बाह्य वाणिज्यिक उधार ( ईसीबी ) नीति - उदारीकरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
बाह्य वाणिज्यिक उधार ( ईसीबी ) नीति - उदारीकरण
आरबीआई/2010-11/167 12 अगस्त 2010 सभी श्रेणी-। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय बाह्य वाणिज्यिक उधार ( ईसीबी ) नीति - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - I (एडी श्रेणी - I) बैंकों का ध्यान बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति से संबंधित 2 जनवरी 2009 के ए.पी. ( डीआइआर सिरीज़ ) परिपत्र सं. 46 के पैरा 2(iv)कीओरआकर्षितकियाजाताहै। 2. वर्तमान में सेवा क्षेत्र की संस्थाओं अर्थात् होटलों, अस्पतालों और सॉफ्टवेयर क्षेत्र को स्वीकार्य अंतिम उपयोगों के लिए विदेशी मुद्रा और/ अथवा रुपया पूंजी व्यय हेतु स्वत: अनुमोदित मार्ग के तहत प्रति वित्तीय वर्ष 100 मिलियन अमरीकी डॉलर तक बाह्य वाणिज्यिक उधार लेने की अनुमति दी जाती है। समीक्षा करने पर अब यह निर्णय लिया गया है कि होटल, अस्पताल, और सॉफ्टवेयर क्षेत्रों की कंपनियों से स्वीकार्य अंतिम उपयोगों के लिए विदेशी मुद्रा और/ अथवा रुपया पूंजी व्यय हेतु स्वत: अनुमोदित मार्ग के तहत 100 मिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक बाह्य वाणिज्यिक उधार लेने के लिए आवेदनपत्रों पर विचार किया जाए। भूमि अधिग्रहण के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार की आय का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। 3. बाह्य वाणिज्यिक उधार दिशा-निर्देशों में आशोधन तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। पात्र उधारकर्ता, मान्यताप्राप्त उधारदाता, अंतिम उपयोग, समग्र लागत सीमा, औसत परिपक्वता अवधि, पूर्वभुगतान, वर्तमान बाह्य वाणिज्यिक उधार का पुन:वित्तीयन और रिपोर्टिंग व्यवस्था से संबंधित वर्तमान बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति के सभी अन्य मानदंड पैरा 1 में विनिर्दिष्ट परिपत्र में दर्शाये गये अनुसार स्वत: अनुमोदित मार्ग के तहत उपर्युक्त क्षेत्रों द्वारा लिये गये बाह्य वाणिज्यिक उधार के मामले में लागू रहेंगे। 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - 1 बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों तथा ग्राहकों को अवगत करा दें । 6. इस परिपत्र में समाहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और 11 (1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं। भवदीय (सलीम गंगाधरन) |