गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा मुचुअल फंड उत्पादों का वितरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा मुचुअल फंड उत्पादों का वितरण
भारिबैं/2006-07/195
गैबैंपवि.(नीप्र)कं.परिपत्र सं. 84 /03.10.27/2006-07
4 दिसम्बर 2006
सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ
(अवशिष्ट गैर बैंकिंग कंपनियों सहित)
प्रिय महोदय
गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा मुचुअल फंड उत्पादों का वितरण
कृपया आप वर्ष 2006-07 के लिए वार्षिक नीति संबंधी वक्तव्य के संबंध में 31 अक्तूबर 2006 को गवर्नर महोदय द्वारा घोषित मध्यावधि समीक्षा के पैराग्राफ 153 (संलग्न)का अवलोकन करें।
2. गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को उनके कारोबार के क्षेत्र में और अधिक विविधता की अनुमति दे कर इस क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को, चयनित आधार पर, मुचुअल फंडों के एजेंट के रूप में मुचुअल फंड उत्पादों को बेचने और उन्हें वितरित करने की अनुमति प्रारंभ में दो वर्षों की अवधि के लिए दी जाए और तदुपरांत उसकी समीक्षा की जाए। निम्नलिखित न्यूनतम अपेक्षाएं पूरी करने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ एतदर्थ आवदेन कर सकती हैं :-
i) न्यूनतम 100 करोड़ रुपए की निवल(हाू) स्वाधिकृत निधि हो;
ii) पिछले दो वर्षों के लेखापरीक्षित तुलन पत्र के अनुसार कंपनी ने निवल लाभ अर्जित किया हो;
i) पिछले लेखापरीक्षित तुलनपत्र के अनुसार गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी की निवल अनर्जक परिसंपत्तियाँ (बूर् ब्झ्ीं) उसके निवल अग्रिमों के 3% से अधिक न हों;
ii) जमा न स्वीकार करने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी-एनडी) का सीआरएआर 10% होना चाहिए और जमा स्वीकार करने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी-डी) का 12% या 15%, जैसाकि संबंधित कंपनी पर लागू हो, होना चाहिए।
3. इसके अलावा गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को निम्नलिखित निर्धारणों का पालन करना होगा;
i) परिचालनात्मक पहलू
b) कंपनी को ऐसा कोई प्रतिबंधात्मक व्यवहार नहीं अपनाना चाहिए जिसके अंतर्गत वह अपने ग्राहकों को अपने द्वारा प्रवर्तित उत्पाद के लिए बाध्य करती हो। ग्राहकों को उनकी अपनी रुचि के अनुसार चयन की स्वतंत्रता रहनी चाहिए।
c) व ंपनी के ग्राहकों की मुचुअल फंड उत्पादों में भागीदारी पूरी तरह स्वैच्छिक है और कंपनी द्वारा उसकी समस्त प्रचार सामग्री में इस सूचना को प्रमुख रूप से बताया/दर्शाया जाना चाहिए। कंपनी द्वारा ग्राहकों को दी जाने वाली वित्तीय सेवाओं और मुचुअल फंड उत्पादों के वितरण के बीच प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध(त्वर्हव्ीुा) नहीं होना चाहिए।
d) कंपनी को ग्राहकों के केवल एजेंट के रूप में काम करना चाहिए। उसे मुचुअल फंड की यूनिटों की खरीद/बिक्री के लिए निवेशकों के आवदेन पत्र भुगतान लिखतों सहित मुचुअल फंड/रजिस्ट्रार/अंतरण एजेंट को अग्रसारित करने तक सीमित रहना चाहिए। यूनिटों की खरीद ग्राहकों के जोखिम पर होनी चाहिए और तत्संबंध में कंपनी की ओर से निश्चित आय की गारंटी नहीं होनी चाहिए।
e) ग्राहकों को बेचने के लिए कंपनी को द्वितीय/गौण बाजार से मुचुअल फंड की यूनिटें न तो अर्जित करनी चाहिए और न ही उसे अपने ग्राहकों से उन्हें खरीदना/बाई बैक करना चाहिए।
f) यदि कंपनी ग्राहकों की ओर से मुचुअल फंड की यूनिटों को अपनी अभिरक्षा में रखे तो वह यह सुनिश्चित करे कि उसके अपने निवेश और ग्राहकों से संबंधित निवेशों को एक दूसरे से बिलकुल अलग रखा जाए।
(ii) अन्य पहलू
a) यदि मुचुअल फंड-एजेंसी कारोबार में कोई जोखिम हो तो वह गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी के अपने कारोबार में अंतरित न हो;
b) कंपनी ने उचित व्यवहार संहिता के मार्गदर्शी सिद्धांतों को लागू किया हो;
c) कंपनी ’अपने ग्राहक को जानें’ विषय पर जारी मार्गदर्शी सिद्धांतों और धनशोधन निवारण अधिनियमर्(झ्श्थ्ीं) के प्रावधानों का पालन करती हो ;
d) कंपनी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ सार्वजनिक जमा स्वीकरण(रिज़र्व बैंक) निदेश, 1998 और /या गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ विवेकपूर्ण मानदण्ड(रिज़र्व बैंक) निेदेश, 1998 तथा भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के अन्य अनुदेशों /प्रावधानों, जहाँ तक संबंधित गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी पर लागू हों, का अवश्य पालन करती हो;
e) गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी अन्य शर्तों का पालन करे, जिन्हें रिज़र्व बैंक इस संबंध में समय-समय पर निर्धारित करे।
4. किसी अवांछित/दूषित कार्य/परिचालन की जानकारी रिज़र्व बैंक को मिलने पर, 3 माह की नोटिस देकर अनुमति वापस ली जा सकेगी।
5. कृपया इसकी पावती आप भारतीय रिज़र्व बैंक, गैर बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग के उस क्षेत्रीय कार्यालय को भेजें जिसके अधिकारक्षेत्र में आपकी कंपनी का पंजीकृत कार्यालय आता हो।
भवदीय
(पी. कृष्णमूर्ति)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक
सं. यथोक्त
वर्ष 2006-07 के लिए वार्षिक नीति की मध्यावधि समीक्षा - गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां - पैराग्राफ 153
विशेष रूप से लघु क्षेत्र और थोक क्षेत्र में ऋण वितरण के साधन के रूप में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियो को आर्थिक दृष्टि से सुदृढ़ ऐसी संस्थाओं के रूप में विकसित करने पर बल देता रहा है जिनके पास, जनसाधारण की आवश्यकताओं को पूरा करने का अपेक्षित कौशल हो। गैर-बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र के कारोबार का विविधीकरण करके इस क्षेत्र को सुदृढ़ बनाने के लिए गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं को निम्नलिखित के लिए अनुमति दिए जाने का प्रस्ताव हैं: