बाह्य वाणिज्य उधार (ईसीबी) नीति - आरबीआई - Reserve Bank of India
बाह्य वाणिज्य उधार (ईसीबी) नीति
भारिबैंक/2009-10/333 02 मार्च 2010 सभी श्रेणी -। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय बाह्य वाणिज्य उधार (ईसीबी) नीति प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। (एडी श्रेणी-।)बैंकों का ध्यान बाह्य वाणिज्य उधार (ईसीबी) से संबंधित 1 अगस्त 2005 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 5 और 8 अक्तूबर 2008 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 20 की ओर आकर्षित किया जाता है । 2. वर्तमान बाह्य वाणिज्य उधार (ईसीबी) नीति के अनुसार, संरचना क्षेत्र (i) बिजली, (ii) दूरसंचार,(iii) रेलवे,(iv) पुल समेत रोड,v) बंदरगाह,vi) औद्यौगिक पार्क, (vii) शहरी बुनियादी आवश्यकताएं (पानी की आपूर्ति, स्वच्छता एवं जल-मल निकासी परियोजनाएं), (viii) खनन, अन्वेषण और परिष्करण के रुप में परिभाषित है। 3. वर्ष 2010-11 के लिए केद्रीय बजट के पैराग्राफ 54 में यथा घोषित,यह निर्णय लिया गया है कि ‘‘कृषि और अनुषंगी उत्पाद, समुद्री उत्पादों और मांस के परिरक्षण अथवा भंडारण के लिए खेत-स्तर पर प्री-कूलिंग सहित शीतगृहों में भंडारण अथवा कोल्ड रूम - सुविधा’’ शामिल किये जाने के लिए बाह्य वाणिज्य उधार लेने के प्रयोजन से संरचना क्षेत्र की परिभाषा के दाये में विस्तार किया जाए । तदनुसार, अब इसके आगे से संरचना क्षेत्र की परिभाषा में (i) बिजली,(ii) दूरसंचार,(iii) रेलवे,(iv) पुल समेत रोड,v) बंदरगाह,(vi) औद्यौगिक पार्क,(vii) शहरी बुनियादी आवश्यकताएं (पानी की आपूर्ति, स्वच्छता एवं जल-मल निकासी परियोजनाएं),और (viii) खनन,अन्वेषण और परिष्करण और (ix) कृषि और अनुषंगी उत्पाद, भंडारण के लिए खेत-स्तर पर प्री-कूलिंग सहित शीतगृहों में भंडारण अथवा कोल्ड रूम -सुविधा’’शामिल की जायेगी । 4. बाह्य वाणिज्य उधार नीति के सभी अन्य पहलू , जैसे स्वचालित मार्ग के तहत प्रति वित्तीय वर्ष प्रति कंपनी 500 मिलियन अमरीकी डॉलर की सीमा, पात्र उधारकर्ता, मान्यताप्राप्त उधारदाता, अंतिम उपयोग, औसत परिपक्वता अवधि, पूर्वभुगतान, वर्तमान बाह्य वाणिज्य उधार का पुन:वित्तीयन और रिपोर्टिंग व्यवस्था तथा ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्रों में निर्धारित शर्ते यथावत् रहेंगी। 5. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने निर्यातक घटकों को और संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें। 6. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा अधिनियम,1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अंतर्गत जारी किये गये हैं और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है । भवदीय सलीम गंगाधरन |