माल और सॉफ्टवेयर का निर्यात- निर्यात आय की वसूली और प्रत्यावर्तन - उदारीकरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
माल और सॉफ्टवेयर का निर्यात- निर्यात आय की वसूली और प्रत्यावर्तन - उदारीकरण
भारिबैंक/2008-09/516 30 जून 2009 सभी श्रेणी -। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय माल और सॉफ्टवेयर का निर्यात- निर्यात आय की वसूली और प्रत्यावर्तन - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। (एडी श्रेणी -।)बैंकों का ध्यान 5 जून,2008 के परिपत्र सं.50 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके द्वारा निर्यात किये गये माल और सॉफ्टवेयर का पूरा निर्यात मूल्य दर्शानेवाली राशि की वसूली और भारत को प्रत्यावर्तन की अवधि एक वर्ष के बाद समीक्षा के अधीन निर्यात की तारीख से छ: महीनों से बारह महीनों तक बढ़ा दी गयी थी । 2. इस मामले की समीक्षा की गयी और भारत सरकार के साथ परामर्श से यह निर्णय लिया गया है कि उपर्युक्त रियायत एक और वर्ष की अवधि के लिए अर्थात् 30 जून 2010 तक बढ़ा दी जाए । 3. विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड)में स्थित इकाईयों द्वारा निर्यात किये गये माल और सॉफ्टवेयर के पूरे निर्यात मूल्य की और भारत से बाहर माल गोदामों को किये गये निर्यात की वसूली और भारत को प्रत्यावर्तन की अवधि के संबंध में प्रावधान यथावत् रहेंगे। 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने निर्यातक घटकों को और संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें । 5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा अधिनियम,1999 (1999का42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अंतर्गत जारी किये गये हैं और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है । भवदीय सलीम गंगाधरन |