गिनी गणराज्य की सरकार के लिए भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) की भारत सरकार द्वारा समर्थित 170 मिलियन अमेरिकी डॉलर की ऋण व्यवस्था - आरबीआई - Reserve Bank of India
गिनी गणराज्य की सरकार के लिए भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) की भारत सरकार द्वारा समर्थित 170 मिलियन अमेरिकी डॉलर की ऋण व्यवस्था
भा.रि.बैंक/2021-22/88 अगस्त 19, 2021 सभी श्रेणी - । प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, गिनी गणराज्य की सरकार के लिए भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) की भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने गिनी गणराज्य में ग्रैंड कोनाक्री-हॉरीज़न 2040 के बीच पेयजल आपूर्ति व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने संबंधी परियोजना के वित्तपोषण हेतु भारत सरकार द्वारा समर्थित 170 मिलियन अमेरिकी डॉलर (एक सौ सत्तर मिलियन अमेरिकी डॉलर मात्र) की ऋण व्यवस्था उपलब्ध कराने हेतु दिनांक 05 दिसंबर 2019 को गिनी गणराज्य की सरकार के साथ करार किया है। इस व्यवस्था के अंतर्गत, भारत से निर्यात हेतु पात्र वस्तुओं और सेवाओं, इस करार के तहत यथापरिभाषित, के वित्तपोषण की अनुमति प्रदान की जाएगी बशर्ते वे भारत सरकार की विदेश व्यापार नीति के तहत निर्यात के लिए पात्र हों और उनकी खरीद के लिए वित्तपोषण की सहमति एक्ज़िम बैंक द्वारा इस करार के तहत प्रदान की गयी हो। करार के तहत एक्ज़िम बैंक द्वारा दिए जाने वाले समग्र ऋण में से संविदा की कुल राशि के कम से कम 75 प्रतिशत मूल्य की वस्तुओं, कार्यों और सेवाओं की आपूर्ति भारत के विक्रेता द्वारा की जाएगी और उक्त पात्र संविदा हेतु शेष 25 प्रतिशत मूल्य की वस्तुएं और सेवाएं विक्रेता द्वारा भारत के बाहर से प्राप्त की जा सकती हैं। 2. इस ऋण व्यवस्था के अंतर्गत उक्त करार 11 अगस्त 2021 से प्रभावी है। इस ऋण व्यवस्था के अंतर्गत टर्मिनल युटीलाइज़ेशन अवधि परियोजना पूर्ण होने की निर्धारित तारीख के पश्चात 60 माह तक होगी। 3. इस ऋण व्यवस्था के अंतर्गत पोत-लदान (शिपमेंट) की घोषणा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी अनुदेशों के अनुसार निर्यात घोषणा फॉर्म में करनी होगी। 4. उपर्युक्त ऋण व्यवस्था के तहत निर्यात के लिए कोई एजेंसी कमीशन देय नहीं है। तथापि, यदि आवश्यक हो, तो निर्यातक अपने निजी संसाधनों अथवा अपने विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाते में जमा शेष राशि का उपयोग मुक्त रूप से परिवर्तनीय विदेशी मुद्रा में कमीशन के भुगतान हेतु कर सकते हैं। प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। (ए. डी. श्रेणी-I) बैंक निर्यात के पूर्ण उपयुक्त मूल्य की उगाही/ वसूली हो जाने पर इस प्रकार के धन-प्रेषण की अनुमति दे सकते हैं, बशर्ते एजेंसी कमीशन के भुगतान के लिए मौजूदा अनुदेशों का पालन किया जाए। 5. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने निर्यातक सहभागियों को अवगत कराएं और उन्हें सूचित करें कि वे सेंटर-वन, 21वीं मंजिल, विश्व व्यापार केंद्र संकुल, कफ परेड, मुंबई-400005 स्थित एक्ज़िम बैंक के कार्यालय जाकर अथवा www.eximbankindia.in पर लॉग ऑन करके उक्त ऋण व्यवस्था संबंधी विस्तृत ब्योरा प्राप्त कर लें। 6. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत जारी किये गए हैं और ये किसी अन्य विधि/ कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालते हैं। भवदीय (आर. एस. अमर) |