बकाया निर्यात बिलों संबंधी बैंक-वार विवरण (XOS) का आनलाइन प्रस्तुतीकरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
बकाया निर्यात बिलों संबंधी बैंक-वार विवरण (XOS) का आनलाइन प्रस्तुतीकरण
भारिबैंक/2013-14/306 1 अक्तूबर 2013 सभी श्रेणी-। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महेदया/महोदय बकाया निर्यात बिलों संबंधी बैंक-वार प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंकों का ध्यान 9 सितंबर 2000 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 12 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंकों से अपेक्षित है कि निर्यात की तारीख से 6 माह से अधिक बकाया रहे सभी निर्यात बिलों का ब्योरा वे फार्म XOS में देते हुए समेकित विवरण जून और दिसंबर को समाप्त अर्ध वर्ष के आधार पर प्रति वर्ष रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को प्रस्तुत करें। 2. यह निर्णय लिया गया है कि मौजूदा प्रणाली के अंतर्गत शाखा-वार XOS विवरण रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय के मार्फत प्रस्तुत करने के बजाए यह विवरण दिसंबर 2013 को समाप्त होने वाले अर्ध वर्ष से आनलाइन एवं बैंक – वार प्रस्तुत किया जाए। तदनुसार प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे, एतदर्थ अपनी एक शाखा को संपर्क (नोडल) शाखा के रूप में नामित करें जो पूरे प्राधिकृत व्यापारी बैंक के लिए XOS आंकड़े प्रस्तुत करेगी। इसके अलावा, भारतीय रिज़र्व बैंक को XOS आंकड़े सीधे अपलोड करने हेतु साफ्टवेयर सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों को XOS आंकड़े आन लाइन बैंक-वार प्रस्तुत करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक के सर्वर तक सीधे पहुँच की अनुमति देगा जिसके लिए आवश्यक यूजर आईडी और पासवर्ड उन्हें यथासमय आबंटित किए जाएंगे। 3. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंकों के फायदे के लिए 26 जुलाई 2013 को भी उल्लिखित साफ्टवेयर में हुए परिवर्तन दिखाए (demonstration किए) गए थे। इसके अलावा, संबंधित साफ्टवेयर में हुए परिवर्तन 'CSV' फाइल फार्मेट और बैंक यूजर मैनुअल के जरिये भी बताए गए हैं जो ई-मेल दिए गए हैं। 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक तदनुसार अपने पास अपेक्षित इंफ्रास्ट्रक्चर एवं प्रणाली स्थापित कर लें। वे ई-मेल से नमूना जांच आंकड़े हमें भेज कर आंकड़ों की उचित रूप में अपलोडिंग की जाँच 31 अक्तूबर 2013 तक पूरी कर लें। उसकी जाँच कर रिज़र्व बैंक प्रति सूचना (feedback) रिपोर्ट संबंधित प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक को भेजेगा। 5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं । भवदीय (सी.डी.श्रीनिवासन) |