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माल और सेवाओं का निर्यात - परियोजना निर्यात

भारिबैंक/2014-15/141
ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.11

22 जुलाई 2014

सभी श्रेणी-। प्राधिकृत व्यापारी बैंक

महोदया/महोदय

माल और सेवाओं का निर्यात - परियोजना निर्यात

प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा. 23/2000-आरबी अर्थात विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2000 के विनियम 18 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार आस्थगित भुगतान पर माल अथवा सेवाओं का निर्यात अथवा तैयार परियोजना अथवा सिविल निर्माण ठेके के कार्यान्वयन के लिए अनुमोदनदाता प्राधिकारी से पूर्व अनुमोदन प्राप्त करना आवश्यक है जो एतद्विषयक प्रस्ताव पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा, समय-समय पर, जारी दिशानिर्देशों के अनुसार विचार करते हैं। इसके अलावा, प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान i) 28 अक्तूबर 2003 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.32 जिसमें परियोजना और सेवाओं के निर्यात से संबंधित अनुदेशों के ज्ञापन (PEM) को संशोधित किया गया था, ii) 26 जून 2013 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.118 जिसमें संविदा की तारीख से पोस्ट अवार्ड अनुमोदन प्राप्त करने हेतु फार्म DPX1/PEX-1/TCS-1 प्रस्तुत करने के लिए समय सीमा बढ़ाकर 30 दिन की गयी थी एवं iii) 20 सितंबर 2013 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.51 जिसमें अनुमोदनदाता प्राधिकारी (AA) जैसे प्राधिकृत व्यापारी बैंक/एक्ज़िम बैंक/कार्यकारी दल द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक (विदेशी मुद्रा विभाग) के क्षेत्रीय कार्यालय, जिसके क्षेत्राधिकार में निर्यातक का प्रधान कार्यालय स्थित है, को फार्म DPX1, PEX-1, TCS-1 तथा DPX-3 प्रस्तुत करना बंद करने की सूचना दी गई थी की ओर भी आकृष्ट किया जाता है। तथापि, निर्यात ऋण गारंटी निगम तथा एक्ज़िम बैंक, जहाँ निधीयन/गैर-निधीयन सुविधाएं, बीमा/जोखिम कवर, आदि के रूप में उनके सहभागिता हित शामिल हैं, को इन फार्मों का प्रस्तुतीकरण जारी रहेगा।

2. इस प्रक्रिया को और उदार तथा सरल बनाने के लिए निम्नलिखित निर्णय लिए गए हैं:

  1. 100 मिलियन अमरीकी डालर से अधिक के परियोजना निर्यात एवं आस्थगित सेवा निर्यात के प्रस्तावों को अब तक अनुमति प्रदान करने वाले कार्यकारी दल (एक्ज़िम बैंक, ईसीजीसी एवं भारिबैं. के प्रतिनिधियों से निर्मित) को समाप्त कर दिया गया है। प्राधिकृत व्यापारी बैंक/एक्ज़िम बैंक अब, बिना किसी मौद्रिक सीमा के, पोस्ट अवार्ड अनुमोदन प्रदान कर सकते हैं तथा बाद में पोस्ट अवार्ड अनुमोदन की शर्तों में संबंधित फेमा दिशानिर्देशों/विनियमावलियों के अंतर्गत परिवर्तन की अनुमति दे सकते हैं। तदनुसार,परियोजना एवं सेवा निर्यातक अपने वाणिज्यिक निर्णय के अनुसार प्राधिकृत व्यापारी बैंक/ एक्ज़िम बैंक से संपर्क कर सकते हैं। अनुमोदनदाता प्राधिकृत व्यापारी बैंक/एक्ज़िम बैंक जिन परियोजनाओं के लिए पोस्ट अवार्ड अनुमोदन प्रदान करते हैं, वे उन परियोजनाओं की निगरानी करें; और

  2. परियोजना निर्यात एवं विदेशी सेवा संविदाओं को हाथ में लेने वाले निर्यातक द्वारा पोस्ट अवार्ड अनुमोदन के लिए अनुमोदनदाता प्राधिकारी को 30 दिनों में फार्म DPX1/PEX-1/TCS-1 प्रस्तुत करने का विनिर्देशन अब से लागू नहीं होगा।

3. परियोजना और सेवाओं के निर्यात से संबंधित पुनरीक्षित अनुदेशों का ज्ञापन संलग्न है।

4. 8 जुलाई 2014 के जी.एस.आर. सं. 434(ई) के जरिए 12 जून 2014 की अधिसूचना सं. फेमा.310/2014-आरबी के द्वारा रिज़र्व बैंक ने विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात)(दूसरा संशोधन) विनियमावली, 2014 द्वारा मूल विनियमावली में संशोधन कर दिया है।

5. प्राधिकृत व्यापारी ज्ञापनगत पुनरीक्षित दिशानिर्देशों से अपने संबंधित घटकों को अवगत कराएं।

6. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं ।

भवदीय

(सी.डी.श्रीनिवासन)
मुख्य महाप्रबंधक

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