RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S3

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79049954

इलेक्‍ट्रॉनिक भुगतान उत्‍पाद – सेवा प्रभार

Notification Warning वापस लिया गया w.e.f. 18/02/2022

आरबीआई/2005-06/218
संदर्भ. डीपीएसएस(केका) सं.796/01.01.59/2005-2006

23 नवम्‍बर 2005

प्रति
अध्‍यक्ष / मुख्‍य कार्यपालक अधिकारी
सभी अनुसूचित वाणिज्‍य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के अलावा)

इलेक्‍ट्रॉनिक भुगतान उत्‍पाद – सेवा प्रभार

वर्ष 2005-06 की वार्षिक नीति की मध्‍यावधि समीक्षा का सारांश निम्‍नानुसार है –

अनुच्‍छेद 103 : इलेक्‍ट्रॉनिक भुगतान प्रणालियों के विकास में आने वाली बाधाओं में से एक यह भी है कि बैंकों द्वारा इस पर सेवा प्रभार की ऊंची दर लगाई जा रही है। इस संदर्भ में रिज़र्व बैंक ने ईएफटी को बढ़ावा देने और ईसीएस को प्रोत्‍साहित करने के लिए इलेक्‍ट्रॉनिक क्‍लीयरिंग सेवा (ईसीएस) और इलेक्‍ट्रॉनिक निधि अंतरण (ईएफटी) संव्‍यवहारों दोनों के लिए 31 मार्च 2006 तक के लिए सेवा प्रभारों को हटा दिया गया है। इसके अलावा आरंभ से ही आरटीजीएस संव्‍यवहारों के लिए कोई सेवा प्रभार नहीं लिया जा रहा है और यह रियायत भी 31 मार्च 2006 तक विधिमान्‍य रहेगी। क्‍योंकि इलेक्‍ट्रॉनिक भुगतान प्रणालियां एकदम सीधी-सरल प्रोसेसिंग में सहायता करती हैं और लम्‍बे समय में चलकर ये किफायती भी रहती हैं, इसलिए बैंकों को प्रोत्‍साहित किया जाता है कि ऐसे संव्‍यवहारों पर लगाए जाने वाले सेवा प्रभारों की समीक्षा करें।”

कृपया यह तो स्‍वीकार किया ही जाए कि मध्‍यावधि समीक्षा में यह उल्‍लेख करने का प्रयोजन इस तथ्‍य पर जोर देना है कि बैंकों के लिए जरूरी है कि वे कागज आधारित भुगतान प्रणालियों से इलेक्‍ट्रॉनिक भुगतान प्रणालियों और संव्‍यवहार प्रोसेसिंग में अधिकाधिक दक्षता लाने की तरफ बढ़ें। बैंकों से इसलिए अनुरोध है कि वे भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विकसित भुगतान प्रणालियों यथा आरटीजीएस, ईसीएस, ईएफटी, एनईएफटी, आदि का प्रयोग करते हुए बिना कोई और देरी किए भुगतान प्रणाली की अवसंरचना के रूप में इलेक्‍ट्रॉनिक भुगतान सेवाओं के लिए समुचित डिलीवरी चैनलों का विकास करें। उक्‍त अनुच्‍छेद के मूलभाव के अनुरूप ही सेवा प्रभारों की भी समीक्षा इलेक्‍ट्रॉनिक भुगतान संस्‍कृति को बढ़ावा देने की जरूरत को ध्‍यान में रखते हुए करें, आगे चलकर यह बैंकों के लिए लागत किफायती सिद्ध होगी और कई प्रकार के अतिरिक्‍त लाभ भी प्रदान करेगी।

कृपया पावती भिजवाएं और की गई कार्रवाई से हमें अवगत कराएं।

भवदीय,

ह/-

(ए. पी. होता)
मुख्‍य महाप्रबंधक

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?