RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S2

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79058229

बाह्य वाणिज्यिक उधार

आरबीआइ / 2006-07
ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.44 दिनांक

अप्रैल 30, 2007

सेवा में
सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक

महोदया / महोदय

बाह्य वाणिज्यिक उधार

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान बाहय वाणिज्यिक उधार से संबंधित दिसंबर 04, 2006 के ए.पी. (डीआइआरसिरीज़) परिपत्र सं.17 और वर्ष 2007-2008 के वार्षिक नीति वक्तव्य में की गई घोषणा (पैरा 136) की ओर आकर्षित करते हैं।

2. कंपनियों की चलनिधि और ब्याज लागत के सक्रिय रूप से संचालन को और अधिक लोच प्रदान करने की दृष्टि से बाह्य वाणिज्यिक उधार के पूर्व भुगतान की वर्तमान सीमा को 300 मिलियन अमरीकी डालर से बढ़ाकर 400 मिलियन अमरीकी डालर कर दिया गया है। तदनुसार, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक, ऋण पर यथा लागू न्यूनतम औसत परिपक्वता अवधि के अनुपालन की शर्त पर रिज़र्व बैंक के पूर्व अनुमोदन के बगैर 400 मिलियन अमरीकी डालर तक के बाह्य वाणिज्यिक उधार के पूर्व भुगतान की अनुमति दे सकते हैं।

3. संशोधित बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति तत्काल प्रभाव से लागू होगी तथा समीक्षा के अधीन है।

4. मई 3, 2003 की फेमा अधिसूचना सं.3/2000 - आरबी डविदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा देना) विनियमावली 2000 के आवश्यक संशोधन अलग से जारी किए जा रहे हैं।

5. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय वस्तु से अपने मुवक्किलों और ग्राहकों को अवगत कराएं ।

6. इस परिपत्र में निहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 की धारा 10(4)और 11(1) के अंतर्गत जारी किए है और किसी अन्य कानून के तहत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।

भवदीय

(सलीम गंगाधरन)
मुख्य महा प्रबंधक

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?