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विदेशी मुद्रा अर्जक का विदेशी मुद्रा खाता (ईईएफसी)योजना

भारतीय रिज़र्व बैंक
विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग
केंद्रीय कार्यालय
मुंबई 400 001

ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 16

अक्तूबर 10, 2000

प्रति
विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी

प्रिय महोदय,

विदेशी मुद्रा अर्जक का विदेशी मुद्रा खाता (ईईएफसी)योजना

प्राधिकृत व्यापारीयों का ध्यान दिनांक 14 अगस्त 2000 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 6 के पैरा 2 (ii) की ओर आकृ ष्ट किया जाता है जिसमें यह सूचित किया गया था कि शत प्रतिशत निर्यात अभिमुखी ईकाईयाँ अथवा (क) निर्यात संसाधन क्षेत्र अथवा (ख) साफ्टवेअर प्राद्योगिकी पार्क अथवा (ग) इलेक्ट्रानिक हार्डवेअर प्राद्योगिकी पार्क में कोई इकाई ईईएफसी खाता में उनके पात्र आवक प्रेषण का 35 प्रतिशत और भारत में निवासी कोई अन्य व्यक्ति 25 प्रतिशत जमा करें ।

2. अब यह निर्णय लिया गया है कि दिनांक 3 मई 2000 की रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं. फेमा. 10/2000 आरबी के साथ संलग्न अनुसूची में उल्लिखित किये गये अनुसार शत प्रतिशत निर्यात अभिमुखी ईकाईयाँ अथवा (क) निर्यात संसाधन क्षेत्र अथवा (ख) साफ्टवेअर प्राद्योगिकी पार्क अथवा (ग) इलेक्ट्रानिक हार्डवेअर प्राद्योगिकी पार्क में कोई इकाई ईईएफसी खाता में उनके पात्र आवक प्रेषण का 70 प्रतिशत और भारत में निवासी कोई अन्य व्यक्ति 50 प्रतिशत जमा क र सकते हैं । यह स्पष्ट किया जाता है कि यह इस परिपत्र की तिथि को अथवा उसके बाद प्राप्त आवक प्रेषणों पर ही लागू है ।

3. इसके अतिरिक्त यह सूचित किया जाता है कि सभी ईईएफसी खाते ब्याज रहित चालू खाते के रुप में रखें जाये और कोई भी ऋण सुविधा ईईएफसी शेषों पर, यदि निधियन अथवा गैर निधियन हो तो, उपलब्ध नहीं होगी । वर्तमान ऋण सुविधा को यदि कोई हो तो, अवधि की समाप्ति पर, जिसके लिए ऋण प्रदान किया गया था, हटा लेना चाहिए ।

4. दिनांक 3 मई 2000 की रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं. फेमा. 10/2000 आरबी के साथ संलग्न अनुसूची में अंतर्विष्ट और उक्त संदर्भाधीन रिज़र्व बैंक के दिनांक 14 अगस्त 2000 के परिपत्र द्वारा यथा संशोधित योजना की अन्य सभी शर्ते यथावत बनी रहेगी ।

5. विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 के अधीन जारी बैंक की अधिसूचना में संशोधनों को पृथकरुपसे जारी किये जा रहे हैं ।

6. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों के ध्यान में लाएं ।

7. इस परिपत्र में अंतर्विष्ट निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम , 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11 (1) के अंतर्गत जारी किए गये है और इन निदेशों का किसी भी तरह से उल्लंघन किया जाना अथवा अनुपालन न किया जाना अधिनियम के अधीन निर्धारित जुर्माने से दंडनीय है ।

भवदीय

( कि.ज. उदेशी )
मुख्य महा प्रबंधक

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