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एसबीएम (मॉरिशस) इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी लिमि. को एक्ज़िम बैंक की भारत सरकार द्वारा समर्थित 190 मिलियन अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त ऋण व्यवस्था (एलओसी)

भा.रि.बैंक/2022-23/47
ए.पी. (डी.आई.आर. सीरीज़) परिपत्र सं. 02

05 मई 2022

सभी श्रेणी-। प्राधिकृत व्यापारी बैंक

महोदया / महोदय,

एसबीएम (मॉरिशस) इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी लिमि. को एक्ज़िम बैंक की
भारत सरकार द्वारा समर्थित 190 मिलियन अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त ऋण व्यवस्था (एलओसी)

भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने एसबीएम (मॉरिशस) इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी लिमि. (एसबीएमआईडीसीएल) के साथ 06 जनवरी 2022 को भारत सरकार द्वारा समर्थित 190 मिलियन अमेरिकी डॉलर (एक सौ नब्बे मिलियन यूएसडी मात्र) की ऋण व्यवस्था (एलओसी) उपलब्ध कराने हेतु एसबीएमआईडीसीएल के साथ करार किया है। इस करार के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं में प्रतिदेय अधिमनी शेयरों के माध्यम से मॉरीशस में निर्माणाधीन मेट्रो एक्सप्रेस परियोजना एवं अन्य इनफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के कार्यान्वयन में उसकी भागीदारी संबंधी व्यय का वित्तपोषण किया जाएगा। यह ऋण सुविधा 27 मई 2017 को डॉलर क्रेडिट-लाइन समझौते में निहित नियमों और शर्तों के अधीन एसबीएमआईडीसीएल को जारी 500 मिलियन अमरीकी डॉलर (पांच सौ मिलियन यूएसडी मात्र) के मौजूदा क्रेडिट हेतु देय एक अतिरिक्त अंश है। इस व्यवस्था के अंतर्गत, भारत से निर्यात हेतु पात्र वस्तुओं और सेवाओं, इस करार के तहत यथापरिभाषित, के वित्तपोषण की अनुमति प्रदान की जाएगी बशर्ते वे भारत सरकार की विदेश व्यापार नीति के तहत निर्यात के लिए पात्र हों और उनकी खरीद के लिए वित्तपोषण की सहमति एक्ज़िम बैंक द्वारा इस करार के तहत प्रदान की गयी हो। करार के तहत एक्ज़िम बैंक द्वारा दिए जाने वाले समग्र ऋण में से संविदा की कुल राशि के कम से कम 75 प्रतिशत मूल्य की वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति भारत के विक्रेता द्वारा की जाएगी और पात्र संविदा हेतु शेष 25% मूल्य की वस्तुएं और सेवाएं विक्रेता द्वारा भारत के बाहर से प्राप्त की जा सकती हैं। बशर्ते, मेट्रो एक्सप्रेस परियोजना के लिए भारतीय सामग्री की आवश्यकता संविदा की राशि के 30% होगी।

2. इस ऋण व्यवस्था के अंतर्गत उक्त करार 18 अप्रैल 2022 से प्रभावी है। इस ऋण व्यवस्था के अंतर्गत अंतिम उपयोग की अवधि परियोजना पूर्ण होने की निर्धारित तारीख से 60 माह तक होगी।

3. इस ऋण व्यवस्था के अंतर्गत पोत-लदान (शिपमेंट) की घोषणा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी अनुदेशों के अनुसार निर्यात घोषणा फॉर्म में करनी होगी।

4. उपर्युक्त ऋण व्यवस्था के तहत निर्यात के लिए कोई एजेंसी कमीशन देय नहीं है। तथापि, यदि आवश्यक हो, तो निर्यातक अपने निजी संसाधनों अथवा अपने विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाते में जमा शेष राशि का उपयोग मुक्त रूप से परिवर्तनीय विदेशी मुद्रा में कमीशन के भुगतान हेतु कर सकते हैं। प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। (ए.डी. श्रेणी-I) बैंक निर्यात के पूर्ण उपयुक्त मूल्य की उगाही/ वसूली हो जाने पर इस प्रकार के धन-प्रेषण की अनुमति दे सकते हैं, बशर्ते एजेंसी कमीशन के भुगतान के लिए मौजूदा अनुदेशों का पालन किया जाए।

5. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने निर्यातक सहभागियों को अवगत कराएं और उन्हें सूचित करें कि वे सेंटर-वन, 21वीं मंजिल, विश्व व्यापार केंद्र संकुल, कफ परेड, मुंबई-400005 स्थित एक्ज़िम बैंक के कार्यालय जाकर अथवा www.eximbankindia.in पर लॉग ऑन करके उक्त ऋण व्यवस्था संबंधी विस्तृत ब्योरा प्राप्त कर लें।

6. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत जारी किये गए हैं और ये किसी अन्य विधि/ कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालते हैं।

भवदीय

(विवेक श्रीवास्तव)
मुख्य महाप्रबंधक

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