वस्तु और सेवाओं के निर्यात - आरबीआई - Reserve Bank of India
वस्तु और सेवाओं के निर्यात
भारतीय रिज़र्व बैंक ए.पी. (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 6 24 सितम्बर 2001 प्रति विदेशी मुद्रा के समस्त प्रिय महोदय, वस्तु और सेवाओं के निर्यात समस्त प्राधिकृत व्यापारियों का घ्यान दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 23/2000 - आरबी के विनियम 9 के द्वितीय परंतुक की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके तहत रिज़र्व बैंक को छह महीने की अवधि बढाने के लिए अधिकार दिये गये है जिसके भीतर वस्तुओं के पूर्ण निर्यात मूल्य का प्रतिनिधित्व करनेवाली राशी की वसूली होनी चाहिए और भारत को प्रत्यवर्तित होनी चाहिए । 2. अस्थायी उपाय के रुप में यह निर्णय लिया गया है कि, अनुबंध में सूचीबद्ध दत्पादों के विनिर्माता को निके पास एक वर्ष में निर्यात संविदाए मूल्य 100 कराड़ रुपये और उससे अधिक है, विनिर्दिष्ट उत्पादों के निर्यातों के संपूर्ण मूल्य की वसूली और प्रत्यार्वतन के पोनलदान की तिथि से 365 दिनों तक की अवधि दी जाएं । 3. वसूली की अवधि में यह छूट एक वर्ष के लिए 1 अक्तूबर 2001 को अथवा असके पश्चात किये जानेवाले निर्यातों के लिए समीक्षा के अधीन उपलब्ध होगी । 4. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय वस्तु से अपने संबंधित ग्राहाकें को अवगत कराये । 5. इस परिपत्र में अन्नर्विष्ट निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1)के अधीन जारी किये गये है । इन निदेशों का किसी भी तरह से उल्लंघन किया जाना अथवा अनुपालन न किया जाना अधिनियम के अधीन निर्धारित जुर्मानें से दंडनीय है । भवदीय, बी.के. भोई |