विदेशी ईक्विटी धारक से बाह्य वाणिज्यिक उधार (ECB) - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी ईक्विटी धारक से बाह्य वाणिज्यिक उधार (ECB)
भारिबैंक/2013-14/221 4 सितंबर 2013 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक महोदया/महोदय, विदेशी ईक्विटी धारक से बाह्य वाणिज्यिक उधार (ECB) प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान बाह्य वाणिज्यिक उधार से संबंधित, समय-समय पर यथा संशोधित, 1 अगस्त 2005 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 5 की ओर आकृष्ट किया जाता है। 2. मौजूदा बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति के अनुसार, बाह्य वाणिज्यिक उधार के रूप में लिए गए उधार का उपयोग सामान्य कार्पोरेट प्रयोजन के लिए नहीं किया जा सकता है। 3. समीक्षा करने पर, यह निर्णय लिया गया है कि पात्र उधारकर्ताओं को सामान्य कार्पोरेट प्रयोजन के लिए अपनी विदेशी ईक्विटी होल्डर कंपनी से 7 वर्षों की न्यूनतम औसत परिपक्वता वाले बाह्य वाणिज्यिक उधार लेने की अनुमति अनुमोदन मार्ग के तहत निम्नलिखित शर्तों पर दी जाए: (i) उधारदाता द्वारा न्यूनतम 25 प्रतिशत प्रदत्त ईक्विटी सीधे ही धारित हो; (ii) ऐसे बाह्य वाणिज्यिक उधारों का उपयोग ऐसे किसी प्रयोजन के लिए नहीं किया जाएगा जो बाह्य वाणिज्यिक उधार संबंधी मौजूदा दिशानिर्देशों के तहत अनुमत नहीं है(भारत में अपनी समूह कंपनियों/स्टेप डाउन सहायक कंपनियों को आगे उधार देने सहित); और (iii) मूल राशि की चुकौती 7 वर्षों की न्यूनतम औसत परिपक्वता अवधि पूर्ण होने पर ही प्रारंभ की जाएगी। परिपक्वता अवधि से पहले कोई पूर्व भुगतान करने की अनुमति नहीं होगी। 4. बाह्य वाणिज्य उधार संबंधी दिशानिर्देशों में किए गए उपर्युक्त संशोधन तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। वर्तमान बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति संबंधी दिशानिर्देशों के सभी अन्य पहलू अपरिवर्तित बने रहेंगे। 5. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने घटकों और ग्राहकों को अवगत करायें। 6. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं । भवदीय, (रुद्र नारायण कर) |