विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाता - प्रक्रिया का उदारीकरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाता - प्रक्रिया का उदारीकरण
आरबीआइ/2006-07/129 नवंबर 30, 2006 सेवा में महोदया/महोदय, विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाता - प्रक्रिया का उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 10/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी किसी व्यक्ति का विदेशी मुद्रा खाता) विनियमावली, 2000 के विनियम 4 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार भारत में निवासी किसी व्यक्ति को उपर्युक्त अधिसूचना की अनुसूची में विनिर्दिष्ट विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाता योजना के शर्तों के अधीन भारत में किसी प्राधिकृत व्यापारी के पास विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाता नामक विदेशी मुद्रा खाता खोलने और रखने की अनुमति है। 2. प्रक्रिया को और सरल बनाने तथा ज़्यादा लचीलापन प्रदान करने की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है कि अनुसूची के पैराग्राफ 1(अ) में विनिर्दिष्ट किए गए अनुसार, विदेशी मुद्रा अर्जकों के सभी श्रेणियों को तत्काल प्रभाव से उनके विदेशी मुद्रा अर्जन के 100 प्रतिशत तक की राशि उनके विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाते में जमा करने की अनुमति दी जाए। योजना की अन्य सभी शर्तें यथावत रहेंगी। 3. विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी किसी व्यक्ति का विदेशी मुद्रा खाता) विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किए जा रहे हैं। 4. प्राधिकृत व्यापारी - श्रेणी I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत करा दें। 5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है। भवदीय (एम. सेबेस्टियन) |