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एक्ज़िम बैंक की बैंको इंडस्ट्रीयल दी वेनीाजएला (बीआइबी) को 10 मिलियन अमेरीकी डालर की वित्तीय सहायता

भारतीय रिज़र्व बैंक
विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग
केद्रीय कार्यालय
मुंबई - 400 001

ए पी (डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं. 6

जुलाई 29, 2002

प्रति,
विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी

महोदया/महोदय,

एक्ज़िम बैंक की बैंको इंडस्ट्रीयल दी वेनीाजएला (बीआइबी) को
10 मिलियन अमेरीकी डालर की वित्तीय सहायता

एक्ज़िम बैंक ऑफ इंडिया (एक्ज़िम बैंक) जुलाई 19, 2001 को बैंको इंडस्ट्रीयल दी बेन्जुएला (बीआइबी) को 10 मिलियन अमेरीकी डालर (10 मिलियन अमेरीकी डालर मात्र) की राशि तक स्वीकृत अधिकतम ऋण मई 10, 2002 से लागू होगा । उधारकर्ता के देश अर्थात् बेन्जुएला के पात्र मालों (अनुबद्ध में सूचिबद्ध) और डिजाइन और उनसे संबंधित सेवाएं भी शामिल होगी । भारत से माल के निर्यात और उधारकर्ता देश में उक्त आयात दोनों देशों में प्रचलित कानूनों और विनियमावली के अधीन होंगे ।

2. ऋण के प्रमुख नियम और शर्तें इस प्रकार हैं :

क) ऋण के अंतर्गत प्रत्येक संविदा के लिए एक्ज़िम बैंक की पूर्वानुमति आवश्यक होगी ।

ख) पात्र संविदा के संविदागत मूल्य के अंतर्गत जहाँ तक नि:शुल्क (एफओबी) अथवा लागत और भाड़ा (सी एन्ड एफ) अथवा लागत, बीमा और भाड़ा (सीआईएफ) के 90 प्रतिशत तक की राशि के लिए वित्तपोषण उपलब्ध रहेगा ।

ग) संविदा मूल्य अमरीकी डालर में निर्दिष्ट होनी चाहिए और 50,000 अमरीहकी डालर (पचास हमार अमरीकी डालर मात्र) अथवा ऐसी राशि जो समय समय पर एक्ज़िम बैंक और उधारकर्ता के बीच सहमत राशि से कम नहीं होनी चाहिए ।

ध) ऋण के अधीन हस्ताक्षरित संविदा में निम्नलिखित बातें शामिल होनी चाहिए :

i) क्रेता जहाज तक नि:शुल्क (एफओबी) / लागत और भाड़ा (ए एण्ड एफ) / लागत, बीमा और भाड़ा (सीआईएफ) के संविदा मूल्य 10 (दस प्रतिशत) अग्रिम भुगतान एक्ज़िम बैंक द्वारा संविदा अनुमोदित करने की तारीख के बाद 10 कारोबार दिवसों के भीतर बिक्रेता को करना होगा ।

ii) क्रेता जहाज तक शुल्क (एफओबी) भाड़ा और भाड़ा / लागत बीमा भाड़ा संविदागत मूल्य क्रेता का शेष 90 प्रतिशत का भुगतान बिक्रेता के अनुसार आनुपातिक रूप से अप्रतिसंहरणीय साख पत्र द्वारा रक्षित हो ।

iii) पात्र मालो की जाँच क्रेता की ओर से लदान के पहले की जाएगी और साख पत्र व्यवस्था के अंतर्गत मध्यस्थ बैंक को बिक्रेता द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले दस्तावेज में जांच माणपत्र शामिल किया जाना चाहिए ।

iv) 3. साख पत्र, भारत में बैंक के ऐसे कार्यालयों द्वारा सूचित किया जाना चाहिए ।जो एक्ज़िम बैंक द्वारा समय - समय पर बीआयवी के परामर्श से भारत में नामित किया गया हो । साख पत्र अन्तरराष्ट्रीय चैम्बर ऑफ कॉमर्स (प्रकाशन सं. 500) द्वारा प्रकाशित प्रलेखी ऋणों के लिए एक समान रुचि और प्रथा (1994 संस्करण) के अधीन होंगे और वह अप्रतिसंहरणीय और यदि बिक्रेता चाहता है तो वह विभाज्य और हस्तांतरणीय भी होगा ।

4. हिताधिकारी द्वारा मध्यस्थ बैंक को दस्तावेज प्रस्तुत करने पर, मध्यस्थ बैंक हिताधिकारी को जहाज तक नि:शुल्क अथवा लागत और भाड़ा अथवा लागत, बीमा और भाड़ा के संविदा मूल्य के 90% तक की राशि, संबंधित लदान के लिए विनियोज्य हाजिर दर पर समतुल्य भारतीय रुपयों में भुगतान करेगा बशर्ते कि प्रस्तुत दस्तावेज़ सही और संबांधित साख पत्र के अनुरूप हों ।

5. यदि बेचान किसी रिज़र्व के बिना किया गया हो तो एक्ज़िम बैंक मध्यस्थ बैंक से लिखित सूचना की प्राप्ति पर उसे हिताधिकारी द्वारा अदा की गई संबंधित पोतलदान के पात्र विनियोजन मूल्य की राशि की प्रतिपूर्ति अमरीकी डालर मध्यस्थ बैंक द्वरा विनिर्दिष्ट न्यूयार्क, यूएसए स्थित किसी ऐसे बैंक में रखे गए खाते में अंतरण द्वारा करेगा । यदि रिज़र्व के अधीन बेचान किया गया हो तो एक्ज़िम बैंक मध्यस्थ को मध्यस्थ बैंक से इस आशय की सूचना मिलने पर कि जारीकर्ता बैंक जिसने साख पत्र खोला / जारी किया है रिज़र्व हटा दिया है और प्रलेखों को स्वीकार कर लिया है अथवा उधारकर्ता अथवा मध्यस्थ बैंक के जरिए जारीकर्ता बैंक से उस आशय की सूचना मिलने पर भुगतान करेगा ।

6. मध्यस्थ बैंक द्वारा साख पत्रों के मामले में या उसके अंतर्गत दस्तावेज पर बातचीत करते समय किसी भी चूक के लिए एक्ज़िम बैंक जबाबदेह या उत्तरदायी नहीं होगा ।

7. भारत में देय बैंक प्रभार, व्यय, कमीशन अथवा स्टाम्प डयूटी बिक्रेता/हिताधिकारी के खाते और जो जारीकर्ता देश में देय है वह खरीददार के खाते में देय होगा ।

8. निर्यातक क्रेता के साथ करार को अंतिम रूप देने से पहले एक्ज़िम बैंक से स्वीकृत अधिकतम सीमा के लिए किए जाने वाले करार के संबंध में देय सेवा शुल्क के अग्रिम रूप से पता कर ले ।

9. साख पत्र खोलने की और ऋण उपयोग करने की सीमा तिथि क्रमश: मई 09, 2003 और नवंबर 09, 2003 है ।

10. ऋण के अंतर्गत किए जानेवाले पोतलदान को सामान्यतीर पर जीआर / एसडीएफ फार्मो में घोषित करना होगा ।जीआर / एसडीएफ की सभी प्रतियों पर इस सुस्पष्ट उल्लेख के साथ घोषित किया जाना चाहिए कि "एक्ज़िम बैंक के दिनांक जुलाई 19, 2001 की ऋण सीमा स्वीकृति के अंतर्गत बैंको इंडस्ट्रीयल दी वेन्जुएला, सी ए (बीआयवी) को दिए गए ऋण के लिए निर्यात किया गया" । इस परिपत्र की संख्या और तिथि इसके लिए उपलब्ध किए गए स्थान पर लिखी जानी चाहिए । उक्त स्वरूप में, बिल के पूर्ण भुगतान की प्राप्ति पर प्राधिकृत व्यापारी संबंधित जीआर / एसडीफ की अनुलिपि प्रति / प्रतियों पर प्रमाणित करके उसे सामान्य तरीके से रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को भेजें ।

11. उक्त ऋण सीमा के अधीन वित्तपोषित निर्यात के संबंध में कोई एजेंसी कमीशन देय नहीं होगा । तथापि, अनुरोध करने पर अनुबंध में उल्लिखित और बिक्री सेवा के पश्चात आवश्यक माल के संबंध में जहाज तक नि: शुल्क लागत और भाड़ा / लागत, बीमा और भाड़ा के अधिकतम 5 प्रतिशत तक कमीशन के भुगतान के लिए गुण दोष के आधारपर, रिज़र्व बैंक विर्ाारिं कर सकता है । इस प्रकार के मामलों में, कमीशन संबंधित जहाज के बीजक में से कटौती द्वारा सिर्फ उधारकर्ता / क्रेता के देश में ही अदा किया जाएगा और मध्यस्थ बैंक एक्ज़िम बैंक द्वारा प्रतिपूर्ति की राशि, अदा किए गए कमीशन को घटाकर जहाज तक नि:शुल्क / लागता और भाड़ा / लागत, बीमा और भाड़ा के मूल्य के 90 प्रतिशत होगी । कमीशन के भुगतान के लिए अनुमोदन संबंधित पोतलदान से पहले प्राप्त करें ।

12. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय - वस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें ।

13. इस परिपत्र में अन्तर्विष्ट निदेश मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं ।

भवदीय,

(ग्रेस कोशी)
मुख्य महाप्रबंधक

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