भारतीय निर्यात-आयात बैंक(एक्ज़िम बैंक)की गैबनीस की गणतंत्र सरकार को 14.50 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सहयता - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारतीय निर्यात-आयात बैंक(एक्ज़िम बैंक)की गैबनीस की गणतंत्र सरकार को 14.50 मिलियन अमरीकी डॉलर की वित्तीय सहयता
आरबीआई/2008-09/393 |
एपी (डीआईआर सिरीज़)परिपत्र सं.54 |
26 फरवरी 2009 |
सभी श्रेणी - । प्राधिकृत व्यापारी बैंक |
महोदय/महोदया |
भारतीय निर्यात-आयात बैंक(एक्ज़िम बैंक)की गैबनीस की गणतंत्र |
भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने गैबनीस की गणतंत्र सरकार को गैबनीस में आवासीय परियोजना की व्यवस्था हेतु परामर्शदात्री सेवाओं सहित भारत से सुयोग्य वस्तुओं तथा सेवाओं के भारत से निर्यात के वित्तपोषण के लिए दिसंबर 18 जनवरी 2008 को कुल 14.50 मिलियन अमरीकी डॉलर (चौदह मिलियन पाँच सौ हजार अमरीकी डॉलर मात्र) तक की ऋण सहायता उपलब्ध कराने के लिए करार किया है । इस करार के तहत भारत से निर्यात की जाने वाली वस्तुओं में,वे माल और सेवाएं शामिल हैं ,जो भारत सरकार की विदेश व्यापार नीति के तहत निर्यात के लिए पात्र हैं तथा जिनकी खरीद के लिए इस करार के तहत एक्ज़िम बैंक वित्तपोषण करने हेतु सहमत हो सकता है। इस करार के तहत कुल ऋण में से संविदा मूल्य के कम से कम 65 प्रतिशत मूल्य के माल और सेवाओं की आपूर्ति भारत से विक्रेता द्वारा की जाएगी और भारत के बाहर से पात्र संविदा के प्रयोजन के लिए शेष 35 प्रतिशत प्रतिशत मूल्य की वस्तुएं और सेवाएं (परामर्श सेवाओं से इतर) सुयोग्य संविदा के प्रयोजन से भारत से बाहर के बिक्रेता से प्राप्त की जा सकती है ं। |
2. यह ऋण करार 01 जनवरी ,2009 से लागू है और करार-निष्पादन की तारीख 18 जनवरी 2008 है । वित्तीय सहायता के अंतर्गत उपयोग अवधि(साखपत्र खोलने तथा संवितरण की अंतिम तारीख) परियोजना की निर्धारित समापन तारीख(तारीखों) से 48 महीनों के अंत में समाप्त होगी। |
3. इस ऋण के अंतर्गत पोतलदान की घोषणा जीआर/एसडीएफ पार्मों में समय-समय पर जारी किए गए अनुदेशों के अनुसार करनी हेगी। |
4. उक्त ऋण सयता के अंतर्गत कोई एजेंसी कमीशन देय नहीं होगा। फिर भी, ज़रूरत हो तो निर्यातक , ऐसे भुगतानों के लिए अपने स्रोतों का उपयोग करे अथवा स्वतंत्र विदेशी मुद्रा में कमीशन के भुगतान के लिए अपने विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाते के शेष का उपयोग करें। एजेंसी कमीशन के भुगतान के संबंध में प्राधिकृत व्यापारी प्रचलित अनुदेशों के अनुपालन की शर्त पर करार मूल्य के पूर्ण भुगतान की वसूली के बाद ही ऐसे प्रेषणों की अनुमति दें। |
5. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने निर्यातक ग्राहों को अवगत करा दें। |
6. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर हैं। |
भवदीय |
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(सलीम गंगाधरन) |
मुख्य प्रभारी -महाप्रबंधक |