माल और सेवाओं का निर्यात - निर्यात डाटा प्रोसेसिंग और निगरानी प्रणाली (EDPMS) - आरबीआई - Reserve Bank of India
माल और सेवाओं का निर्यात - निर्यात डाटा प्रोसेसिंग और निगरानी प्रणाली (EDPMS)
भारिबैंक/2013-14/481 4 फरवरी 2014 सभी श्रेणी I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, माल और सेवाओं का निर्यात - निर्यात डाटा प्रोसेसिंग और निगरानी प्रणाली (EDPMS) प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान 9 सितंबर 2000 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.12 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों से अपेक्षित है कि वे उक्त परिपत्र के संलग्नक के भाग - सी में प्राधिकृत व्यापारियों के दायित्व के अंतर्गत यथापेक्षित माल/सेवाओं के निर्यात से संबन्धित विभिन्न विवरणियाँ/विवरण प्रस्तुत करें। विवरणी के प्रस्तुतीकरण में समय-समय पर परिवर्तन किए गए हैं। 2. अब तक, प्राधिकृत व्यापारी बैंक फेमा के अंतर्गत निर्यात लेनदेनों से संबंधित विभिन्न विवरणियाँ यथा XOS (निर्यात बकाया विवरण), निर्यात दस्तावेजों की प्राप्ति संबंधी पावती हेतु ENC (परक्रामित/वसूली के लिए भेजे गए निर्यात बिल), अनुसूची 3 से 6 (निर्यात आगम राशि की वसूली), EBW (निर्यात बिलों को बट्टे खाते डालना), ETX (निर्यात बिलों की वसूली के लिए समय-विस्तार) रिजर्व बैंक को प्रस्तुत करते हैं। ये विवरणियाँ विभिन्न एकल पैकेजों अथवा मन्युअली प्रबंधित की जा रही हैं। 3. विभिन्न विवरणियों को भरने की प्रक्रिया को सरल बनाने और बेहतर निगरानी के दृष्टिकोण से व्यापक सूचना प्रोद्योगिकी (आईटी) आधारित EDPMS नामक प्रणाली विकसित की गई है जो बैंकों को उपर्युक्त विवरणियाँ एकल प्लेटफॉर्म से प्रस्तुत करना सुगम बनाएगी। नई प्रणाली में, सभी स्रोतों अर्थात सीमा शुल्क/ एसईजेड/एसटीपीआई से आफसाइट सॉफ्टवेयर निर्यात सहित निर्यात लेनदेनों संबंधी प्राथमिक डाटा रिजर्व बैंक के सुरक्षित सर्वर में प्रवाहित (फ्लो) होगा और तब संबन्धित बैंकों में निर्यातकों के बारे में अनुवर्ती कार्रवाई के लिए साझा (शेयर) होगा। उसके उपरांत, दस्तावेजों के प्रस्तुतीकरण और वसूली से संबंधित डाटा प्राधिकृत व्यापारी बैंक उसी सुरक्षित आरबीआई सर्वर में वापस रिजर्व बैंक को रिपोर्ट करेंगे ताकि रिजर्व बैंक-डाटाबेस तत्काल अद्यतन हो सके जिससे शीघ्र अनुवर्ती कार्रवाई हो सके/डाटा जनरेट हो सके। प्राधिकृत व्यापारी बैंकों से अपेक्षित है कि वे दैनिक आधार पर डाटा डाउनलोड और अपलोड करें। 4. यह प्रणाली प्राधिकृत व्यापारियों को निर्यात दस्तावेज़ में घोषित दस्तावेजों से भिन्न प्राधिकृत व्यापारी को प्रस्तुत दस्तावेज/जों के अंतरण के लिए उनसे अनुरोध करना भी सुगम करेगी ताकि प्राधिकृत व्यापारी बैंकों द्वारा कागज आधारित अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी होना बंद हो जाएगा। प्राधिकृत व्यापारियों को उक्त आशय के प्राधिकृत व्यापारियों के अंतरण संबंधी अनुरोधों को अनुरोध की तारीख से 7 दिनों के भीतर अनुमोदित/रद्द करना होगा। 5. उपर्युक्त प्रणाली प्रारम्भ करने की तारीख, उपयोगकर्ता प्रत्यय-पत्र के साथ और इस प्रणाली तक पहुँच के लिए वेबलिंक शीघ्र ही ई-मेल से प्राधिकृत व्यापारी बैंकों को भेजे जाएंगे। प्राधिकृत व्यापारी बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे यूजर नेम और पासवर्ड के लिए संलग्न फार्म (अनुबंध) भरकर 10 फरवरी 2014 से पहले या तक उसे ई-मेल से प्रस्तुत करें। यदि किसी स्पष्टीकरण की आवश्यकता हो तो उसे भी उक्त ई-मेल पर भारतीय रिजर्व बैंक को भेजा जाए। 6. नई प्रणाली में पोत लदान दस्तावेज़ों को रिपोर्ट करने की नियत तारीख (कटऑफ डेट) शीघ्र ही अधिसूचित की जाएगी जो नई प्रणाली के प्रारम्भ की तारीख होगी। नियत तारीख के बाद नई प्रणाली में सभी पोत लदान दस्तावेज़ रिपोर्ट किए जाएंगे और पुराने पोत लदान दस्तावेज़ पुरानी प्रणाली में संबन्धित चक्र के पूरा होने तक तदनुसार रिपोर्ट किए जाते रहेंगे। पुरानी प्रणाली को बंद करने से पहले, पुरानी और नई दोनों प्रणालियाँ कुछ समय तक समांतर रूप से चलेंगी। 7. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों को अवगत कराएं। 8. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और 11 (1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं। भवदीय, (सी.डी.श्रीनिवासन) |