एक्जिम बैंक द्वारा दे कॉमर्शियो एक्सटीरियर दे कोलंबिया एस.ए. (बैंकाल्डेक्स), कोलंबिया को 10 मिलियन अमरीकी डालर की वित्तीय सहायता - आरबीआई - Reserve Bank of India
एक्जिम बैंक द्वारा दे कॉमर्शियो एक्सटीरियर दे कोलंबिया एस.ए. (बैंकाल्डेक्स), कोलंबिया को 10 मिलियन अमरीकी डालर की वित्तीय सहायता
भारतीय रिज़र्व बैंक ए.पी.(डीआइआर सिरीज़ ) परिपत्र सं.52 जून 25, 2002 सेवा में महोदया / महोदय एक्जिम बैंक द्वारा दे कॉमर्शियो एक्सटीरियर दे एक्जिम बैंक ऑफ इंडिया (एक्जिम बैंक) ने 5 फरवरी 2002 को बैंक दे कॉमर्शियो एठक्स्टीरियर दे कोलंबिया को 10 मिलियन अमेरीकी डालर ( 10 मिलियन अमेरीकी डालर मात्र) की राशि तक स्वीकृत अधिकतम ऋण सीमा / ऋण सहायता उपलब्ध कराने के लिए करार किया है । ऋण मार्च 21, 2002 से लागू होगा । उधारकर्ता के देश में क्रेताओं के पात्र माल (अनुबंध में सूचीबध्द) और संबंधित सेवाओं के निर्यात के लिए उपलब्ध रहेगा, अर्थात्, कोलंबिया या ऐसे किसी देश में जहाँ के लिए उधारकर्ता की अनुमति से क्रेता निर्यात करना चाहता हो सिवाय उस देश के जिसके साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार संबंध न हो अथवा उसके साथ व्यापार पर प्रतिबंध लगाया गया हो । पात्र माल में प्रारंभिक कलपूर्जे, ड्राइंग और डिजाइन और उनसे संबंधित सेवाएं भी शामिल होंगे । भारत से माल के निर्यात और उधारकर्ता देश में उक्त आयात दोनों देशों में प्रचलित कानेनों और विनियमावली के अधीन होंगे । 2. ऋण के प्रमुख नियम और शर्ते इस प्रकार है : क) ऋण के अंतर्गत प्रत्येक संविदा के लिए एक्जिम बैंक की पूर्वानुमति आवश्यक होगी । ख) पात्र संविदा के अंतर्गत जहाज तक न:शुल्क (एफओबी) अथवा लागत और भाड़ा (सीएन्ड एफ) अथवा लागत, बीमा और भाड़ा (सीआईएफ) के 90 प्रतिशत तक की राशि के लिए वित्तपोषण उपलब्ध रहेगा । ग) संविदा मूल्य अमरीकी डालर में निर्दिष्ट होनी चाहिए और 50,000 अमरीकी डालर (पचास हजार अमरीकी डालर मात्र) अथवा ऐसी राशि जो समय समय पर एक्जिम बैंक और उधारकतर्र के बीच सहमत राशि से कम नहीं होनी चाहिए । घ) ऋण के अधीन हस्ताक्षरित संविदा में निम्नलिखित बातें शामिल होनी चाहिए : i) क्रेता जहाज तक न:शुल्क (एफओबी)/ लागत और भाड़ा (सीएन्ड एफ) / लागत, बीमा और भाड़ा (सीआईएफ) के संविदा मूल्य 10% (दस प्रतिशत) अग्रिम भुगतान एक्जिम बैंक द्वारा संविदा अनुमोदित करने की तारीख के बाद 10 कारोबरा दिवसों के भीतर बिक्रेता को करना होगा । ii) क्रेता का शेष 90 का भुगतान बिक्रेता के अनुसार आनुपातिक रुप से अप्रतिसंहरणीय साख पत्र द्वारा रक्षित हो । iii) पात्र माल का निरीक्षण क्रेता की ओर से लदान के पहले किया जाएगा और साख पत्र व्यवस्था के अंतर्गत मध्यस्थ बैंक को बिक्रेता द्वारा प्रस्तुत किए जानेवाले दस्तावेजों में निरीक्षण प्रमाणपत्र शामिल किया जाना चाहिए । 3. साख पत्र, भारत में बैंक के ऐसे कार्यालयों द्वारा सूचित किया जाना चाहिए जो एक्जिम बैंक द्वारा समय-समय पर बैंकॉल्डेक्स के परामर्श से भारत में नामित किया गया हो । साख पत्र अन्तरराष्ट्रीय चैम्बर ऑफ कॉमर्स (प्रकाशन सं. 500) द्वारा प्रकाशित प्रलेखी ऋणों के लिए एक समान रुढि और प्रथा (1994 संस्कारण) के अधीन होंगे और वह अप्रतिसंहरणीय और यदि बिक्रेता चाहत है तो वह विभाजय और हस्तांतरणीय भी होगा । 4. हिताधिकारी द्वारा मध्यस्थ बैंक को दस्तावेज प्रस्तुत करने पर, मध्यस्थ बैंक हिताधिकारी को जहाज तक न:शुल्क अथवा लागत और भाड़ा अथवा लागत, बीमा और भाड़ा के संविदा मूल्य के 90% तक की राशि, संबंधित लदान के लिए विनियोज्य हाज़िर दर पर समतुल्य भारतीय रुपयों में भुगतान करेगा बशर्ते कि प्रस्तुत दस्तावेज सही और संबंधित साख पत्र के अनुरुप हैं । 5. यदि बेचान किसी रिज़र्व के बिना किया गया हो तो एक्जिम बैंक मध्यस्थ बैंक से लिखित सूचना की प्राप्ति पर उसे हिताधिकारी द्वारा अदा की गई संबंधित पोतलदान के पात्र विनियोजना मूल्य की राशि की प्रतिपूर्ति अमरीकी डालर मध्यस्थ बैंक द्वारा विनिर्दिष्ट न्यूयार्क, यूएसए स्थित किसी ऐसे बैंक में रखे गए खाते में अंतरण द्वारा करेगा । यदि रिज़र्व के अधीन बेचान किया गया हो तो एक्जिम बैंक मध्यस्थ को मध्यस्थ बैंक से इस आशय की सूचना मिलने पर जारीकर्ता बैंक जिसने साख पत्र खोला / जारी किया है रिज़र्व हटा दिया है और प्रलेख स्वीकार कर लिया है अथवा उधारकर्ता अथवा मध्यस्थ बैंक के जरिए जारीकर्ता बैंक से उस आशय की सूचना मिलने पर भुगतान करेगा । 6. भारत में देय बैंक प्रभार, व्यय, कमीशन अथवा स्टाम्प डयूटी बिक्रेता / हिताधिकारी के खाते और जो जारीकर्ता देश में देय है वह खरीददार के खाते में देय होगा । 7. निर्यातक क्रेता के साथ करार को अंतिम रुप देने से पहले एक्जिम बैंक से स्वीकृत अधिकतम सीमा के लिए किए जानेवाले करार के संबंध में देय सेवा शुल्क के अग्रिम रुप से पता कर ले । 8. साख पत्र खोलने की और ऋण उपयोग करने की सीमा तिथि क्रमश: 20 मार्च 2003 और 20 सितंबर 2003 है । 9. ऋण के अंतर्गत किए जानेवाले पोतलदान को सामान्यतौर पर जीआर / एसडीएफ फार्मों में घोषित करना होगा । जीआर / एसडीएफ की सभी प्रतियों पर इस सुस्पष्ट उल्लेख के साथ घोषित किया जाना चाहिए कि एक्जिम बैंक के दिनांक 5 फरवरी 2002 की ऋण सीमा स्वीकृत के अंतर्गत एस ए (बैकॉल्डेक्स) को दिए गए ऋण के लिए निर्यात किया गया । इस परिपत्र की संख्या और तिथि इसके लिए दनलब्ध किए गए स्थान पर लिखी जानी चाहिए । उक्त स्वरुप में, बिल के पूर्ण भुगतान की प्राप्ति पर प्राधिकृत व्यापारी संबंधित जीआर / एसडीएफ की अनुलिपि प्रति / प्रतियों पर प्रमाणित करके उसे रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रिय कार्यालय को भेजें । 10. उक्त ऋण सीमा के अधीन वित्तपोषित निर्यात के संबंध में कोई एजेंसी कमीशन देय नहीं होगा । तथापि, अनुरोध करने पर अनुबंध में उल्लिखित और बिक्री सेवा के पश्चात आवश्यक माल के संबंध में जहाज तक न:शुल्क लागत और भाड़ा / लागत, बीमा और भाड़ा के अधिकतम 5 प्रतिशत तक कमीशन के भुगतान के लिए गुण दोष के आधारपर, रिज़र्व बैंक विचार कर सकता है । इस प्रकार के मामलों में, कमीशन संबंधित जहाज के बीजक में से कटौती द्वारा सिर्फ उधारकर्ता / क्रेता के देश में ही अदा किया जाएगा और मध्यस्थ बैंक एक्जिम बैंक द्वारा प्रतिपूर्ति की राशि, अदा किए गए कमीशन को घटाकर जहाज तक न:शुल्क / लागत और भाड़ा / लागत, बीमा और भाड़ा के मूल्य के 90 प्रतिशत होगी । कमीशन के भुगतान के लिए अनुमोदन संबंधित पोतलदान से पहले प्राप्त करें । 11. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें । 12. इस परिपत्र में अन्तर्विष्ट निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11 (1) के अंतर्गत जारी किए गए है । भवदीया ग्रेस कोशी अनुल्रग्नक : 2 |