राज्य सहकारी बैंकों (SCBs)/ जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों का बीमा कारोबार में प्रवेश
आरबीआई/2004-05/364 17 फरवरी 2005 सभी राज्य सहकारी बैंकों/जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों के अध्यक्ष प्रिय महोदय, राज्य सहकारी बैंकों (SCBs)/ जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों का बीमा कारोबार में प्रवेश आप सभी का ध्यान 18 नवंबर 2004 के हमारे परिपत्र RPCD.CO.NB.BC.सं.59/03.03.116/2004-05 की ओर आकृष्ट करना है, जिसके अंतर्गत अनुसूचित या लाइसेंस प्राप्त अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (SCBs) और लाइसेंस प्राप्त जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंकों (DCCBs) को NABARD की नवीनतम निरीक्षण रिपोर्ट के अनुसार न्यूनतम 100 करोड़ रुपये की निवल संपत्ति होने और जोखिम भागीदारी के बिना कॉर्पोरेट एजेंट के रूप में बीमा कारोबार करने के लिए कुछ अन्य मानदंडों का अनुपालन करने की अनुमति दी गई है। 2. समीक्षा करने पर यह निर्णय लिया गया है कि अनुसूचित या लाइसेंस प्राप्त अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक और लाइसेंस प्राप्त डीसीसीबी जिनकी न्यूनतम निवल संपत्ति [बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (एएसीएस) की धारा-11 के तहत परिभाषित प्रदत्त पूंजी और प्रारक्षित निधियों का वास्तविक या विनिमय योग्य मूल्य] वर्तमान में 100 करोड़ रुपये के बजाय 50 करोड़ रुपये है, उन्हें जोखिम भागीदारी के बिना कॉर्पोरेट एजेंट के रूप में बीमा कारोबार करने की अनुमति दी जाए। ऊपर संदर्भित हमारे 18 नवंबर 2004 के परिपत्र में उल्लिखित अन्य नियम और शर्तें अपरिवर्तित बनी रहेंगी। हम इस बात को पुनः दोहराते हैं कि कोई भी एससीबी/ डीसीसीबी भारतीय रिज़र्व बैंक की पूर्व अनुमति प्राप्त किए बिना बीमा कारोबार नहीं करेगी। 3. कृपया इस परिपत्र की प्राप्ति की सूचना हमारे क्षेत्रीय कार्यालयों को दें। भवदीय (सी.एस.मूर्ति) |
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