बाह्य वाणिज्यिक उधार - आरबीआई - Reserve Bank of India
बाह्य वाणिज्यिक उधार
आरबीआइ/2006-07/194 दिसंबर 4, 2006 सेवा में महोदया/महोदय, बाह्य वाणिज्यिक उधार प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान बाह्य वाणिज्यिक उधार से संबद्ध समय-समय पर यथासंशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा उधार देना) विनियमावली, 2000 के विनियम 6 तथा अगस्त 1, 2005 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.5 की ओर आकर्षित किया जाता है। 2. वर्तमान में, कंपनियां स्वतः अनुमोदित मार्ग के अंतर्गत, एक वित्तीय वर्ष में 5 वर्ष की न्यूनतम औसत परिपक्वता के साथ 500 मिलियन अमरीकी डॉलर तक का बाह्य वाणिज्यिक उधार ले सकती हैं। बाह्य वाणिज्यिक उधार के मार्गदर्शी सिद्धांतों को और उदार बनाने की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है कि अब से आगे कंपनियां स्वतः अनुमोदित मार्ग के अंतर्गत एक वित्तीय वर्ष में 500 मिलियन अमरीकी डॉलर की वर्तमान सीमा के अतिरिक्त, अनुमोदन मार्ग के अंतर्गत 10 वर्ष से अधिक की औसत परिपक्वता के साथ 250 मिलियन अमरीकी डॉलर की अतिरिक्त राशि का बाह्य वाणिज्यिक उधार ले सकती हैं। बाह्य वाणिज्यिक उधार के अन्य मानदण्ड जैसे अंतिम उपयोग, समग्र लागत सीमा, मान्यताप्राप्त उधारकर्ता, आदि का अनुपालन करना होगा। तथापि, ऐसे बाह्य वाणिज्यिक उधारों पर 10 वर्ष तक समयपूर्व भुगतान तथा क्रय-विक्रय विकल्प अनुमत नहीं होंगे। 3. इसके अलावा, कंपनियों को उनकी चल निधि और ब्याज लागत के प्रबंधन में और लचीलापन प्रदान करने की दृष्टि से प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक ऋण पर यथालागू न्यूनतम औसत परिपक्वता अवधि के अनुपालन की शर्त पर, रिज़र्व बैंक के पूर्वानुमोदन के बिना 200 मिलियन अमरीकी डॉलर की वर्तमान सीमा के बदले 300 मिलियन तक के बाह्य वाणिज्यिक उधार के समयपूर्व भुगतान की अनुमति, देंगे। 4. संशोधित बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति तत्काल प्रभाव से लागू होगी तथा समीक्षा के अधीन होगी। 5. मई 3, 2000 की विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा उधार देना) विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किए जा रहे हैं। 6. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने घटकों और ग्राहकों को अवगत करा दें। 7. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है। भवदीय (सलीम गंगाधरन) |