देशी धन अंतरण - छूट - आरबीआई - Reserve Bank of India
देशी धन अंतरण - छूट
भारिबैं/2011-12/213 5 अक्टूबर 2011 अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यकारी अधिकारी महोदया/महोदय देशी धन अंतरण - छूट वर्तमान में केवल बैंकों को केवाईसी/एएमएल दिशानिर्देशों का पालन करने के अधीन देश में धन अंतरण करने की अनुमति है। पहचान/पते के सबूत के अभाव में लोगों की बहुत बड़ी संख्या, विशेष रूप से प्रवासी आबादी, की पहुंच औपचारिक बैंकिंग माध्यमों तक नहीं है। परिणामस्वरूप, उन्हें धन अंतरण के लिए अधिकृत माध्यमों का उपयोग करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। वित्तीय समावेशन की प्रक्रिया को गति देने के लिए मासिक सीमा और निगरानी के अधीन औपचारिक बैंकिंग माध्यम खोलकर छोटे मूल्य के धन अंतरण को आसान करने हेतु रिज़र्व बैंक को लगातार अभ्यावेदन प्राप्त होते रहे हैं। संबंधित मुद्दों की समीक्षा के बाद हम इन दिशानिर्देशों को जारी कर रहे हैं। इन छूटों से आशा है कि पूरे देश में एक सुरक्षित और दक्ष तरीके से धन अंतरण की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। 2. ये छूटें निम्नलिखित तीन श्रेणियों के अंतर्गत आती हैं: क. बिना बैंक खाता वाले लाभार्थियों को बैंक खातों से अंतरित की जा रही राशि की नकद पे-आउट व्यवस्था को उदार बनाना और प्रति लाभार्थी कुल मासिक सीमा ₹25,000 के अधीन लेनदेन सीमा ₹5,000 की मौज़ूदा सीमा से ₹10,000 तक बढ़ाना। ख. बिना बैंक खाता वाले अकस्मात ग्राहकों (वाक-इन कस्टमर्स) (उदाहरणार्थ प्रवासी मजदूर) को बैंक खातों में (जैसे परिवार के सदस्यों या अन्य लोगों को) प्रति धन प्रेषक लेनदेन सीमा ₹5,000 और मासिक सीमा ₹25,000 के अधीन धन अंतरण के लिए सक्षम बनाना। ग. उपर्युक्त (ख) के समान लेनदेन/मासिक सीमा के अधीन देशी डेबिट/क्रेडिट/प्री-पेड कार्डों के बीच धन अंतरण को सक्षम करना। 3. परिचालनगत निर्देशों का विवरण अनुबंध में दिया गया है। 4. उपर्युक्त देशी धन अंतरण करते समय बैंक/गैर बैंक निम्नलिखित का पालन करें : क. बैंक/गैर बैंक वेग जांच (वेलोसिटी चेक) सहित मज़बूत सुरक्षा प्रणाली बनाएं और इस सुविधा का उपयोग करते हुए ग्राहकों को खातों में राशि जमा होने के बारे में अलर्ट दें। किसी विशेष खाते/समूह खातों में जमा राशि की मात्रा में किसी असामान्य बढोत्तरी की तुरंत जांच की जाएगी। संदिग्ध लेनदेनों के बारे में उपयुक्त प्राधिकारियों को सतर्क किया जाएगा। ख. ऐसे धन अंतरण तत्काल/लगभग तत्काल के आधार पर प्रभावी होने अपेक्षित हैं। ग. किसी भी समय प्रीपेड भुगतान लिखत पर कुल बकाया राशि प्रीपेड भुगतान लिखत जारी करने और परिचालन के लिए नीतिगत दिशानिर्देर्शों पर भारतीय रिज़र्व बैंक के वर्तमान दिशानिर्देशों में निर्धारित सीमा से अधिक नहीं होगी। घ. धन का अंतर-बैंक निपटान केवल आरबीआई अनुमोदित भुगतान प्रणालियों के उपयोग से ही प्रभावी किया जाएगा। ङ. इस योजना को लोकप्रिय बनाने के लिए बैंक/गैर बैंक उचित शुल्क तय करें। च. ग्राहक शिकायतों के निवारण के लिए बैंक/गैर बैंक उपयुक्त प्रणाली बनाएं। छ. इस योजना के अंतर्गत प्राप्त ग्राहक शिकायतें रिज़र्व बैंक – एकीकृत लोकपाल योजना, 2021 (समय-समय पर यथा संशोधित) के दायरे में आएंगी । 5. यह निर्देश भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (2007 का अधिनियम 51) की धारा 18 के तहत जारी किया जाता है। 6. कृपया प्राप्ति सूचना दें। भवदीय (जी. श्रीनिवास) |