विदेशी संस्थाओं द्वारा भारत में शाखा कार्यालयों / संपर्क कार्यालयोंकी स्थापना - शक्तियों का प्रत्यायोजन - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी संस्थाओं द्वारा भारत में शाखा कार्यालयों / संपर्क कार्यालयोंकी स्थापना - शक्तियों का प्रत्यायोजन
भारिबैंक/2010-2011/154 09 अगस्त 2010 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक महोदया/महोदय विदेशी संस्थाओं द्वारा भारत में शाखा कार्यालयों / संपर्क कार्यालयों प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान 30 दिसंबर 2009 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 24 के पैराग्राफ 5(i) की ओर आकर्षित किया जाता है , जिसमें यह नियत किया गया था कि शाखा कार्यालय/ संपर्क कार्यालय द्वारा 31 मार्च को समाप्त स्थिति के अनुसार वार्षिक कार्यकलाप प्रमाणपत्र (एएसी) हर साल 30 अप्रैल या उससे पहले पदनामित प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक को और एक प्रति आय कर महानिदेशालय (अंतर्राष्ट्रीय कराधान) को प्रस्तुत किया जाएगा। 2. कुछ संपर्क कार्यालय/ शाखा कार्यालय द्वारा निर्धारित अवधि में एएसी प्रस्तुत करने के संबंध में व्यक्त की गई कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि चालू कैलेंडर की समीक्षा की जाए। तदनुसार 31 मार्च को समाप्त स्थिति के अनुसार लेखा परीक्षित तुलन पत्र (बैलेंस शीट) सहित लेखा परीक्षकों से प्राप्त वार्षिक कार्यकलाप प्रमाणपत्र उस वर्ष के 30 सितंबर को अथवा उससे पहले प्रस्तुत किया जाए। यदि संपर्क कार्यालय/ शाखा कार्यालय के वार्षिक लेखा को 31 मार्च को छोड़कर किसी तारीख के संदर्भ में अंतिम रूप दिया जाता है तो लेखा परीक्षित तुलन पत्र (बैलेंस शीट) सहित एएसी बैलेंस शीट की नियत तारीख से छह महीने के भीतर प्रस्तुत किया जाए। 3. दिनांक 30 दिसंबर 2009 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 24 में निहित अन्य सभी अनुदेश यथावत् रहेंगे। 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने सभी संबंधित घटकों तथा ग्राहकों को अवगत करा दें । 5. इस परिपत्र में समाहित निर्देश, विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और 11 (1) के अधीन तथा अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति / अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं। भवदीय ( जी.जगन मोहन राव) |