काल और सॉफटवेयर का निर्यात की घोषणा से छूट - आरबीआई - Reserve Bank of India
काल और सॉफटवेयर का निर्यात की घोषणा से छूट
आर.बी.आइ/2004/35 31 जनवरी 2004 सेवा में महोदया/महोदय काल और सॉफटवेयर का निर्यात की घोषणा से छूट प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान दिनांक मई 3, 2000 की अधिसूचना फेमा 23/2000-आरबी के विनियम 3 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार प्रत्येक निर्यातक को माल अथवा भौतिक रूप में सॉफटवेयर अथवा किसी और रूप में निर्यात के लिए जीआर/एसडीएफ/पीपी/सॉफटवेयर फार्म में यह पुष्टि करते हुए घोषणा करनी होती है कि माल अथवा सॉफटवेयर के संपूर्ण निर्यात मेल्य का भुगतान विनिर्दिष्ट रूप में किया गया है या किया जाएगा। इसके अलावा उक्त के विनियम 4 के खण्ड (घ) के अनुसार इस घोषणा से यदि निर्यातक यह घोषित करता है कि माल/सॉफटवेयर का मूल्य 25,000 रुपये से अधिक नहीं है तो छूट दी जाती है। 2. निर्यातकों के लिए प्रक्रिया को और अधिक उदारीकृत एवं सरलकृत बनाने के विचार से उक्त सीम को संशाधित करके 25,000 अमरीकी डॉलर कर दिया गया है और तद्नुसार निर्णय किया गया है कि 25,000 अमरीकी डॉलर अथवा उसके समतुल्य से कम मूल्य के माल और सॉफटवेयर के निर्यात के संबंध में जीआ/ एसडीएफ/सॉफटवेयर फार्म में घोषणा प्रस्तुत करने से छूट देदी जाए। परंतु निर्यातकों का दायित्व होगा कि वे विदेशी मुद्रा की राशि, जो ऐसे निर्यातकों के कारण देय होती है या उपचित होती है, उनकी वसूली करेंगे और फेमा के विनियमों के अनुसार उसे भारत में प्रत्यावर्तित करेंगे। 3. इस संबंध में प्राधिकृत व्यापारियों को सूचित किया जाता है कि वे आवक प्रेषणों के संबंध में सावधानी से कार्रवाई करेंगे, ञ्अपने ग्राहक को जानिए’ (केवायसी) मानदण्डों का अनुसरण करके और विभिन्न प्रयोजनों के लिए निर्यात आय के रूप में प्रमाणित करने से पहले अपने आप को निधियों की ॉााटत के बारे में पूरी तरह से संतुष्ट कर लें। 4. घोषणा का अनिवार्यत: प्रस्तुतीकरण के लिए बढ़ी हुई सीमा 1 अप्रैल 2004 से प्रभावी होगी। 5. प्राधिकृत व्यापारी कृपया ध्यान रखें कि 25,000 अमरीकी डॉलर अथवा उसके समतुल्य राशि तक के बकाया निर्यात मूल्य को 31 दिसम्बर 2004 को देय अर्द्धवार्षिक एक्सओएस विवरणी में और उसके बाद की विवरणियों में प्रस्तुत किया जाएगा। 6. मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 23/2000ञ-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन अलग से अधिसूचित किए जा रहे है। 7. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु की जानकारी अपने सभी ग्राहकों को दे दें। 8. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं। भवदीय ग्रेस कोशी |