माल और सेवाओं का निर्यात - वसूली अवधि बढ़ाना - आरबीआई - Reserve Bank of India
माल और सेवाओं का निर्यात - वसूली अवधि बढ़ाना
आरबीआइ/2005-06/371
ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.31
अप्रैल 21, 2006
सेवा में
विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिकृत सभी बैंक
महोदया/महोदय
माल और सेवाओं का निर्यात - वसूली अवधि बढ़ाना
प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान जनवरी 28, 2002 के एपी(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.20 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार उसमें निर्धारित शर्तों के अधीन 100,000 अमरीकी डॉलर तक के बीजक मूल्यवाले निर्यात प्राप्तियों की वसूली के लिए निर्यात की तारीख से निर्धारित अवधि से और आगे अवधि विस्तार प्रदान करने की अनुमति दी गई है।
2. और अधिक उदारीकरण के एक कार्रवाई के रूप में अब यह निर्णय लिया गया है कि तत्काल प्रभाव से बीजक मूल्य सीमा को वर्तमान 100,000 अमरीकी डॉलर को बढ़ाकर एक मिलियन अमरीकी डॉलर कर दिया जाए। तदनुसार प्राधिकृत व्यापारी बैंक अब से वर्तमान शर्तों के अधीन एक मिलियन अमरीकी डॉलर तक के बीजक मूल्यवाले निर्यात प्राप्तियों की वसूली अवधि को निर्यात की तारीख से निर्धारित अवधि से और आगे बढ़ाने की अनुमति दे सकते हैं।
3. प्राधिकृत व्यापारी बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें।
4. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।
भवदीय
(एम. सेबेस्टियन)
मुख्य महाप्रबंधक