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आरटीजीएस संव्‍यहारों के लिए सर्विस विंडो का समय बढ़ाना

आरबीआई/2008-09/362
डीपीएसएस(केका) आरटीजीएस.सं.1288/04.04.002/2008-2009

28 जनवरी 2009

अध्‍यक्ष और प्रबंध निेदेशक / मुख्‍य कार्यपालक अधिकारी
आरटीजीएस में सहभागी सभी बैंक

प्रिय महोदय,

आरटीजीएस संव्‍यहारों के लिए सर्विस विंडो का समय बढ़ाना

कृपया उक्‍त विषय पर 25 जून 2008 के हमारे पूर्ववर्ती परिपत्र डीपीएसएस(केका) सं.2118/04.04.002/2007–2008 का अवलोकन कीजिए। आरटीजीएस की समय-व्‍यवस्‍था की समीक्षा करने के बाद आरटीजीएस स्‍थायी समिति ने निर्णय किया है कि आरटीजीएस की समय-व्‍यवस्‍था को बढ़ाते हुए ग्राहकों द्वारा लेनदेन हेतु शनिवारों को 12:00 बजे दोपहर से 12:30 बजे दोपहर तक और अंतर बैंक लेनदेन के लिए 14.00 बजे से 14.30 बजे तक कर दिया जाए। नवीन समय व्‍यवस्‍था 10 जनवरी 2009 से पहले ही प्रभावी हो चुकी है। ग्राहकों और अंतर बैंक लेनदेन के लिए आरटीजीएस की नवीन कट-ऑफ समय व्‍यवस्‍था निम्‍नानुसार है :

दिवस ग्राहक लेनदेन अंतर बैंक लेनदेन
सोमवार – शुक्रवार 9:00 बजे से 16:30 बजे तक 9:00 बजे से 18:00 बजे तक
शनिवार 9:00 बजे से 12:30 बजे तक 9:00 बजे से 14:30 बजे तक

इस सबंध में हमारा यह अवलोकन रहा है कि यद्यपि आरटीजीएस सुविधा को देश की 53,000 से भी अधिक बैंक शाखाओं में दिया जा चुका है तथापि इस प्रणाली का उपयोग समानुपातिक रूप से नहीं बढ़ा है। आरटीजीएस के प्रयोग को वांछित स्‍तर तक लाने के प्रयोजन से आरटीजीएस के सदस्‍य बैंकों को सूचित किया जाता है कि :

  1. वे अपने ग्राहकों के विन्‍डो को आरबीआई के कारोबारी सत्रों के समानुरूप करें।

  2. वे अपने ग्राहकों को शिक्षित करते हुए/विज्ञापनों आदि के माध्‍यम से इस उत्‍पाद का प्रचार करें।

  3. आरटीजीएस के प्रयोग को बढ़ाने के लिए वे अपने शाखाओं के स्‍तर पर प्रयोक्‍ता के लिए सहज वातावरण का सृजन करें।

  4. वे ऐसी शाखाओं की शिनाख्‍त करें जहां संभावना तो है पर इस प्रणाली का उपयोग नहीं हो रहा।

  5. आरटीजीएस के अधिकाधिक उपयोग के बारे में अपनी शाखाओं को प्रोत्‍साहित करें।

  6. वे अपनी शाखाओं के सम्‍पूर्ण नेटवर्क को आरटीजीएस सक्षम बनाएं।

  7. संबंधित बैंकों द्वारा प्रयोजित आरआरबी के ग्राहकों को आरटीजीएस सुविधा देने में तेजी लाएं।

कृपया पावती भिजवाए और की गई कार्रवाई के बारे में यथासमय रिपोर्ट अग्रेषित करें।

भवदीय,

(जी. पद्मनाभन)
मुख्‍य महाप्रबंधक

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