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बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) - स्पष्टीकरण

आर.बी.आइ/2004/128
एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 82

1 अप्रैल 2004

सेवा में

विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी

महोदया/महोदय

बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) - स्पष्टीकरण

जनवरी 31, 2004 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.60 द्वारा जारी संशोधित बाह्य वाणिज्यिक उधार मार्गदर्शी सिद्धांतों को संशोधत किया गया है। भारतीय रिज़र्व बैंक से बाह्य वाणिज्यिक उधार के मार्गदर्शी सिद्धांतों के विभिन्न पहलुओं से संबंधित अनेक प्रश्न पूछे जा रहे हैं। इन मुद्दों के संबंध में हमारे स्पश्टीकरण नीचे दिए जा रहे हैं।
की ओर आकृष्ट किया जाता हैं।

2. अंतिम उपयोग - फरवरी 1, 2004 से पूर्व, पात्र उधारकर्ताओं को सामान्य कंपनी प्रयोजन के लिए प्रत्येक वित्तीय वर्ष में स्वत: अनुमोदित मार्ग के अंतर्गत 50 मिलियन अमरीकी डॉलर के बराबर की राशि की बाह्य वाणिज्यिक उधार की अनुमति दी गई थी। तथपि, संशोधित ईसीबी मार्गदर्शी सिद्धांतों के अंतर्गत, कार्यकारी पूंती, सामान्य कंपनी प्रयोजन और वर्तमान रुपए ऋण की चुकौती के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार के अंतिम उपयोब की अनुमति नहीं है।

3. स्वत:अनुमोदित मार्ग के अंतर्गत ईसीबी की राशि - यह स्पष्ट किया जाता है कि स्वत: अनुमोदित मार्ग के अंतर्गत किसी पात्र उधारकर्ता द्वारा उगाही जाने वाली ईसीबी की अधिकतम राशि किसी वित्तीय वर्ष के दौरान 500 मिलियन अमरीकी डॉलर या इसके समकक्ष की राशि है।

4. ईसीबी-2 विवरणी प्रस्तुत करना - फरवरी 1, 2004 से ईसीबी का लाभ उठाने वाले उधारकर्ताओं से अपेक्षा है कि वे नामित प्राधिकृत व्यापारी द्वारा अधिप्रमाणित ईसीबी-2 विवरणी मासिक आधार पर निदेशक, भुगतान संतुलन सांख्यकीय प्रभाग, सांख्यकीय विश्लेषण और कंप्यूटर सेवा विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, बांद्रा-कुर्ला संकुल, बांद्रा (पुर्व), मुंबई 400051 को संबंधित माह के अंत से सात कार्यकारी दिवस के अंदर भेजें। यह स्पष्ट किया जाता है कि सभी वर्तमान उधारकर्ताओं को भी उपर्युक्त के अनुसार जनवरी 2004 से मासिक आधार पर ईसीबी-2 विवरणी प्रस्तुत करना है।

5. ईसीबी मार्गदर्शी सिद्धांतों का अनुपालन - उगाही गई/ उपयोग की गई ईसीबी भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुदेशों के अनुरूप है या नहीं यह सुनिश्चित करने की मुख्य जिम्मेदारी संबंधित उधारकर्ता की है और ईसीबी के मार्गदर्शी सिद्धांतों के किसी भी उल्लंघन को गंभीरतापूर्वक लिया जाएगा और दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है। नामित प्राधिकृत व्यापारी को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि ईसीबी की उगाही/ उपयोंग अंधिप्रमाणन के समय मार्गदर्शी सिद्धांतों के अनुरूप है।

6. पूर्ववर्ती 5 मिलियन अमरीकी डॉलर योजना के अंतर्गत ईसीबी - रिज़र्व बैंक के विशिष्ट अनुमोदन से पूर्ववर्ती 5 मिलियन अमरीकी डॉलर योजना के अंतर्गत ईसीबी का लाभ उठाने वाले उधारकर्ता वर्तमान में चुकौती अवधि के विस्तार के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक के पास जाएं। यह निर्णय लिया गया है कि ऐसे विस्तार के अनुमोदन के लिए नामित प्राधिकृत व्यापारियों को सामान्य अनुमति दी जाए बशर्ते कि ऐसे ऋण अवधि के पुनर्निधारण के लिए बगैर किसी अतिरिक्त लागत के विदेशी उधारकर्ता से एक सहमति पत्र प्राप्त किया जाता है। ऐसे अनुमोदन मूल ऋण/ ऋण पंजीकरण संख्या तथा वर्तमान और संशोधित चुकौती की निर्धारण अवधि की अनुसूची के साथ और बाद में ईसीबी-2 में अनुमोदन के सात दिनों के अंदर प्रारंभ में मुख्य महाप्रबंधक, विदेशी मुद्रा विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केद्रीय कार्यालय, ईसीबी प्रभाग, मुंबई को भेजे जाएं।

7. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने सभी ग्राहकों को अवगत करा दें।

8. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं।

भवदीय

एफ. आर. जोसेफ़
मुख्य महाप्रबंधक

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