माल और सेवाओं का निर्यात – परियोजना का निर्यात - आरबीआई - Reserve Bank of India
माल और सेवाओं का निर्यात – परियोजना का निर्यात
भारिबैंक/2014-2015/534 1 अप्रैल 2015 सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, माल और सेवाओं का निर्यात – परियोजना का निर्यात प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान 22 जुलाई 2014 के ए. पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 11 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार प्राधिकृत व्यापारी बैंकों/निर्यात-आयात बैंक को, बिना किसी मौद्रिक सीमा के, पोस्ट अवार्ड अनुमोदन प्रदान करने एवं पोस्ट अवार्ड अनुमोदन में उसके उपरांत परिवर्तनों की मंजूरी संबन्धित फेमा दिशा-निर्देशों / विनियमों के तहत प्रदान करने की अनुमति दी गई है। इसके अलावा, परियोजना और सेवाओं के निर्यात संबंधी अनुदेशों के संशोधित ज्ञापन के पैरा बी.11(i) के अनुसार निर्यात-आयात बैंक भारत में वाणिज्यिक बैंकों की सहभागिता में आस्थगित भुगतान की शर्त पर भारत से माल तथा तैयार परियोजनाओं के निर्यात के संबंध में विदेशी क्रेताओं को 20 मिलियन अमरीकी डॉलर तक का विदेशी क्रेता ऋण (फारेन बायर्स क्रेडिट) दे सकता है। 2. संबन्धित प्रक्रिया को उदार बनाने के लिए और चूंकि कार्यकारी दल ढाँचा (WGS) समाप्त है, यह निर्णय लिया गया है कि माल और तैयार परियोजनाओं के निर्यात संबंधी आस्थगित भुगतान की शर्त पर विदेशी क्रेता ऋण (फारेन बायर्स क्रेडिट) प्रदान करने की 20 मिलियन अमरीकी डॉलर की संदर्भित सीमा वापस ले ली जाए। 3. परियोजना और सेवाओं के निर्यात संबंधी अनुदेशों के ज्ञापन को तदनुसार संशोधित कर दिया गया है। 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक ज्ञापन में दिए गए संशोधित दिशानिर्देशों से अपने संबन्धित घटकों को अवगत कराएं । 5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं । भवदीय, (ए.के.पाण्डेय) |