर भी विचार कर सकता है।

2. उपर्युक्त अनुदेशों की समीक्षा की गई और यह निर्णय लिया गया है कि खाता धारकों के चेकों को नकारने के संबंध में बैंकों की प्रतिक्रिया का निर्धारण बैंकों के विवेक पर छोड़ दिया जाए। बैंकों को चाहिए कि वे अपने बोर्ड अथवा उसकी समिति द्वारा अनुमोदित उचित नीति तैयार करें, जिसमें चेक आहरण सुविधा के दुरूपयोग को रोकने की आवश्यकता पर विचार किया जाए और चेकों के अनभिप्रेत ढंग से नकारे जाने के लिए ग्राहकों पर अर्थदंड लगाने से बचा जाए।

3. यह नीति पारदर्शी होनी चाहिए, प्रत्येक ग्राहक को इसकी जानकारी पहले से दी जाए और इसे निष्पक्ष रूप से लागू किया जाए।

भवदीय,

(राजिंदर कुमार)
मुख्य महाप्रबंधक

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?