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वित्तीय वर्ष 2004-05 के लिए आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 285 बीए के तहत दाखिल वार्षिक सूचना रिटर्न में कमियां

आरबीआई/2005-06/383

संदर्भ.डीजीबीए.सीडीडी.संख्या एच -17578 / 13.01.299 / 2005-06

8 मई 2006

वैशाख 18 , 1928 (स)

अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक

भारतीय स्टेट बैंक/सहयोगी बैंक/

17 राष्ट्रीयकृत बैंक/

यूटीआई बैंक लिमिटेड, आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड,

एचडीएफसी बैंक लिमिटेड, आईडीबीआई लिमिटेड /

स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड

महोदय

वित्तीय वर्ष 2004-05 के लिए आयकर अधिनियम, 1961 की

धारा 285 बीए के तहत दाखिल वार्षिक सूचना रिटर्न में कमियां

कृपया हमारे दिनांक 5 अगस्त 2005 के परिपत्र संख्या डीजीबीए.सीडीडी.13.01.299 / एच - 739-768 / 2005-06 और दिनांक 3 सितंबर 2005 के परिपत्र डीजीबीए.सीडीडी.13.01.299 / एच - 1627/ 2005-06 को देखें, जिसमें आपको 31 अगस्त, 2005 को या उससे पहले वार्षिक सूचना रिटर्न प्रस्तुत करने और फॉर्म संख्या 61ए में वार्षिक सूचना रिटर्न तैयार करने और प्रस्तुत करने की योजना पर संक्षिप्त 'अवलोकन' की एक प्रति संबंधित आयकर कार्यालयों को ऑनलाइन, ई-फॉर्म में अग्रेषित करने की सूचना दी गई है।

  1. इस संबंध में आयकर आयुक्त (सिस्टम) ने हाल ही में हमारे साथ एक बैठक की और सूचित किया कि वित्तीय वर्ष 2004-05 के लिए वार्षिक सूचना रिटर्न (एआईआर) आपके कार्यालय द्वारा देर से दाखिल की गई थी। तथापि, विभिन्न बैंक कार्यालयों द्वारा प्रस्तुत किए गए एआईआर में लेन-देन संबंधी आंकड़ों की जांच में कई त्रुटियां पाई गई हैं। बैंकों द्वारा दाखिल रिटर्न में देखी गई सामान्य त्रुटियां नीचे सूचीबद्ध हैं:
    • लेन-देन करने वाले पक्षों का  अबोध्य / अपूर्ण नाम दर्ज करना, उदाहरण के लिए केवल 2 या 3 अक्षर वाले नाम।
    • लेन-देन करने वाले पक्षों के अबोध्य / अपूर्ण पते जैसे सभी पता फ़ील्ड  में 'शून्य;, 'एन/ए', '-', अपूर्ण डाक पता, अलग-अलग फ़ील्ड में विभाजित भवनों के नाम, एक ही पते फ़ील्ड में दो शहरों के नाम, गलत पिन कोड आदि, दर्ज़ करना
    • गलत जिला और राज्य कोड।
    • गलत लेन-देन कोड।
    • फाइल करने वालों के अबोधगम्य/अपूर्ण नाम दर्ज करना।
  2. आप जानते हैं कि वार्षिक सूचना रिटर्न (एआईआर)  आयकर विभाग के लिए सूचना का एक महत्वपूर्ण स्रोत है और इसलिए, यह जरूरी है कि उन्हें प्रस्तुत डेटा सभी मामलों में संपूर्ण और सटीक हो। अत:, हम आपको सूचित करते हैं कि आप वित्तीय वर्ष 2004-05 के लिए अपने कार्यालय द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों की सटीकता की पुन: जांच करें और यह सुनिश्चित करें कि सभी कॉलम पूरी तरह से भरे  हुए हैं और यदि आवश्यक हो तो आयकर विभाग को "पूरक सूचना रिपोर्ट" प्रस्तुत करें।
  3. प्रसंगवश, हम सूचित करते हैं हैं कि वित्तीय वर्ष 2005-06 के लिए वार्षिक सूचना रिटर्न 31 अगस्त, 2006 से पहले दाखिल की जानी अपेक्षित है। इस संदर्भ में, आयकर आयुक्त ने यह इच्छा व्यक्त की है कि वित्तीय वर्ष 2005-06 के लिए रिज़र्व बैंक को एजेंसी बैंकों से सूचना प्राप्त करनी चाहिए, समेकित कर आयकर विभाग को वार्षिक सूचना रिटर्न दाखिल करनी चाहिए। इसलिए, हम सूचित करते हैं कि आप 1 अप्रैल, 2005 से 31 मार्च, 2006 की अवधि के लिए बचत बांड के निवेशकों के संबंध में जानकारी फॉर्म संख्या 61 ए (सॉफ्ट कॉपी में) में करें, जहां किसी व्यक्ति से प्राप्त कुल राशि 5 लाख रुपये या उससे अधिक थी, को 31 मई 2006 तक आपके अधिकार क्षेत्र के लोक ऋण कार्यालय को प्रस्तुत करें ताकि वे इसे ऑनलाइन ई-फॉर्म में मैसर्स एनएसडीएल या टिन सुविधा केंद्र में दाखिल करने में सक्षम हो सकें।
  4. हम दोहराते हैं कि आप कृपया यह सुनिश्चित करें कि वित्तीय वर्ष 2005-06 के लिए आवश्यक सूचना अनिवार्य रूप से 31 मई, 2006 से पहले हमारे लोक ऋण कार्यालयों को प्रस्तुत कर दी जाए।
  5. कृपया प्राप्ति की सूचना दें।

सादर,

(बी. बी. संगमा)    महाप्रबंधक

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