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इलेक्‍ट्रॉनिक क्‍लीयरिंग सेवा – डेबिट क्‍लीयरिंग – ग्राहक से आदेश

आरबीआई/2006-07/48
संदर्भ. डीपीएसएस (केका) सं.5/04.01.01/2006-2007

04 जुलाई 2006

सभी बैंक जो
इलेक्‍ट्रॉनिक क्‍लीयरिंग सेवा (डेबिट क्‍लीयरिंग) में सहभागी हैं

इलेक्‍ट्रॉनिक क्‍लीयरिंग सेवा – डेबिट क्‍लीयरिंग – ग्राहक से आदेश

आप जानते ही हैं कि ईसीएस के तहत संव्‍यवहार तेजी से बढ़ रहे हैं। डेबिट क्‍लीयरिंग संव्‍यवहारों के बढ़ने की गति क्रेडिट क्‍लीयरिंग से बहुत अधिक है और बहुत सी उपयोगिता कंपनियों / बैंकों द्वारा इस प्रणाली का उपयोग अपने-अपने उपयोगिता भुगतानों, ईएमआई, आदि से संबंधित बिलों का संग्रह करने के लिए किया जाता रहा है।

2. ईसीएस (डेबिड) का कार्य संबंधित खाता धारक द्वारा अपने खातों से डेबिट कराने के लिए प्रयोक्‍ता संस्‍थानों को दिए गए आदेश की शक्ति के आधार पर होता है। इस आदेश की एक प्रतिलिपि खाता धारक द्वारा अथवा प्रयोक्‍ता संस्‍थान द्वारा संबंधित बैंक को भेजी जाती है कि वह बैंक ईसीएस के माध्‍यम से सृजित डेबिट निर्देश की वैधता की जांच करे।

3. भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा हाल ही में किए गए एक अनौपचारिक सर्वेक्षण से यह ज्ञात हुआ है कि बैंकों की बहुत सी शाखएं अपेक्षित आदेश को उचित प्रकार से नहीं रखती हैं। वे पूरी तरह से एक नेमी कार्य के रूप में क्‍लीयरिंग हाउस से प्राप्त ईसीएस (डेबिट) फाइल के आधार पर ही डेबिट कर देती हैं। बैंकों की शाखाओं ने यह भी बताया कि उनके द्वारा प्रयोग में लाए जा रहे सॉफ्टवेयर में कोई भी ईसीएस (डेबिट) आदेश दर्ज करने का प्रावधान नहीं है। यह यह उपलब्‍ध भी है तो यह केवल एक या दो आदेशों के लिए ही है जबकि कुछ खाता धारकों ने तो कई-कई उपयोगिता सगठनों को ईसीएस के माध्‍यम से डेबिट कराने के लिए आदेश दिया हुआ होता है।

4. इस संबंध में यह उल्‍लेख किया जाता है कि डेबिट आदेश प्रबंधन प्रणाली तो हाउस कीपिंग कार्य का एक भाग बनाना होगा। इस आदेश में वैधता अवधि और प्रत्‍येक संव्‍यवहार के लिए उच्‍चतम सीमा भी होनी चाहिए। उच्‍चतम सीमा अलग-अलग आदेशों के लिए अलग-अलग हो सकती है। दिनांक 23 दिसम्‍बर 2005 के हमारे परिपत्र डीपीएसएस (केका) सं. 950/04.01.01/2005-2006 के माध्‍यम से हमने यह सूचित किया था कि किसी भी ग्राहक द्वारा इससे अलग होने के अनुदेशों को चेक क्‍लीयरिंग प्रणाली में भुगतान रोकिए अनुदेश के तुल्‍य मानना होगा। इसलिए यह सुनिश्‍चित किया जाए कि इन आदेशों और यदि कोई मनाही है तो उसे भी रिकार्ड करने के लिए पर्याप्त सावधानी रखी जाती है।

5. हम अनुरोध करते हैं कि आपके बैंक द्वारा जितना शीघ्र संभव हो ईसीएस (डेबिट) संव्‍यहारों को संभालने के लिए समुचित आदेश प्रबंधन प्रक्रिया को समाहित करने के लिए कदम उठाए।

कृपया इस पत्र की पावती भिजवाए और इसका अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।

भवदीय
(के. एन. कृष्‍णामूर्ति)
महाप्रबंधक

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