बैंक मरोकेइन ड्यु कॉमर्स एक्स्टीरियूर (बीएमसीई बैंक), मोरक्को को एक्ज़िम बैंक की 10 मिलियन अमरीकी डॉलर की ऋण सहायता - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंक मरोकेइन ड्यु कॉमर्स एक्स्टीरियूर (बीएमसीई बैंक), मोरक्को को एक्ज़िम बैंक की 10 मिलियन अमरीकी डॉलर की ऋण सहायता
भारतीय रिज़र्व बैंक आरबीआइ/2005-06/165 सितंबर 19, 2005 सेवा में महोदया/महोदय, बैंक मरोकेइन ड्यु कॉमर्स एक्स्टीरियूर (बीएमसीई बैंक), मोरक्को को भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने जुलाई 4, 2005 को बैंक मरोकेइन ड्यु कॉमर्स एक्स्टीरियूर (बीएमसीई बैंक), मोरक्को के साथ उनको कुल 10 मिलियन अमरीकी डॉलर (दो मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र) की ऋण सहायता उपलब्ध कराने के लिए करार किया है। ऋण करार जुलाई 22, 2005 को लागू हो गया है। यह ऋण एक्ज़िम बैंक और बीएमसीई बैंक की पारस्परिक सहमति से और भारत सरकार की विदेश व्यापार नीति के तहत भारत से मोरोको में क्रेताओं को निर्यात किए जाने हेतु पात्र किसी भी मद के वित्तपोषण के लिए उपलब्ध है। ऋण की सुविधा के बारे में पूर्ण जानकारी एक्ज़िम बैंक कार्यालय अथवा उनकी वेब साइट (www.eximbankindia.com) में उपलब्ध है। 2. साखपत्र खोलने तथा ऋण के संवितरण की अंतिम तारीख क्रमश: जुलाई 21, 2007 तथा जनवरी 21, 2008 है। 3. इस ऋण के अंतर्गत पोतलदान की घोषणा जीआर/एसडीएप पार्मों में समय-समय पर जारी किए गए अनुदेशों के अनुसार करनी पड़ेगी। 4. उक्त ऋण सहायता के तहत सामान्यत: कोई भी एजेंसी कमीशन देय नहीं होगा। तथापि, जहां ज़रूरत है, मुक्त विदेशी मुद्रा में कमीशन के भुगतानों के लिए निर्यातकों को अपने ही स्रोतों अथवा अपने विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाते (ईईएफसी) की शेष राशि का उपयोग करना होगा। एजेंसी कमीशन के भुगतान के संबंध में वर्तमान अनुदेशों के अनुपालन की शर्त पर प्राधिकृत व्यापारी बैंक करार मूल्य के पूर्ण भुगतान की वसूली के बाद, ऐसे प्रेषण की अनुमति दे सकता है। इसके अलावा, रिज़र्व बैंक, अनुरोध प्राप्त होने पर, निर्यात किए गए माल के संबंध में, जिनके लिए बिक्री के पश्चात् सेवा की आवश्यकता होती है, एफओबी/सी एण्ड एफ/सीआइएफ मूल्य के अधिकतम 5 प्रतिशत तक कमीशन के भुगतान की अनुमति गुण-दोष के आधार पर देने पर विचार कर सकता है। ऐसे मामलों में कमीशन का भुगतान मोरक्को में ही संबंधित पोतलदान के बीजक में से कटौती करके करना होगा और एक्ज़िम बैंक द्वारा बेचान करने वाले बैंक को प्रतिपूर्ति योग्य राशि अदा किए गए कमीशन को घटाकर एफओबी/सी एण्ड एफ/सीआइएफ के 90 प्रतिशत होगी। ऐसे भुगतान के लिए अनुमोदन संबंधित पोतलदान के लागू होने से पहले ही प्राप्त करना चाहिए। 5. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने निर्यातक ग्राहकों को अवगत करा दें। 6. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है। भवदीय (विनय बैजल) |